तेलंगाना में बीआरएस को एक और झटका, चेवेल्ला विधायक काले यादैया कांग्रेस में शामिल - BRS MLA Kale Yadaiah Joins Congress - BRS MLA KALE YADAIAH JOINS CONGRESS
बीआरएस से कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. हाल ही में बीआरएस चेवेल्ला विधायक काले यादैया ने कांग्रेस का दामन थाम लिया. दिल्ली में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और राज्य मामलों की प्रभारी दीपा दासमुंशी की मौजूदगी में उन्होंने कांग्रेस का पटका ओढ़ लिया.
बीआरएस एमएलए कांग्रेस में शामिल (फोटो - ETV Bharat Telangana Desk)
हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को एक और झटका लगा. पार्टी के विधायक काले यादैया शुक्रवार को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल हो गए. रंगारेड्डी जिले के चेवेल्ला निर्वाचन क्षेत्र के विधायक यादैया दिल्ली में मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, एआईसीसी प्रभारी दीपा दासमुंशी और अन्य नेताओं की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए. यादैया चार महीनों में कांग्रेस में शामिल होने वाले बीआरएस के छठवें विधायक हैं.
पिछले सप्ताह बीआरएस के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. पिछले साल नवंबर में राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से बीआरएस के कई वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. यादैया के लिए यह घर वापसी है. वह 2015 में कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने जाने के कुछ महीने बाद बीआरएस में शामिल हो गए थे. 2018 में उन्होंने बीआरएस उम्मीदवार के रूप में चेवेल्ला सीट बरकरार रखी.
पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनावों में, यादैया ने कांग्रेस पार्टी के पी. बीम भारत को 268 मतों के अंतर से हराकर लगातार तीसरी बार चेवेल्ला सीट जीती. यादैया ने मार्च में रेवंत रेड्डी से मुलाकात की थी. इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. इसके पहले बीआरएस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पोचाराम श्रीनिवास रेड्डी 21 जून को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए.
वह निजामाबाद जिले के बांसवाड़ा से विधायक और पूर्व मंत्री हैं. इसके दो दिन बाद, जगतियाल निर्वाचन क्षेत्र से बीआरएस विधायक एम. संजय कुमार कांग्रेस में शामिल हुए. हालांकि, संजय कुमार के शामिल होने से कांग्रेस के कुछ नेता नाराज हो गए. पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री टी. जीवन रेड्डी ने विधान परिषद सदस्य के रूप में इस्तीफा देने की धमकी दी.
हालांकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने बाद में उनकी नाराजगी दूर कर दी. गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 65 और बीआरएस को 39 सीटें मिलीं थीं। बाद में लगातार हो रहे दलबदल और सिकंदराबाद कैंटोनमेंट निर्वाचन क्षेत्र में हाल ही में हुए उपचुनाव में हार के कारण बीआरएस के विधायकों की संख्या घटकर 32 रह गई.