ETV Bharat / state

उत्तरकाशी : ग्राम प्रधानों ने रायल्टी घटाने की मांग को लेकर MNREGA कार्यों का किया बहिष्कार - News Uttarkashi

उत्तरकाशी जिले के छ: विकासखंडों के ग्राम प्रधानों ने मनरेगा के कार्यों का बहिष्कार किया. ग्राम प्रधानों ने कहा कि मनरेगा कार्यों में अधिक रायल्टी लेकर उन्हें ठगा जा रहा है.

ETV BHARAT
ग्राम प्रधानों ने रायल्टी घटाने की मांग को लेकर MNREGA कार्यों का किया बहिष्कार
author img

By

Published : Jul 1, 2020, 8:51 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 10:54 PM IST

उत्तरकाशी: बुधवार को जिला प्रधान संगठन के अध्यक्ष और ग्राम प्रधान मनेरी प्रताप रावत के नेतृत्व में जिले के सभी छ: विकासखंड़ों के ग्राम प्रधानों ने मनरेगा के कार्यों का बहिष्कार किया. इस दौरान जिला मुख्यालय के विकास भवन में सीडीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे. ग्राम प्रधानों ने कहा कि मनरेगा कार्यों में अधिक रायल्टी लेकर उन्हें ठगा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी विभागों में रायल्टी 105 रुपये है, लेकिन मनरेगा के कार्यों में 154 रुपये रायल्टी ली जा रही है. जिसके चलते ग्राम सभाओं पर अधिक दबाव बन रहा है. आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक रायल्टी कम नहीं होती जब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ग्राम प्रधानों का कहना है कि मनरेगा का कार्य किसी भी गांव के विकास की रीढ़ की हड्डी के समान है. लेकिन उसके बाद भी मनरेगा कार्यों में कई प्रकार की बाध्यताओं को थोप कर विकास कार्यों को बाधित किया जा रहा है. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए प्रधानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

ग्राम प्रधानों ने रायल्टी घटाने की मांग को लेकर MNREGA कार्यों का किया बहिष्कार

ये भी पढ़ें: देवास्थानम बोर्ड के खिलाफ यमुनोत्री धाम के पुरोहित हुए मुखर, क्रमिक अनशन पर बैठे

ग्राम प्रधानों ने बताया कि मनरेगा के द्वारा कराए जा रहे कामों में प्रयोग होने वाले सीमेंट के लिए उन्हें 300 रुपए दिए जा रहे हैं. जबकि सीमेंट का बाजार मूल्य 505 रुपया है. जिससे कि प्रधानों को विकास कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानों द्वारा मांग की जा रही है कि केन्द्रपोषित कार्यों का जो भी सोशल ऑडिट होता रहा है, उसे सरकारी संस्थाओं से करवाया जाए न कि किसी प्राइवेट संस्था या एनजीओ से.

उत्तरकाशी: बुधवार को जिला प्रधान संगठन के अध्यक्ष और ग्राम प्रधान मनेरी प्रताप रावत के नेतृत्व में जिले के सभी छ: विकासखंड़ों के ग्राम प्रधानों ने मनरेगा के कार्यों का बहिष्कार किया. इस दौरान जिला मुख्यालय के विकास भवन में सीडीओ कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे. ग्राम प्रधानों ने कहा कि मनरेगा कार्यों में अधिक रायल्टी लेकर उन्हें ठगा जा रहा है. उन्होंने बताया कि सभी विभागों में रायल्टी 105 रुपये है, लेकिन मनरेगा के कार्यों में 154 रुपये रायल्टी ली जा रही है. जिसके चलते ग्राम सभाओं पर अधिक दबाव बन रहा है. आंदोलनकारियों ने कहा कि जब तक रायल्टी कम नहीं होती जब तक आंदोलन जारी रहेगा.

ग्राम प्रधानों का कहना है कि मनरेगा का कार्य किसी भी गांव के विकास की रीढ़ की हड्डी के समान है. लेकिन उसके बाद भी मनरेगा कार्यों में कई प्रकार की बाध्यताओं को थोप कर विकास कार्यों को बाधित किया जा रहा है. प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए प्रधानों ने कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.

ग्राम प्रधानों ने रायल्टी घटाने की मांग को लेकर MNREGA कार्यों का किया बहिष्कार

ये भी पढ़ें: देवास्थानम बोर्ड के खिलाफ यमुनोत्री धाम के पुरोहित हुए मुखर, क्रमिक अनशन पर बैठे

ग्राम प्रधानों ने बताया कि मनरेगा के द्वारा कराए जा रहे कामों में प्रयोग होने वाले सीमेंट के लिए उन्हें 300 रुपए दिए जा रहे हैं. जबकि सीमेंट का बाजार मूल्य 505 रुपया है. जिससे कि प्रधानों को विकास कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रधानों द्वारा मांग की जा रही है कि केन्द्रपोषित कार्यों का जो भी सोशल ऑडिट होता रहा है, उसे सरकारी संस्थाओं से करवाया जाए न कि किसी प्राइवेट संस्था या एनजीओ से.

Last Updated : Jul 1, 2020, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.