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उत्तरकाशी में मतदान के दौरान मौसम भी रहेगा बड़ी चुनौती, बर्फबारी कर सकती है मुसीबतें खड़ी

उत्तरकाशी जिले में तीन विधानसभा सीट पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री हैं. पोलिंग बूथ की बात करें तो यहां 113 बूथ हिमाच्छादित हैं यानी ये बूथ दूरस्थ गांवों में स्थित हैं, जहां फरवरी महीने में भी बर्फबारी होती है. ऐसे में मतदान के दौरान बर्फबारी मुश्किलें खड़ी कर सकती है.

uttarkashi Snowfall polling booth
उत्तरकाशी पोलिंग बूथ में बर्फबारी
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Published : Jan 13, 2022, 6:52 PM IST

Updated : Jan 13, 2022, 7:45 PM IST

उत्तरकाशीः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. आगामी 14 फरवरी को लोकतंत्र के महापर्व के लिए मतदान किया जाएगा. जिसके लिए निर्वाचन आयोग की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है, लेकिन फरवरी महीने में मतदान के दौरान मौसम सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. क्योंकि, फरवरी महीने में अमूमन उत्तरकाशी जिले में बर्फबारी देखने को मिलती है.

वहीं, जिले के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां के पोलिंग बूथ बर्फबारी के दौरान पूरी तरह सफेद चादर की आगोश में आ जाते हैं. इसलिए इन पोलिंग बूथ पर मूलभूत आवश्यकताएं जुटाना एक बड़ी चुनौती बन जाता है. हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि इस सब दुवश्वारियों से निपटने के लिए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

उत्तरकाशी के हिमाच्छादित मतदान केंद्रों में वोटिंग की चुनौती.

ये भी पढ़ेंः पिंडर घाटी में बर्फबारी के बीच गांवों में पहुंची स्वीप टीम, ग्रामीणों ने किया 100% मतदान का वादा

बता दें कि उत्तरकाशी जिले की तीन विधानसभाओं पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री के कुल 539 पोलिंग बूथों में 113 पोलिंग बूथ हिमाच्छादित हैं. सबसे अधिक पुरोला में 67, यमुनोत्री में 18 और गंगोत्री में 28 हिमाच्छादित मतदान केंद्रों में मतदान संपन्न करवाना जिला निर्वाचन विभाग उत्तरकाशी के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकता है.

बर्फबारी के कारण बर्फ से आच्छादित पोलिंग बूथों तक पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि, जिले में ऐसे भी हिमाच्छादित पोलिंग बूथ हैं. जहां पर पोलिंग पार्टियों को पैदल दूरी तय पोलिंग बूथों तक पहुंचने में 2 से 3 दिन का समय लगता है. पोलिंग बूथ तक पहुंचने के बाद वहां पर बर्फबारी के कारण कंप-कंपाती ठंड का भी सामना पोलिंग पार्टियों को करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ेंः Uttarakhand Election: पांच साल में नैनीताल जिले में बढ़े 41 हजार 355 मतदाता

जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि हिमाच्छादित पोलिंग बूथों में (उपजिलाधिकारी) रिटर्निंग ऑफिसरों की ओर से सभी तैयारियां की गई है. यदि मौसम खराब रहता है या मार्ग अवरुद्ध होते हैं तो सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल मजिस्ट्रेट इस बारे में निर्वाचन विभाग को लगातार जानकारी देते रहेंगे, ताकि पोलिंग पार्टियां पोलिंग बूथों तक ठीक प्रकार से पहुंच सके.

तीनों विधानसभाओं पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री के सभी हिमाच्छादित पोलिंग बूथों का भी निरीक्षण किया जा रहा है. ताकि वहां पर बिजली, पानी और दूरसंचार की समुचित व्यवस्था की जा सके. वहीं, हिमाच्छादित पोलिंग बूथों के लिए पोलिंग पार्टियों को आवश्यक उपकरण भी दिए जाएंगे और एसडीआरएफ और पुलिस की सहायता भी ली जाएगी. ताकि विधानसभा चुनाव 2022 शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.

उत्तरकाशीः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. आगामी 14 फरवरी को लोकतंत्र के महापर्व के लिए मतदान किया जाएगा. जिसके लिए निर्वाचन आयोग की ओर से पूरी तैयारी की जा चुकी है, लेकिन फरवरी महीने में मतदान के दौरान मौसम सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. क्योंकि, फरवरी महीने में अमूमन उत्तरकाशी जिले में बर्फबारी देखने को मिलती है.

वहीं, जिले के कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां के पोलिंग बूथ बर्फबारी के दौरान पूरी तरह सफेद चादर की आगोश में आ जाते हैं. इसलिए इन पोलिंग बूथ पर मूलभूत आवश्यकताएं जुटाना एक बड़ी चुनौती बन जाता है. हालांकि, जिला निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि इस सब दुवश्वारियों से निपटने के लिए सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

उत्तरकाशी के हिमाच्छादित मतदान केंद्रों में वोटिंग की चुनौती.

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बता दें कि उत्तरकाशी जिले की तीन विधानसभाओं पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री के कुल 539 पोलिंग बूथों में 113 पोलिंग बूथ हिमाच्छादित हैं. सबसे अधिक पुरोला में 67, यमुनोत्री में 18 और गंगोत्री में 28 हिमाच्छादित मतदान केंद्रों में मतदान संपन्न करवाना जिला निर्वाचन विभाग उत्तरकाशी के लिए चुनौतीपूर्ण रह सकता है.

बर्फबारी के कारण बर्फ से आच्छादित पोलिंग बूथों तक पहुंचना पोलिंग पार्टियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि, जिले में ऐसे भी हिमाच्छादित पोलिंग बूथ हैं. जहां पर पोलिंग पार्टियों को पैदल दूरी तय पोलिंग बूथों तक पहुंचने में 2 से 3 दिन का समय लगता है. पोलिंग बूथ तक पहुंचने के बाद वहां पर बर्फबारी के कारण कंप-कंपाती ठंड का भी सामना पोलिंग पार्टियों को करना पड़ेगा.

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जिला निर्वाचन अधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि हिमाच्छादित पोलिंग बूथों में (उपजिलाधिकारी) रिटर्निंग ऑफिसरों की ओर से सभी तैयारियां की गई है. यदि मौसम खराब रहता है या मार्ग अवरुद्ध होते हैं तो सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल मजिस्ट्रेट इस बारे में निर्वाचन विभाग को लगातार जानकारी देते रहेंगे, ताकि पोलिंग पार्टियां पोलिंग बूथों तक ठीक प्रकार से पहुंच सके.

तीनों विधानसभाओं पुरोला, यमुनोत्री और गंगोत्री के सभी हिमाच्छादित पोलिंग बूथों का भी निरीक्षण किया जा रहा है. ताकि वहां पर बिजली, पानी और दूरसंचार की समुचित व्यवस्था की जा सके. वहीं, हिमाच्छादित पोलिंग बूथों के लिए पोलिंग पार्टियों को आवश्यक उपकरण भी दिए जाएंगे और एसडीआरएफ और पुलिस की सहायता भी ली जाएगी. ताकि विधानसभा चुनाव 2022 शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.

Last Updated : Jan 13, 2022, 7:45 PM IST
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