नई दिल्ली :नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के द्वारा 1 जून से पायलटों के लिए संशोधित उड़ान शुल्क मानदंडों के कार्यान्वयन को स्थगित किेए जाने पर यू टर्न लेने के एक दिन बाद फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट (एफआईपी) ने केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि यह न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालता है बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करता है.
28 मार्च को सिंधिया को लिखे पत्र में यह भी कहा गया है कि हितधारकों के साथ पूर्व परामर्श के बिना डीजीसीए 26 मार्च 2024 को सीएआ का संशोधित संस्करण जारी कर दिया. हालांकि संशोधन ऑपरेटरों के लिए 1 जून 2024 से स्थगित कर दिया गया. इसके बजाय अनुसूचित हवाई परिचलन संचालन में लगे ऑपरेटरों को अब नई सीएआर के अनुरूप अपनी संबंधित योजनाओं की मंजूरी तक 24 अप्रैल 2019 के मुताबिक संचालन जारी रखने की अनुमति होगी.
आगे इस बात पर प्रकाश डालते हुए कहा गया है कि डीजीसीए के यू-टर्न से न केवल पायलटों की बल्कि हवाई यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा है. इसमें कहा गया है कि डीजीसीए द्वारा नवीनतम संशोधन यानी कार्यान्वयन के लिए अंतिम तिथि को छोड़ना है और लगातार रात के संचालन से संबंधित नियमों में किया गया संशोधन मनमाना है, क्योंकि इसका प्रभाव यह सुनिश्चित करना है कि संशोधित सीएआर स्थिर है. साथ ही यह भी कहा गया है कि डीजीसीए की कार्रवाई न केवल पायलट सुरक्षा को खतरे में डालती है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी कमजोर करती है. इसे संशोधित सीएआर के कार्यान्वयन द्वारा संरक्षित किया जा सकता है. इसके अलावा ऑपरेटरों के व्यावसायिक लाभ के लिए पायलटों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाला जा सकता है.