काकीनाडा: आंध्र प्रदेश में 17 साल की एक लड़की को कथित तौर पर प्यार के जाल में फंसाकर उससे जबरन शादी करने और फिर देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया गया. आज जिस लड़की को जिंदगी के रंग बिरंगे सपने देखने चाहिए थे, वह आज विशाखापत्तनम के एक मनोरोग अस्पताल में बेहोश पड़ी हुई है. यह भयानक घटना काकीनाडा जिले के पेड्डापुरम से आई है.
17 साल की लड़की के साथ कथित तौर पर वेश्यावृति में धकेले जाने के बाद दुर्व्यवहार हुआ. आज उसकी जिंदगी खतरे में पड़ गई है. अस्पताल में उसके हाथ-पैर मुड़े हुए हैं. वह ज्यादा बोल नहीं पा रही है. यह लड़की के साथ हुए दर्दनाक यातना की कहानी कह रही है. आरोपी है कि, ससुराल में पहुंचने पर लड़के की मौसी ने कथित तौर पर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में लड़की को देह व्यापार की आग में धकेल दिया, जिसमें वह बुरी तरह से झुलस गई.
धोखे की जाल में कैसे फंसी पीड़िता?
खबर के मुताबिक, अनकापल्ले जिले की रहने वाली एक 17 साल की मासूम लड़की को कथित तौर पर पेड्डापुरम के एनटीआर कॉलोनी के चंदू नाम के एक व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर अपने जाल में फंसाया था. उसके लुभावने वादों पर विश्वास करके लड़की उसके साथ रहने के लिए अपना घर छोड़कर चली गई. उसके हताश माता-पिता ने उसकी तलाश की और आखिरकार अनकापल्ले जिले की पुलिस से मदद मांगी. जोड़े का पता लगाने के बाद, पुलिस ने दोनों परिवारों के साथ एक बैठक की.
लड़की के माता-पिता यह जानकर हैरान रह गए कि उसने उस युवक से शादी कर ली है जिसके साथ वह घर छोड़कर फरार हो गई थी. ऐसी स्थिति में वे खुद को असहाय महसूस कर रहे थे. यहां उनके पास कोई दूसरा विकल्प न होने के कारण लड़की को पेड्डापुरम में उसके ससुराल वालों के पास रहने के लिए भेज दिया गया. लड़की को इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि उसके साथ आगे क्या होने वाला है.
वेश्यावृत्ति में धकेला गया और लड़की को नशा दिया गया
ससुराल में पहुंचने पर, लड़के की मौसी ने कथित तौर पर लड़की को आर्थिक लाभ के लिए वेश्यावृत्ति में धकेल दिया. जब लड़की ने विरोध किया, तो उसे लगातार प्रताड़ित किया गया. रिपोर्ट बताती है कि उसे बार-बार नशा दिया गया, जिससे उसका शरीर कमजोर हो गया और वह हिलने-डुलने या बोलने की क्षमता खो बैठी. जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी, तो उसके ससुराल वालों ने उसे 28 दिसंबर, 2024 को काकीनाडा के सरकारी जनरल अस्पताल (GGH) में भर्ती कराया. हैरानी की बात यह है कि अस्पताल द्वारा पेड्डापुरम पुलिस को सूचित करने के बावजूद, तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई.
पुलिस ने किया नजरअंदाज और न्याय में हुई देरी
10 जनवरी को, लड़की के माता-पिता उसे अस्पताल से ले गए, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी रही. अनकापल्ले में कई दिनों तक असफल उपचार के बाद, उसे 20 जनवरी को विशाखापत्तनम के वीआईएमएस में ले जाया गया. उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ने के कारण, उसे बाद में एक मनोरोग अस्पताल में रेफर कर दिया गया. अस्पताल की रिपोर्ट के लगभग एक महीने बाद और दुर्व्यवहार शुरू होने के एक साल से अधिक समय बाद पीड़िता की मां द्वारा शिकायत कराने के बाद ही पेड्डापुरम पुलिस ने 26 जनवरी को मामला दर्ज किया. इस देरी ने आक्रोश को जन्म दिया है, जिससे ऐसे गंभीर मामले को संभालने में कानून प्रवर्तन की लापरवाही पर गंभीर चिंताएं पैदा हुई हैं. पीड़िता अपनी जान के लिए संघर्ष कर रही है, जबकि सवाल यह है कि अधिकारी जल्दी कार्रवाई क्यों नहीं कर पाए. हालांकि, पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
पुलिस का बयान
पुलिस ने पूरे मामले पर कहा कि, पिछले छह महीनों में दोनों के बीच जान-पहचान बढ़ी थी. पड़ोसियों का कहना है कि उनकी शादी को तीन महीने हो चुके हैं. पुलिस ने कहा कि यह सच नहीं है कि पुलिस ने पहले दर्ज की गई शिकायत पर ध्यान नहीं दिया. पेद्दापुरम एसआई मोनिका ने बताया कि, पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और जल्द ही पूरी घटना की जांच की जाएगी.
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