उत्तरकाशी: मोरी ब्लॉक में सतलुज जल विद्युत परियोजना के नैटवाड़ बैराज निर्माण में ग्रामीणों ने कृषि भूमि बगैर उनकी सहमति के अधिग्रहित करने का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने परियोजना के बैराज स्थल पर धरना प्रदर्शन कर परियोजना प्रबंधन से अधिग्रहित कृषि भूमि का मुआवजा देने की मांग भी की है.
ग्रामीणों ने कहा परियोजना के नैटवाड़ स्थित बैराज निर्माण में 27 नाली कृषि भूमि पर परियोजना प्रबंधन ने बिना उनकी सहमति के बैराज का निर्माण कराया है. कई बार मुआवजे की मांग पर अधिग्रहित जमीन के सीमांकन करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन परियोजना का निर्माण पूरा होने को है, ऐसे में अभी तक ना तो भूमि का सीमांकन हुआ और ना ही मुआवजा दिया गया.
प्रभावित राजेश सिंह, अतर सिंह, शिव सिंह और शूरवीर सिंह ने कहा कि मामले को लेकर परियोजना प्रबंधन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. ऐसे में उन्होंने एक सप्ताह के अंदर वर्तमान दरों के अनुरूप मुआवजा नहीं देने पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन व भूख हड़ताल की चेतावनी दी है. वहीं, परियोजना के सहायक प्रबंधक हरिकांत ने बताया कि तहसील प्रशासन से दोबारा बैराज में अधिग्रहित जमीन का सीमांकन करने के लिए पत्र लि गया है. एसडीएम भी राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर पहुंचे हैं. जल्द ही मामले का निस्तारण किया जाएगा.
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एसडीएम देवानंद शर्मा ने बताया कि बैराज निर्माण में अधिग्रहित भूमि को लेकर काश्तकारों की शिकायत के बारे में परियोजना प्रबंधन से बात की जा रही है. संयुक्त टीम गठित कर भूमि का सीमांकन कराया जा रहा है.
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