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गर्मियां आते ही उत्तरकाशी में पानी के लिए मारामारी, रात तक लगती हैं लाइनें - लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों

चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के खालसी गांव में लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है.

Battle for water in Uttarkashi
उत्तरकाशी में पानी के लिए मारामारी
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Published : May 25, 2020, 7:00 PM IST

Updated : May 25, 2020, 8:30 PM IST

उत्तरकाशी: गर्मी आते ही पानी की समस्या भी शुरू हो गई है. चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के खालसी गांव में पेयजल निगम की अनदेखी के कारण लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है.

खालसी गांव के लोगों ने पेयजल आपूर्ति के लिए हर स्तर पर गुहार लगाई लेकिन उनकी आजतक सुनवाई नहीं हुई. जिसकी वजह से ग्रामीणों को गर्मियों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

उत्तरकाशी में पानी के लिए मारामारी.

ये भी पढ़ें: CORONA: दवाइयों का 'कॉकटेल' मरीजों के लिए संजीवनी, जानिए कैसे ठीक हो रहे मरीज

चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के खालसी गांव के छंद नामे तोक इलाके में 150 परिवार रहते हैं. जो आज भी पानी की आपूर्ति के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं. गर्मियों में प्राकृतिक स्रोतों में पानी कम होने के कारण ग्रामीणों को कई घंटों लाइन में खड़ा होकर पानी भरना पड़ता है.

खालसी गांव के उप प्रधान प्रवीण कुमार का कहना है कि 2016 में पेयजल आपूर्ति का प्रस्ताव पेयजल निगम को दिया गया था. देहरादून निदेशालय स्तर से पेयजल आपूर्ति के लिए स्वीकृति मिल गई है. लेकिन अभी तक उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. जिसकी वजह से महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तरकाशी: गर्मी आते ही पानी की समस्या भी शुरू हो गई है. चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के खालसी गांव में पेयजल निगम की अनदेखी के कारण लोगों को प्राकृतिक स्रोतों से पानी लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता है.

खालसी गांव के लोगों ने पेयजल आपूर्ति के लिए हर स्तर पर गुहार लगाई लेकिन उनकी आजतक सुनवाई नहीं हुई. जिसकी वजह से ग्रामीणों को गर्मियों में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

उत्तरकाशी में पानी के लिए मारामारी.

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चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के खालसी गांव के छंद नामे तोक इलाके में 150 परिवार रहते हैं. जो आज भी पानी की आपूर्ति के लिए प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर हैं. गर्मियों में प्राकृतिक स्रोतों में पानी कम होने के कारण ग्रामीणों को कई घंटों लाइन में खड़ा होकर पानी भरना पड़ता है.

खालसी गांव के उप प्रधान प्रवीण कुमार का कहना है कि 2016 में पेयजल आपूर्ति का प्रस्ताव पेयजल निगम को दिया गया था. देहरादून निदेशालय स्तर से पेयजल आपूर्ति के लिए स्वीकृति मिल गई है. लेकिन अभी तक उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है. जिसकी वजह से महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Last Updated : May 25, 2020, 8:30 PM IST
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