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हिम तेंदुओं पर निगरानी के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क में लगाए 276 कैमरे - उत्तराखंड न्यूज

गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय नाम से प्रोजेक्ट चला रहा है. ये दुर्लभ जानवर 3500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. इस प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में 276 कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों की मदद से हिम तेंदुओं की संख्या को पता किया जाएगा.

सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तहत हिम तेंदुओं का संरक्षण
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Published : Jul 3, 2019, 4:14 PM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क विश्व में दुर्लभ जानवरों के घर के रूप में जाना जाता है. इन दुर्लभ जानवरों में से एक हिम तेंदुआ है. केंद्र और राज्य सरकार 3500 मीटर की ऊंचाई से अधिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय के नाम से प्रोजेक्ट चला रही है. साथ ही भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से अन्य प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में 276 कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों की मदद से हिम तेंदुओं की संख्या को पता किया जाएगा.

सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तहत हिम तेंदुओं का संरक्षण.

गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय नाम से प्रोजेक्ट चला रहा है. ये दुर्लभ जानवर 3500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. लेकिन इस वर्ष अधिक बर्फबारी के चलते यह 2600 मीटर की ऊंचाई पर पहली बार झाला गांव में देखने को मिला था.

इस दुर्लभ जीव को खोजने और इनकी संख्या को पता लगाने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क ने पिछले वर्ष भी 36 कैमरे पार्क के अंतर्गत लगाए थे, जिसमें कुछ हिम तेंदुओं की गतिविधियां अलग-अलग स्थानों पर देखने को मिली थीं. वहीं, इस वर्ष भारतीय वन्य जीव संस्थान ने पहली बार पार्क में 276 कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों के आधार पर पार्क अधिकारियों को उम्मीद है कि हिम तेंदुओं की संख्या को लेकर एक सकारात्मक रिपोर्ट अगस्त में सामने आ सकती है.

ये भी पढ़ें: राजधानी की पुलिस चौकियों में महिला शौचालयों की हालत खस्ता, Etv भारत की पड़ताल में दिखीं अनेक खामियां

गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक नन्दा बल्लभ शर्मा ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान अपनी योजना के तहत कार्य कर रहा है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क सहित उत्तरकाशी वन प्रभाग, गोविंद पशु वन्य जीव विहार और पिथौरागढ़ के दरमा व्यास घाटी में सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट का प्रथम स्टेज में कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें केंद्र और राज्य की करीब 7 से 8 एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं.

उत्तरकाशी: गंगोत्री नेशनल पार्क विश्व में दुर्लभ जानवरों के घर के रूप में जाना जाता है. इन दुर्लभ जानवरों में से एक हिम तेंदुआ है. केंद्र और राज्य सरकार 3500 मीटर की ऊंचाई से अधिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय के नाम से प्रोजेक्ट चला रही है. साथ ही भारतीय वन्य जीव संस्थान की ओर से अन्य प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में 276 कैमरे लगाए गए हैं. इन कैमरों की मदद से हिम तेंदुओं की संख्या को पता किया जाएगा.

सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट के तहत हिम तेंदुओं का संरक्षण.

गंगोत्री नेशनल पार्क में स्नो लेपर्ड के संरक्षण के लिए सिक्योर हिमालय नाम से प्रोजेक्ट चला रहा है. ये दुर्लभ जानवर 3500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है. लेकिन इस वर्ष अधिक बर्फबारी के चलते यह 2600 मीटर की ऊंचाई पर पहली बार झाला गांव में देखने को मिला था.

इस दुर्लभ जीव को खोजने और इनकी संख्या को पता लगाने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क ने पिछले वर्ष भी 36 कैमरे पार्क के अंतर्गत लगाए थे, जिसमें कुछ हिम तेंदुओं की गतिविधियां अलग-अलग स्थानों पर देखने को मिली थीं. वहीं, इस वर्ष भारतीय वन्य जीव संस्थान ने पहली बार पार्क में 276 कैमरे लगाए हैं. इन कैमरों के आधार पर पार्क अधिकारियों को उम्मीद है कि हिम तेंदुओं की संख्या को लेकर एक सकारात्मक रिपोर्ट अगस्त में सामने आ सकती है.

