उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क शीतकाल के लिए बीते 30 नवम्बर को बंद हो गया है. ऐसे में अब पार्क प्रशासन ने चार महीनों में वन्यजीवों की चहलकदमी पर नजर रखने के लिए 40 ट्रैप कैमरे लगाए हैं. इसके लिए पार्क के गेट बंद होने से पूर्व पार्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं.
दरअसल, प्रति वर्ष गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन शीतकाल के लिए पार्क के गेट बंद होने से पूर्व पार्क क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाता है. इनसे जहां वन्यजीवों की शीतकाल में प्रत्येक गतिविधि की जानकारी मिलती है. वहीं वन्यजीवों की सुरक्षा में भी ये ट्रैप कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. जब एक अप्रैल को पार्क के गेट खुलते हैं तो कई बार इन ट्रैप कैमरों में दुर्लभ वन्यजीवों की तस्वीरें व वीडियो भी कैद होती है. पार्क के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार ने बताया कि यह कैमरे गंगोत्री से गोमुख, गंगोत्री से केदारताल, भैरोंघाटी से नेलांग, नेलांग से चोरगाड, गर्तांग गली क्षेत्र के प्रमुख रुटों पर लगाए गए हैं.
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जिससे वन्यजीवों की प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. बताया कि शीतकाल में भारी बर्फबारी के कारण गश्ती दल के माध्यम से वन्यजीवों की निगरानी संभव नहीं हो पाती है. ऐसे में यह ट्रैप कैमरे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय ने बताया कि शीतकाल के लिए पार्क के गेट बंद होने से पूर्व ट्रैप कैमरे लगा दिए गए हैं. जिन्हें पार्क के गेट खुलने पर अगले साल अप्रैल में धीरे-धीरे निकाला जाएगा. ट्रैप कैमरों से वन्यजीवों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलती है.
गौर हो कि उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क (Uttarakhand Gangotri National Park) क्षेत्र देश का तीसरा सबसे बड़ा पार्क है. गंगोत्री नेशनल पार्क 1553 वर्ग किमी और सात हजार मीटर से अधिक ऊंचाई तक फैला हुआ है. गंगोत्री नेशनल पार्क क्षेत्र में हिम तेंदुए, अरगली भेड़, भूरा भालू व लाल लोमड़ी जैसे कई दुर्लभ जीवों का वास स्थल है. हर साल पार्क क्षेत्र में भारी तादाद में सैलानी घूमने आते हैं.
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