ETV Bharat / state

कोठिगाड़ नदी पर टूटे पेड़ों के सहारे आवाजाही कर रहे ग्रामीण, जान हथेली पर रख कर पार कर रहे नदी - Uttarkashi latest news

Uttarkashi Kothigad River उत्तरकाशी कोठिगाड़ नदी में साल 2019 की आपदा में पुल बह जाने के बाद आज तक पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. लोगों का कहना है कि बरसात के सीजन में उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं. उन्हें जान जोखिम में डालकर कोठिगाड़ नदी पार करनी पड़ती है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 18, 2023, 12:52 PM IST

Updated : Aug 18, 2023, 1:19 PM IST

आखिर कोठिगाड़ नदी पर कब बनेगा पुल?

उत्तरकाशी: आराकोट-बंगाण क्षेत्र के टिकोची-दुचाणु-किराणु सड़क का मोटर पुल साल 2019 की आपदा में बह गया था. जो कि आपदा के पांच वर्ष बाद भी नहीं बन पाया है. इस कारण ग्रामीणों को बरसात में कोठिगाड़ नदी पर पेड़ों के सहारे जान जोखिम में आवाजाही करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग द्वारा लोगों की समस्या पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है.जिससे ग्रामीण को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बंगाण क्षेत्र के मनमोहन चौहान सहित अष्टमोहन चौहान ने बताया कि टिकोची-दुचाणु-किराणु मोटर मार्ग का पुल साल 2019 की विनाशकारी आपदा में बह गया था. उसके बाद से आज तक पुल निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण के नाम पर नदी में हर वर्ष ह्यूम पाइप लगाने के नाम पर लाखों की धनराशि खर्च की जाती है. लेकिन हर बरसात में यह ह्यूम पाइप बह जाते हैं. जिससे ग्रामीणों को नदी पर टूटे हुए पेड़ों से वैकल्पिक पुल बनाने को मजबूर होना पड़ता है.
पढ़ें-आपदा के जख्म पैदा कर रहे सिहरन, ग्रामीणों ने बताई 'आसमानी आफत' की कहानी

मनमोहन चौहान ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए वैली ब्रिज के पार्ट्स वहां पर पहुंचाए थे. लेकिन वह वैली ब्रिज भी नहीं लग पाया. इसलिए बरसात में ह्यूम पाइप के बहने के बाद ग्रामीणों को तेज बहाव के साथ बह रही नदी के ऊपर टूटे पेड़ों के सहारे आवाजाही करने को मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि इस संबंध में शासन-प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. लोक निर्माण विभाग पुरोला के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने बताया कि पुल का निर्माण वर्ल्ड बैंक की निधि के तहत होना है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

आखिर कोठिगाड़ नदी पर कब बनेगा पुल?

उत्तरकाशी: आराकोट-बंगाण क्षेत्र के टिकोची-दुचाणु-किराणु सड़क का मोटर पुल साल 2019 की आपदा में बह गया था. जो कि आपदा के पांच वर्ष बाद भी नहीं बन पाया है. इस कारण ग्रामीणों को बरसात में कोठिगाड़ नदी पर पेड़ों के सहारे जान जोखिम में आवाजाही करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग द्वारा लोगों की समस्या पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है.जिससे ग्रामीण को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

बंगाण क्षेत्र के मनमोहन चौहान सहित अष्टमोहन चौहान ने बताया कि टिकोची-दुचाणु-किराणु मोटर मार्ग का पुल साल 2019 की विनाशकारी आपदा में बह गया था. उसके बाद से आज तक पुल निर्माण के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण के नाम पर नदी में हर वर्ष ह्यूम पाइप लगाने के नाम पर लाखों की धनराशि खर्च की जाती है. लेकिन हर बरसात में यह ह्यूम पाइप बह जाते हैं. जिससे ग्रामीणों को नदी पर टूटे हुए पेड़ों से वैकल्पिक पुल बनाने को मजबूर होना पड़ता है.
पढ़ें-आपदा के जख्म पैदा कर रहे सिहरन, ग्रामीणों ने बताई 'आसमानी आफत' की कहानी

मनमोहन चौहान ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व लोक निर्माण विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए वैली ब्रिज के पार्ट्स वहां पर पहुंचाए थे. लेकिन वह वैली ब्रिज भी नहीं लग पाया. इसलिए बरसात में ह्यूम पाइप के बहने के बाद ग्रामीणों को तेज बहाव के साथ बह रही नदी के ऊपर टूटे पेड़ों के सहारे आवाजाही करने को मजबूर होना पड़ रहा है. जबकि इस संबंध में शासन-प्रशासन को कई बार अवगत करवाया गया. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. लोक निर्माण विभाग पुरोला के अधिशासी अभियंता बलराम मिश्रा ने बताया कि पुल का निर्माण वर्ल्ड बैंक की निधि के तहत होना है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जा रही है.

Last Updated : Aug 18, 2023, 1:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.