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गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक नन्दा बल्लभ शर्मा ने बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान अपनी योजना के तहत कार्य कर रहा है. इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की ओर से हिम तेंदुओं के संरक्षण के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क सहित उत्तरकाशी वन प्रभाग, गोविंद पशु वन्य जीव विहार और पिथौरागढ़ के दरमा व्यास घाटी में सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट का प्रथम स्टेज में कार्य शुरू कर दिया गया है. इसमें केंद्र और राज्य की करीब 7 से 8 एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं.

Intro:केंद्र और राज्य सरकार की और से 3500 मीटर की ऊंचाई से अधिक उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले हिम तेंदुओं के सरक्षंण के लिए सिक्योर हिमालय के नाम से प्रोजेक्ट चला रही है। साथ ही भारतीय वन्य जीव संस्थान की और से अन्य प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री नेशनल पार्क में कैमरे लगाए गए हैं। जिससे कि हिम तेंदुओं की संख्या का पता चल सके। उत्तरकाशी। गंगोत्री नेशनल पार्क विश्व मे दुर्लभ जानवरो के घर के रूप में जाना जाता है। जिसमें से एक हिम तेंदुआ सबसे महत्वपूर्ण है। कुछ वर्षों की खोज के बाद विश्व पटल पर हिम तेंदुओं की सरक्षंण पर विचार विमर्श किया गया। जिसके तहत कई एजेंसियां हिम तेंदुओं के सरक्षंण के लिए कार्य कर रही है। इन योजनाओं के तहत भारतीय वन्यजीव संस्थान की और से गंगोत्री नेशनल पार्क में 276 कैमरे लगाए गए हैं। जिससे कि हिम तेंदुओं की गतिविधियों और उनकी संख्या की जानकारी मिलने के बाद उनके सरक्षंण के लिए कार्य किया जा सके। पार्क के अधिकारियों का कहना है कि अगस्त माह में इन कैमरों को निकाल कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उसके बाद ही आगे की योजना तैयार की जाएगी। हिम तेंदुओं के सरक्षंण पर etv bharat की exclusive रिपोर्ट।


Body:वीओ-1, गंगोत्री नेशनल पार्क अपने प्राकृतिक अनमोल खजानों के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसी खजाने में से एक है स्नो लेपर्ड जो कि 3500 मीटर की ऊंचाई से लेकर 6000 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। यह बहुत ही दुर्लभ जानवर है। लेकिन इस वर्ष अधिक बर्फबारी के चलते यह 2600 मीटर की ऊंचाई पर झाला गांव में पहली बार देखने को मिला। गंगोत्री नेशनल पार्क ने गत वर्ष भी 36 कैमरे पार्क के अंतर्गत लगाए थे। जिसमें कुछ हिम तेंदुआ की गतिविधि अलग- अलग स्थानों पर देखने को मिली थी। तो वहीं इस वर्ष भारतीय वन्य जीव संस्थान ने पहली बार पार्क में 276 कैमरे लगाए हैं। जिससे कि पार्क अधिकारियों को उम्मीद है कि हिम तेंदुओं की संख्या को लेकर एक सकारात्मक रिपोर्ट अगस्त माह में सामने आ सकती है।


Conclusion:वीओ-2, गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक नन्दा वल्लभ शर्मा ने etv bharat को बताया कि भारतीय वन्य जीव संस्थान अपनी योजना के तहत कार्य कर रहा है। साथ ही इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकार की और से हिम तेंदुओं के सरक्षंण के लिए राज्य के गंगोत्री नेशनल पार्क सहित उत्तरकाशी वन प्रभाग सहित गोविंद पशु वन्य जीव विहार और पिथौरागढ़ के दरमा व्यास घाटी में सिक्योर हिमालय प्रोजेक्ट प्रथम स्टेज में शुरू किया गया है। इसमें केंद्र और राज्य की करीब 7 से 8 एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं। जो कि स्नो लेपर्ड के सरक्षंण के लिए स्टडी कर योजना तैयार करेंगे। बाईट- नंदा वल्लभ शर्मा,उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क।
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