उत्तरकाशी: आपदा के चलते बीते तीन माह से बंद पोरा पुरोला मोटर मार्ग को जब विभाग ने नहीं खोला तो ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से सड़क खोलकर विभाग को आइना दिखा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने विभाग से कई बार सड़क खोलने का अनुरोध किया, लेकिन विभाग ने बजट न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया.
उत्तरकाशी जिले के पुरोला ब्लाक में पोरा-पुरोला मोटरमार्ग रामा सिरांई क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांवों की लाइफ लाइन है, जो गत जुलाई माह में आपदा के चलते क्षतिग्रस्त हो गई थी. तीन माह से सड़क के बंद होने के चलते ग्रामीणें को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ग्रामीण नकदी फसलों को बाजार भी नहीं पहुंचा पा रहे थे.
पढ़ें- Pithoragarh road accident: पिथौरागढ़ हादसे के 20 घंटे बाद हटाई जा सकी चट्टान, मलबे में मिले 7 शव, नहीं हो सकी पहचान
ये सड़क पीएमजीएसवाई के अंतर्गत आती है. इसीलिए ग्रामीणों ने कई बार पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) के अधिकारियों से सड़क खोलने के लिए अनुरोध किया, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. आखिर में जब ग्रामीणों के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो उन्होंने खुद अपने संसाधनों से जेसीबी मशीन का इंतजाम कर सड़कों को खुलवा कर विभाग को आइना दिखाया.
ग्रामीण अजय पंवार, अरविंद पंवार, राजपाल पंवार, गोविंद पंवार ने बताया कि जुलाई माह में आई आपदा में पुरोला पोरा कमल नदी के किनारे बनी सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ही गयी थी, जिसे खोलने को लेकर विभाग से कई बार अनुरोध किया गया था, लेकिन विभाग ने बजट न होने बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
ग्रामीणों ने विभाग के उपेक्षा पूर्ण रवैया पर नगर पंचायत अध्यक्ष हरिमोहन नेगी व ग्रामीण आंनद बिजल्वाण, अरविंद राणा परवीन कुमार, विनोद लाल, सूर्यपाल राणा आदि के सहयोग से सड़क को रविवार को वाहनों की आवाजाही के लिए खोला गया.
पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता योगेंद्र कुमार सिंह ने कहा आपदा के कारण सड़क मार्ग काफी क्षतिग्रस्त है. जिसका प्राक्कलन शासन को भेज रखा है. वर्तमान में उक्त सड़क खोलने हेतु विभाग के पास इतना बजट नहीं है, जिससे कि सड़क मार्ग बनाया जा सके.