गुवाहाटी: "असम का लगभग हर जिला मिनी बांग्लादेश बन गया है. पड़ोसी बांग्लादेश के बारे में तो सभी जानते हैं. वहां हिंदुओं पर कैसे हमले हुए हैं." शुक्रवार को एक बार फिर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर नजर आए. सरमा ने दावा किया है कि असम में मुसलमानों की संख्या बढ़ रही है और हिंदुओं की संख्या घट रही है. उन्होंने बांग्लादेश में हाल की सांप्रदायिक स्थिति को देखते हुए असम में हिंदुओं के भविष्य पर चिंता व्यक्त की.
शुक्रवार को गुवाहाटी के रुक्मिणीगांव के तंगरा सत्र में भक्त और भोजन गृह के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री ने असम में धार्मिक आधार पर आक्रामकता के बारे में कई टिप्पणियां कीं. सरमा ने कहा कि "असम में अब बांग्लादेश जैसी स्थिति बन रही है. आज असम के मठ, मंदिर संकट में हैं. हम आसन्न अंधकार को संगठित तरीके से भविष्य की ओर धकेल रहे हैं. कभी परिसीमन हो रहा है. कभी आंदोलन आदि से इसे रोककर हम इस आक्रामकता को पीछे ले जा रहे हैं."
असम में इसे वास्तविकता बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजनीतिक रूप से यह अनिश्चित है कि असम के हिंदू कितने सुरक्षित हैं." लेकिन अगर हमारा समाज एकजुट है, अगर हम अपने धार्मिक संस्थानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं और अगर हम अपनी आने वाली पीढ़ी को अपने दो महान वैष्णव गुरुओं (श्रीमंत शंकरदेव और श्री माधवदेव का जिक्र करते हुए) की विचारधाराओं से प्रेरित रख सकते हैं, तो शायद हम असमिया के रूप में जीवित रह पाएंगे." उन्होंने कहा कि असम का लगभग हर जिला मिनी बांग्लादेश में तब्दील हो चुका है. असम के कई क्षत्रों की जमीन पर एक वर्ग के लोगों (अवैध प्रवासियों) ने कब्जा कर लिया है.