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हिमालय में यहां दिखा दुर्लभ स्नो लेपर्ड और भूरा भालू

गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने दुर्लभ स्नो लेपर्ड के विचरण को अपने मोबाइल में कैद किया. वहीं, इस वर्ष के रेकी अभियान पूरा होने बाद पार्क क्षेत्र में लगाए गए कैमरों से भी दुर्लभ वन्य जीवों की जानकारियां भी जुटाई गई.

उत्तरकाशी
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Published : Dec 23, 2020, 8:29 AM IST

उत्तरकाशी: दुर्लभ वन्य जीवों का घर कहे जाने वाले गंगोत्री नेशनल पार्क में एक बार फिर दुर्लभ वन्य जीव और उनके विचरण के पुख्ता साक्ष्य सामने आए हैं. स्नो लेपर्ड की गणना के प्रथम चरण की रेकी के दौरान जहां गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने दुर्लभ स्नो लेपर्ड के विचरण को अपने मोबाइल में कैद किया. वहीं इस वर्ष के रेकी अभियान पूरा होने बाद पार्क क्षेत्र में लगाए गए कैमरों से दुर्लभ वन्य जीवों की जानकारियां जुटाई गई. जिसमें दुर्लभ हिमालयी भूरा भालू की तस्वीरें सामने आई हैं.

दुर्लभ स्नो लेपर्ड.
दुर्लभ स्नो लेपर्ड.

गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन बताया कि 2 नवंबर से स्नो लेपर्ड की प्रथम गणना के तहत वन विभाग की चार टीमों ने पार्क के नेलांग, गौमुख और केदारताल में रेकी की. इस रेकी के दौरान पार्क कर्मचारियों ने हिमालय स्नो लेपर्ड के विचरण को अपने मोबाइल में कैद किया. जोकि स्नो लेपर्ड की गणना में भी सहयोगी साबित होगा. इसके साथ ही स्नो लेपर्ड के मुख्य भोजन भरल के झुंड भी अच्छी संख्या में देखने को मिले हैं.

कैमरे में कैद हुआ भूरा भालू
कैमरे में कैद हुआ भूरा भालू

पढ़ें-एंबुलेंस की राह होगी आसान, रास्ता न देने वालों पर कड़ी कार्रवाई

रेंज अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष की अंतिम रेकी भी पूर्ण हो चुकी है और उसके बाद पार्क क्षेत्र में लगे 45 कैमरों से दुर्लभ वन्य जीवों की मौजूदगी की जानकारी जुटाई गई. जिसमें सबसे अहम लंबे समय बाद हिमालयी भूरा भालू की तस्वीरें भी सामने आई हैं. जो कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दुर्लभ वन्य जीवों के जीवन और परिस्थितिक तंत्र के लिए शुभ संकेत हैं.यह दुर्लभ वन्य जीव उच्च हिमालयी क्षेत्रों में करीब 3000 मीटर से 5000 मीटर की ऊंचाई तक पाए जाते हैं. दुर्लभ भूरा भालू विश्व मे मांसाहारी जीवों में सबसे बड़ा जीव माना जाता है.

उत्तरकाशी: दुर्लभ वन्य जीवों का घर कहे जाने वाले गंगोत्री नेशनल पार्क में एक बार फिर दुर्लभ वन्य जीव और उनके विचरण के पुख्ता साक्ष्य सामने आए हैं. स्नो लेपर्ड की गणना के प्रथम चरण की रेकी के दौरान जहां गंगोत्री नेशनल पार्क के कर्मचारियों ने दुर्लभ स्नो लेपर्ड के विचरण को अपने मोबाइल में कैद किया. वहीं इस वर्ष के रेकी अभियान पूरा होने बाद पार्क क्षेत्र में लगाए गए कैमरों से दुर्लभ वन्य जीवों की जानकारियां जुटाई गई. जिसमें दुर्लभ हिमालयी भूरा भालू की तस्वीरें सामने आई हैं.

दुर्लभ स्नो लेपर्ड.
दुर्लभ स्नो लेपर्ड.

गंगोत्री नेशनल पार्क के रेंज अधिकारी प्रताप सिंह पंवार ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन बताया कि 2 नवंबर से स्नो लेपर्ड की प्रथम गणना के तहत वन विभाग की चार टीमों ने पार्क के नेलांग, गौमुख और केदारताल में रेकी की. इस रेकी के दौरान पार्क कर्मचारियों ने हिमालय स्नो लेपर्ड के विचरण को अपने मोबाइल में कैद किया. जोकि स्नो लेपर्ड की गणना में भी सहयोगी साबित होगा. इसके साथ ही स्नो लेपर्ड के मुख्य भोजन भरल के झुंड भी अच्छी संख्या में देखने को मिले हैं.

कैमरे में कैद हुआ भूरा भालू
कैमरे में कैद हुआ भूरा भालू

पढ़ें-एंबुलेंस की राह होगी आसान, रास्ता न देने वालों पर कड़ी कार्रवाई

रेंज अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष की अंतिम रेकी भी पूर्ण हो चुकी है और उसके बाद पार्क क्षेत्र में लगे 45 कैमरों से दुर्लभ वन्य जीवों की मौजूदगी की जानकारी जुटाई गई. जिसमें सबसे अहम लंबे समय बाद हिमालयी भूरा भालू की तस्वीरें भी सामने आई हैं. जो कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दुर्लभ वन्य जीवों के जीवन और परिस्थितिक तंत्र के लिए शुभ संकेत हैं.यह दुर्लभ वन्य जीव उच्च हिमालयी क्षेत्रों में करीब 3000 मीटर से 5000 मीटर की ऊंचाई तक पाए जाते हैं. दुर्लभ भूरा भालू विश्व मे मांसाहारी जीवों में सबसे बड़ा जीव माना जाता है.

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