देहरादून: 17 दिनों की लंबी जद्दोजहद के बाद 28 नवंबर रात को करीब आठ बजे उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा टलन में फंसे सभी 41 मजदूरों का सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया. इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान चली रही गहमा-गहमी के बीच एक छोटे से मंदिर ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. ये मंदिर बाबा बौखनाग देवता का है. देश-विदेश से आए एक्सपर्ट्स हों या खुद सीएम धामी, केंद्रीय मंत्री और अधिकारी, सभी को इस मंदिर में माथा टेकते हुए देखा गया है. इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स की उस वीडियो ने सबसे ज्यादा ध्यान खींचा जिसमें वो सुबह बौखनाग देवता के मंदिर में पूजा करते नजर आ रहे हैं.
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#WATCH | International tunnelling expert, Arnold Dix offers prayers before local deity Baba Bokhnaag at the temple at the mouth of Silkyara tunnel after all 41 men were safely rescued after the 17-day-long operation pic.twitter.com/xoMBB8uK52
— ANI (@ANI) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 29, 2023
स्थानीय लोगों का मानना था कि जिस स्थान पर सुरंग का निर्माण किया जा रहा है वहां प्रोजेक्ट के कारण बौखनाग देवता के प्राचीन मंदिर को हटा दिया गया था, इसलिए बौखनाग देवता के प्रकोप से ही निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल में ये हादसा हुआ था. यही कारण रहा कि टनल में 41 मजदूरों के फंसने के बाद टनल के ठीक बाहर ग्रामीणों की मांग पर बौखनाग देवता के नाम का एक छोटा सा मंदिर स्थापित किया गया और तब से लगातार मंदिर में पूजा अर्चना की जाने लगी. यहां तक कि सभी श्रमिकों के सफल रेस्क्यू के बाद खुद सीएम धामी ने अपने पोस्ट में बाबा बौखनाग को नमन किया और बाबा बौखनाग मंदिर निर्माण कार्य जल्द शुरू किए जाने की बात भी कही.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। जल्द ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) November 28, 2023मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। जल्द ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
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ग्रामीणों का मानना है कि बौखनाग देवता के आशीर्वाद के कारण ही ये रेस्क्यू ऑपरेशन सफल हो पाया. स्थानीय लोगों ने 28 नवंबर को रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म होने से तीन दिन पहले ही कह दिया था कि बौखनाग देवता ने रेस्क्यू पूरा होने के संकेत दे दिए है और तीनों दिनों के अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो जाएगा, जो सही साबित हुआ.
पढ़ें- उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल से रेस्क्यू मजदूरों को किया गया एयरलिफ्ट, चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाया एम्स ऋषिकेश
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बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023बाबा बौख नाग जी की असीम कृपा, करोड़ों देशवासियों की प्रार्थना एवं रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे सभी बचाव दलों के अथक परिश्रम के फलस्वरूप श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है। शीघ्र ही सभी श्रमिक भाइयों को बाहर निकाल लिया जाएगा।
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वहीं, तमाम एजेंसियों के एक्सपर्ट्स को भी आस्था का मार्ग लेते हुए देखा गया. रेस्क्यू के बाद इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने इस पूरे ऑपरेशन को एक चमत्कार बताया. उन्होंने कहा कि, 'यदि आपने ध्यान नहीं दिया है, तो हमने अभी एक चमत्कार देखा है.'
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#WATCH | Uttarkashi (Uttarakhand) tunnel rescue | On the successful rescue of all 41 workers from the Silkyara tunnel, international tunnelling expert Arnold Dix says, "It's been my honour to serve, and as a parent, it's been my honour to help out all the parents getting their… pic.twitter.com/3A7rqf02VR
— ANI (@ANI) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) November 29, 2023
कौन है बौखनाग देवता? जिस इलाके में सुरंग है, बौखनाग देवता को उस क्षेत्र का खेत्रपाल देवता भी माना जाता है. खेत्रपाल का मतलब क्षेत्र विशेष की रक्षा करने वाला कहा जाता है. खेत्रपाल शब्द क्षेत्रपाल शब्द का स्थानीय गढ़वाली भाषा में रूपांतरण है. उत्तरकाशी के राडीटॉप इलाके में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बाबा बौखनाग देवता का मंदिर है. मान्यता है कि इस मंदिर तक नंगे पैर आकर दर्शन किए जानें तो हर मनोकामना पूरी होती है. पहाड़ों पर स्थित इस मंदिर में हर साल मेला लगता है. स्थानीय लोगों में बाबा बौखनाग की काफी मान्यता है. माना जाता है कि इस पूरे क्षेत्र की रक्षा बाबा बौखनाग ही करते है. ग्रामीणों का मानना है कि बाबा बौखनाग की उत्पत्ति नाग के रूप में हुई थी.
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जय बाबा बौख नाग!
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 29, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
बाबा की कृपादृष्टि सभी भक्तजनों पर बनी रहे, ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/X1B1IzXVdb
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— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 29, 2023
बाबा की कृपादृष्टि सभी भक्तजनों पर बनी रहे, ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/X1B1IzXVdbजय बाबा बौख नाग!
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बाबा की कृपादृष्टि सभी भक्तजनों पर बनी रहे, ऐसी कामना करता हूँ। pic.twitter.com/X1B1IzXVdb
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री कृष्ण टिहरी जिले में सेम मुखेम से आए थे. इसी कारण यहां हर साल सेम मुखेम और बाबा बौखनाग का मेला लगता है. स्थानीय लोगों की मान्यता है कि बाबा बौखनाग मंदिर के ठीक नीचे सिलक्यारा में ये 4.5 किमी लंबी टनल बनाई जा रही थी. ग्रामीणों के मुताबिक, सुरंग बाबा बौखनाग की पूंछ के नीचे है, जो सही संकेत नहीं है, इसलिए टनल में ये हादसा हुआ.
NOTE: ये जानकारी स्थानीय मान्यताओं और जानकारी के आधार पर है. ईटीवी भारत इसकी पुष्टि नहीं करता.