उत्तरकाशी: देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को गंगोत्री धाम के बाद शुक्रवार को पुरोहित समाज के लोग अपने पैतृक गांव और मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में देवस्थानम एक्ट के खिलाफ क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं. पुरोहित समाज का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो वे भूख हड़ताल और जरूरत पड़ी तो आत्मदाह के लिए भी बाध्य होंगे.
पुरोहितों का कहना है कि प्रदेश सरकार जबरन उन पर इस विधेयक को थोप रही है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. गंगोत्री धाम के पुरोहित सुधांशु सेमवाल का कहना है कि गंगोत्री धाम के साथ ही मां गंगा के शीतकालीन प्रवास मुखबा में भी पुरोहित समाज का क्रमिक अनशन जारी रहेगा. पुरोहितों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो वे भूख हड़ताल और जरूरत होने पर आत्मदाह करने भी करने को तैयार हैं. जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की होगी.
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व्यवस्था में सुधार के लिए है बोर्ड
सीएम मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि चारधाम देवस्थानम अधिनियम चारधाम और उनके आसपास के मंदिरों की व्यवस्था में सुधार के लिए है. मकसद ये है कि यहां आने वाले यात्रियों का ठीक से स्वागत हो और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलें. इसके साथ ही बोर्ड भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करे.