दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

यहीं गुजरा था बचपन, 77 साल बाद पाकिस्तान से अपने पैतृक गांव पहुंचे खुर्शीद - KHURSHEED AHMED VISIT INDIA

बंटवारे के दौरान कई लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे. खुर्शीद 77 साल बाद अपने पैतृक गांव मछराई पहुंचे.

After 77 Years Khursheed Ahmed
खुर्शीद 77 साल बाद पाकिस्तान से भारत पहुंचे (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 19, 2024, 3:40 PM IST

गुरदासपुर: पंजाब के गुरदासपुर के मछराई गांव में जश्न का माहौल है. ऐसा इसलिए है क्योंकि पाकिस्तान से एक बुजुर्ग खुर्शीद अहमद 77 साल बाद आज अपने पैतृक गांव को देखने भारत आए हैं. खास बात यह है कि खुर्शीद की उम्र 90 साल से अधिक है. जब देश आजाद हुआ तो वह बचपन में पंजाब के मछराई गांव में अपनी हवेली में रहते थे.

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान इस गांव के मुस्लिम समुदाय के सभी लोग पाकिस्तान चले गए थे और वहीं बस गए थे. खुर्शीद ने बताया कि, पाकिस्तान में रहते हुए भी उनके मन में यह इच्छा थी कि एक दिन वह उस गांव में जाएं जहां वह पैदा हुए और जहां उनका बचपन बीता.

पाकिस्तान से अपने पैतृक गांव पहुंचे खुर्शीद (ETV Bharat)

आज जब वह अपने गांव पहुंचे तो खुर्शीद की आंखों में खुशी के आंसू थे. उन्होंने कहा कि, उन्हें ऐसा लग रहा है जैसे आज उन्होंने अपना हज पूरा कर लिया है. बुजुर्ग ने बताया कि, जब वे गांव पहुंचे तो उन्हें लोगों ने बहुत प्यार दिया. गांव में भले ही नए-नए घर बन गए हों, लेकिन लोग आज भी अपने पुराने लोगों की तरह ही हैं.

भारत-पाकिस्तान बंटवारे का दर्द
बता दें कि,1947 में भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान कई परिवार उजड़ गए थे. सिर्फ परिवार ही नहीं, बल्कि सीमा से सटे कई गांवों का भी बंटवारा हो गया था. कई लोग ऐसे थे, जिनका बचपन भारत में तो बिता लेकिन अपनी जवानी और बुढ़ापा पाकिस्तान में काट दिए.

समय भले ही बीत गया हो, लेकिन 'प्यार की जड़ें' ऐसी हैं कि आज भी वे लोग यहां आने के लिए तरसते हैं. जब से भारत के लोगों के लिए श्री ननकाना साहिब के दर्शन करने का रास्ता खुला है, तब से ऐसे कई परिवारों और लोगों को मौका मिला है. जो लोग बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए थे, काफी लंबे समय के बाद पाकिस्तान से सीमा पार करके भारत (पंजाब) में आकर अपने पैतृक गांवों में आए. उस मौके पर उनकी खुशी उनके मुस्कुराते चेहरों से ही देखी जा सकती है.

कुछ साल पहले ननकाना साहिब में हुई थी खुर्शीद से मुलाकात
पिछले कुछ सालों से कनाडा में रह रहे इस गांव के निवासी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि, खुर्शीद की मुलाकात कुछ साल पहले पाकिस्तान के गुरुद्वारा ननकाना साहिब में उनके भाई से हुई थी और उन्होंने भारत आने की इच्छा जताई थी. फिर यहीं से भाई ने खुर्शीद और पाकिस्तान में रह रहे उनके परिवार से संपर्क बनाए रखा और अब आखिरकार उन्हें वीजा मिल गया है और वे यहां अपने पैतृक गांव आ गए. उन्होंने बताया कि खुर्शीद को करीब 45 दिन का वीजा मिला है, लेकिन शायद वे जल्द ही पाकिस्तान लौट जाएंगे.

ये भी पढ़ें:पाकिस्तान में क्यों खड़ी है भारत की यह ट्रेन, जानिए क्या है वजह

ABOUT THE AUTHOR

...view details