टिहरीः टिहरी जिले के सबसे बड़े 100 बेड के अस्पताल बौराड़ी को पीपीमोड में दिया गया है ताकि यहां पर मरीजों का इलाज आसानी से हो सके साथ ही नई टेक्नोलॉजी की मशीनों को लाकर अल्ट्रासाउन्ड किया जाए. जिससे मरीजों की बीमारी पकड़ में आये और बीमारी का इलाज हो सके.परन्तु टिहरी जिले के बौराड़ी अस्पताल को स्वामी राम हिमालय जौलीग्रांट को पीपीमोड में चार साल के लिए दिया गया है और इस अस्पताल में इलाज करवाने के लिए हर दिन मरीजों की भीड़ लग रही है परंतु यहां पर सुविधा न होने के कारण मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है. अस्पताल में दिन प्रतिदिन लापरवाही देखने को मिल रही है.
अस्पताल भले ही बड़े-बड़े लाख दावे करे, परन्तु सच्चाई यह आकर देखी जा सकती है कि यह मरीजों की भीड़ तो लगी है परन्तु कई मरीजों को बिना इलाज के घर जाना पड़ रहा है.
ईटीवी भारत ने जिला अस्पताल बौराड़ी में पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन का पर्दाफाश किया. इस मशीन से मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जा रहा था. आपको बता दे कि जिस पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड मशीन से इलाज किया जा रहा है वह पूरे भारत में प्रतिबंधित है और यहां पर स्वामी राम हिमालय जौलीग्रांट द्वारा नियमों को ताक पर रखकर खुलेआम चलाई जा रही है.
लिंग चयन प्रतिषेध नियमावली 1996 के नियम तीन यूवी के तहत कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए यह निर्देश जारी हुआ है और कहा गया है कि जिन डॉक्टरों के पास यह पोर्टेबल अल्ट्रासाउन्ड मशीन है वह इस मशीन को सरेंडर कर फिक्स अल्ट्रासाउंड मशीन लगवाएं और उसका पंजीकरण जिलाधिकारी और जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से करवाएं. ऐसा न करने पर अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त करके वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
परंतु टिहरी के जिला अस्पताल बौराड़ी में खुलेआम डॉक्टर द्वारा पोर्टेबल अल्ट्रासाउंड से मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जा रहा है जबकि नियमानुसार फिक्स अल्ट्रासाउंड मशीन से अल्ट्रासाउंड किया जाना चाहिए.
इस मामले में अभी तक जिला अस्पताल बौराड़ी में स्वामी राम हिमालय जौलीग्रांट के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. जब इस संबंध में डॉ प्रशस्त बिष्ट से पूछा तो उन्होंने मना कर दिया और कहा की कुछ दिन में नई मशीन लगा दी जाएगी. दूसरी ओर जिले के सीएमओ से पूछा तो उन्होंने कहा कि मैं जांच करूंगी उसके बाद ही कुछ कह सकूंगी.