उत्तरकाशी: चिन्यालीसौड़ विकासखंड के नेरी गांव में ग्रामीणों ने टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड) के आधार पर यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम) से उनके गांव को गोद लेने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि चार दशक पहले उनके पूर्वजों ने राष्ट्र हित को देखते हुए उस समय धरासू पावर हॉउस के लिए अपनी भूमि दी थी. लेकिन उसके बाद से आज तक यूजेवीएनएल की ओर से उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गई है.
ग्रामीणों का कहना है कि जो व्यवस्थाएं पहले से थी, वो भी बंद हो चुकी है. साथ ही गांव के पुराने संपर्क मार्ग भी यूजेवीएनएल (उत्तराखंड जल विद्युत निगम) ने बंद कर दिया है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि मामले को लेकर वे कई बार अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.
नेरी गांव के पूर्व प्रधान रमेश थपलियाल ने बताया कि साल 1972-73 में उनके पूर्वजों ने धरासू पॉवर हाउस के लिए अपनी लगभग 200 से 250 नाली उपजाऊ जमीन दी थी. लेकिन उसके बाद से गांव को आज तक यूजेवीएनएल से कोई सुविधा नहीं मिली है. इससे पहले ग्रामीण बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए बस की सुविधा थी, लेकिन अब वो भी बंद कर दी गई है.
उन्होंने बताया कि पॉवर हाउस, सीमा के भीतर होने के बावजूद भी ग्रामीणों को आज तक बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ रहा है. वहीं, पूर्व प्रधान ने बताया कि यूजेवीएनएल के अधिकारी ग्रामीणों से बात ही नहीं करना चाहते हैं.
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वहीं, नेरी गांव के ग्रामीणों का आरोप है कि पॉवर हॉउस के सीएसआर का मद भी यहां से बाहर खर्च कर दिया जाता है. अगर वही मद नेरी गांव के लिए खर्च किया जाता, तो गांव का भी विकास हो जाता. लेकिन लोगों द्वारा दी गई भूमि के एवज में किसी प्रकार की सुविधा नेरी गांव को नहीं मिल रही है. जिससे लोगों को आज भी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.