रायपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर 23 तारीख को देर शाम छत्तीसगढ़ रायपुर पहुंच रहे हैं. अपने इस कार्यक्रम में अमित शाह इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक करेंगे. छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित जिले हैं ऐसे में नक्सलियों के सफाई को लेकर के केंद्रीय गृह मंत्री ने जो वादा किया है उसको लेकर के भी मजबूत रणनीति बनाई जाएगी. इन तमाम चीजों से पहले 24 तारीख को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रायपुर के चंपारण में स्थित वैष्णो समुदाय के मार्गदर्शक वल्लभाचार्य जी के मंदिर में दर्शन करेंगे साथ ही चंपेश्वर नाथ मंदिर में भी जलाभिषेक करेंगे.
क्या है चंपारण धाम की मान्यता ?: रायपुर के चंपारण में चंपेश्वर महामंदिर और महाप्रभु वल्लभाचार्य का मंदिर छत्तीसगढ़ में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. इस मंदिर का पौराणिक महत्व है. वल्लभाचार्य जी के बारे में जो कहानी प्रचलित है उसके अनुसार 13वीं या 14वीं सदी में दक्षिण भारत के कृष्णा नदी के किनारे कंकरपाडु नामक गांव में यज्ञ नारायण भट्ट नामक एक ब्राह्मण परिवार रहता था. उनके प्रपौत्र बल्लभ भट्ट हुए. जिनके दो पुत्र लक्ष्मण भट्ट और जनार्दन भट्ट थे. लक्ष्मण भट्ट का विवाह वर्तमान समय में मिर्जापुर जिला जो उत्तर प्रदेश में है के विंध्यनगर के राजपुरोहित की बेटियों के साथ हुआ.
लक्ष्मण भट्ट की पत्नी ने चंपारण म: कालांतर में लक्ष्मण भट्ट ने मुगल द्वारा आक्रमण करने के वजह से अपनी पत्नी के साथ यात्रा पर निकल गए. उस समय उनकी पत्नी इल्लामागारू ने चैत माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रास्ते में एक बच्चे को जन्म दिया. यह वर्तमान समय में रायपुर का चंपारण कहा जाता है. बच्चा जीवित नहीं था जिसके कारण उन लोगों ने बच्चों को मृत समझ कर समी के पेड़ के नीचे सूखे पत्तों से ढक दिया और वह वहां से चले गए.
लोककथा के अनुसार जानिए कौन हैं वल्लभाचार्य ?: लोक कथा और लोकोक्तियों में यह वर्णित है की रात्रि के समय जिस स्थान पर पति-पत्नी विश्राम कर रहे थे उन्हें रात में स्वप्न आया कि जिस बच्चे को मृत समझ करके आप जंगल में छोड़ आए हैं वह जिंदा है. जब लक्ष्मण भट्ट और उनकी पत्नी उस स्थान पर पहुंचे तो उनका पुत्र जीवित था. 1479 चैत मास कृष्ण पक्ष की एकादशी की रात्रि को जन्मे इस बालक का नाम वल्लभाचार्य रखा गया. उन्होंने वैष्णो समुदाय को प्रचारित और प्रसारित किया.