उत्तरकाशी: भारी बारिश से नदी नाले उफान पर आने के कारण गंगोत्री-यमुनोत्री हाईवे सहित कई सड़कों पर मलबा आ गया है, जो लगातार हो रही बारिश के साथ जानलेवा साबित हो रहा है. ऐसी ही स्थित जिला मुख्यालय से महज एक किमी की दूरी पर स्थित (दरगाह) उजेली के समीप देखने को मिली. जहां गंगोत्री हाईवे पर BRO ने मात्र वाहनों की आवाजाही के लिए तो मलबे को हटाने की बजाय उसे सड़क पर ही बिछा दिया. जिससे हादसा होने का खतरा बना हुआ है.
गौर हो कि रविवार रात को खांड गांव की और से आने वाले नाले के साथ गंगोत्री हाईवे पर कई टन मलबा बहकर आ गया. जिसमें गंगोत्री हाईवे पर स्थित एक ढाबा भी क्षतिग्रस्त हो गया. ढाबा मालिक आनोद सेमवाल का कहना है कि उन्होंने ढाबा खोलने के लिए एक लाख का लोन लिया था, जिसका 75 प्रतिशत चुका दिया है. वहीं, अब ढाबा क्षतिग्रस्त होने के कारण उनके सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है.
पढ़ें-Impact: 36 घंटे के बाद आपदा प्रभावित निराकोट पहुंचे पटवारी, QRT टीम ने संभाली कमान
वहीं, दूसरी और गंगोत्री हाईवे पर आए मलबे के बाद BRO ने वाहनों की आवाजाही को सुचारू करने के लिए मलबे को हटाने के बजाय उसे सड़क पर ही फैला दिया, जो बारिश के कारण अब कीचड़ में तब्दील हो गया. जहां पर दोपहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं तो वहीं चौपहिया वाहन फिसल रहे हैं जो बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे को हटाने की बजाय उसे सड़क पर बिछा दिया गया है, जो हादसों को दावत दे रहा है. मुख्यालय के समीप होने के बावजूद भी प्रशासन और BRO के ओर मलबा हटाने का प्रयास नहीं किया गया है. जबकि, आजकल आपदा के समय दिन रात अधिकारियों के वाहन भी इसी मार्ग से गुजर रहे हैं. जिनका ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.
पढ़ें-उत्तरकाशी: मांडो गांव में राहत-बचाव कार्यों में तेजी, SDRF और NDRF ने संभाला मोर्चा
वाहन चालकों का कहना है कि शायद जिला प्रशासन और BRO किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. उन्होंने आगे कहा कि गंगोत्री हाईवे पर आने वाला नाला बरसात में कभी भी फिर मलबा बहाकर ला सकता है जो बड़ी समस्या खड़ी कर सकता है.