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कर्नाटक में फर्जी तरीके से सरकारी नौकरी पाने की कोशिश, 48 आरोपी चढ़ गए पुलिस के हत्थे - fake marks to get govt jobs - FAKE MARKS TO GET GOVT JOBS

FAKE MARKS TO GET GOVT JOBS: सीसीबी विशेष जांच दस्ते के अधिकारियों ने 37 उम्मीदवारों सहित 48 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो फर्जी दस्तावेज जमा करके जल संसाधन विभाग के द्वितीय श्रेणी के सहायक पद पाने की कोशिश कर रहे थे.

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फोटो (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2024, 7:12 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु में फर्जी दस्तावेज जमा करके जल संसाधन विभाग के द्वितीय श्रेणी के सहायक पद पाने की कोशिशों का भंडाफोड़ हुआ है. इस मामले में सीसीबी विशेष जांच दस्ते के अधिकारियों ने 37 उम्मीदवारों सहित 48 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

सीसीबी पुलिस ने जानकारी दी है कि, 11 बिचौलियों के साथ 37 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से तीन आनंद, कृष्णा और प्रदीप सरकारी कर्मचारी बताए जाते हैं. आनंद कलबुर्गी जिले के मोरारजी देसाई स्कूल का प्रिंसिपल है. वहीं, कृष्णा कर्नाटक पावर ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन (KPTCL) के जोग फॉल्स कार्यालय में FDA के तौर पर और प्रदीप हासन में जल संसाधन विभाग के एफडीआई के रूप में कार्य करता था. गिरफ्तार आरोपियों के पास से कुल 17 मोबाइल फोन, 40 लाख कीमत की दो कारें और एक कंप्यूटर हार्ड डिस्क बरामद की गई है.

जल संसाधन विभाग ने अक्टूबर 2022 में सीधी भर्ती के माध्यम से द्वितीय श्रेणी सहायक बैकलॉग के 182 पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे. इस दौरान इससे जुड़े फर्जीवाड़े का मामला निकल कर सामने आया. जिसके बाद विभाग के अधिकारियों ने अंक पत्र में किए गए धांधली को लेकर 62 उम्मीदवारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए शेषाद्रिपुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है. जांच के क्रम में भर्ती के लिए जमा किए गए अन्य दस्तावेज सत्यापन के दौरान फर्जी पाए गए.

इस मामले की जांच कर रही सीसीबी इंस्पेक्टर श्रीनिवास के नेतृत्व वाली टीम ने 62 उम्मीदवारों में से 37 उम्मीदवारों को गिरफ्तार कर लिया.आरोप है कि इन लोगों ने 12 जिलों से फर्जी तरीके से आवेदन किया था. सीसीबी पुलिस ने जानकारी दी है कि बिचौलिए के तौर पर काम करने वाले 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

25 उम्मीदवार लापता
गिरफ्तार किए गए सभी उम्मीदवार मध्यम वर्ग के हैं और एसएसएलसी और पीयूसी फेला से संबंधित हैं. खबर के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों को कम प्रतिशत मिला था, वे गलत तरीके से सरकारी नौकरी पाने के लिए फर्जी मार्कशीट बनाने के नेटवर्क से जुड़े थे. आरोप है कि, ये लोग फर्जी तरीके से नौकरी पाने के लिए लाखों रुपये का भुगतान कर उच्च अंकों वाली मार्कशीट प्राप्त कर सरकारी नौकरी पाने की कोशिश कर रहे थे. खबर के मुताबिक, इस दौरान सक्रिय बिचौलियों ने अभ्यर्थियों से व्यक्तिगत रूप से धोखाधड़ी की. फिलहाल 25 उम्मीदवार लापता बताए जा रहे हैं. पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है.

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