ETV Bharat / state

आचार्य बालकृष्ण के शोध अभियान पर शांति ठाकुर ने उठाए सवाल, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने हिमालय के संरक्षण को लेकर सरकार को चेताया है. उन्होंने गंगोत्री हिमालय के रक्तवन में आचार्य बालकृष्ण के संयुक्त संजीवनी खोज और शोध अभियान पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के तत्वाधान में एनआईएम के साथ मिलकर रक्तवन में गए अभियान दल को जड़ी-बूटी खोज और शोध के लिए सरकार की तरफ से परमिशन देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

Shanti Thakur
उत्तरकाशी
author img

By

Published : Sep 15, 2022, 5:25 PM IST

उत्तरकाशी: ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने गंगोत्री हिमालय के रक्तवन में आचार्य बालकृष्ण के संयुक्त संजीवनी खोज और शोध अभियान पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह का अभियान प्रतिबंधित होना चाहिए. इससे हिमालयी ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही अवैध जड़ी-बूटी के दोहन को बढ़ावा मिल रहा है. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

शांति ठाकुर ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कहा कि पतंजलि योगपीठ के स्वामी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के तत्वाधान में एनआईएम के साथ मिलकर रक्तवन में गए अभियान दल को जड़ी बूटी खोज और शोध के लिए सरकार की तरफ से परमिशन देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह के अभियानों से हिमालयी ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे आने वाले समय में संपूर्ण पारिस्थितिकी खतरे में आ सकती है.

शांति ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में जड़ी बूटी के दोहन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और ईको सेंसिटिव जोन भी घोषित है, बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर गैर कानूनी तरीके से दल को रवाना किया गया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार पतंजलि को हिमालय में जड़ी-बूटी खोज और शोध की परमिशन दे सकती है, तो स्थानीय युवाओं को भी अनुमति मिलनी चाहिए.
पढ़ें- उत्तराखंडः नई औषधियों की खोज में गंगोत्री पहुंचे बाबा रामदेव, लोगों को गंगा स्वच्छता का दिलाया संकल्प

उन्होंने कहा कि 22 वर्षों से ग्लेशियरों की संरक्षण की आवाज उठा रही हैं. उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा है. ग्लेशियर लेडी ने कहा है कि लगातार ग्लेशियर पिघल रहे हैं और ग्लेशियर पिघलने से मां गंगा सहित पर्यावरण का अस्तित्व भी खतरे में बना हुआ है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाकर जड़ी बूटियों का शोध करना ग्लेशियरों के साथ छेड़छाड़ करना है. ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर का कहना कि राज्य सरकार को स्थानीय युवा बेरोजगारों को लाइसेंस देकर जड़ी-बूटी उत्पादन में मदद करनी चाहिए न कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना चाहिए.

उत्तरकाशी: ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर ने गंगोत्री हिमालय के रक्तवन में आचार्य बालकृष्ण के संयुक्त संजीवनी खोज और शोध अभियान पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में इस तरह का अभियान प्रतिबंधित होना चाहिए. इससे हिमालयी ग्लेशियरों को नुकसान पहुंचने के साथ ही अवैध जड़ी-बूटी के दोहन को बढ़ावा मिल रहा है. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

शांति ठाकुर ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कहा कि पतंजलि योगपीठ के स्वामी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के तत्वाधान में एनआईएम के साथ मिलकर रक्तवन में गए अभियान दल को जड़ी बूटी खोज और शोध के लिए सरकार की तरफ से परमिशन देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस तरह के अभियानों से हिमालयी ग्लेशियरों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, जिससे आने वाले समय में संपूर्ण पारिस्थितिकी खतरे में आ सकती है.

शांति ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में जड़ी बूटी के दोहन पर पूरी तरह से प्रतिबंध है और ईको सेंसिटिव जोन भी घोषित है, बावजूद इसके नियमों को ताक पर रखकर गैर कानूनी तरीके से दल को रवाना किया गया. उन्होंने कहा कि अगर सरकार पतंजलि को हिमालय में जड़ी-बूटी खोज और शोध की परमिशन दे सकती है, तो स्थानीय युवाओं को भी अनुमति मिलनी चाहिए.
पढ़ें- उत्तराखंडः नई औषधियों की खोज में गंगोत्री पहुंचे बाबा रामदेव, लोगों को गंगा स्वच्छता का दिलाया संकल्प

उन्होंने कहा कि 22 वर्षों से ग्लेशियरों की संरक्षण की आवाज उठा रही हैं. उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति को भी ज्ञापन भेजा है. ग्लेशियर लेडी ने कहा है कि लगातार ग्लेशियर पिघल रहे हैं और ग्लेशियर पिघलने से मां गंगा सहित पर्यावरण का अस्तित्व भी खतरे में बना हुआ है. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाकर जड़ी बूटियों का शोध करना ग्लेशियरों के साथ छेड़छाड़ करना है. ग्लेशियर लेडी शांति ठाकुर का कहना कि राज्य सरकार को स्थानीय युवा बेरोजगारों को लाइसेंस देकर जड़ी-बूटी उत्पादन में मदद करनी चाहिए न कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.