उत्तरकाशीः न्याय पंचायत साल्ड का सरकारी भवन अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. करोड़ों की लागत से बनी सरकारी इमारत पूर्णतः जर्जर हो चुकी हैं. प्रशासन की लापरवाही से यह सरकारी इमारत पूरी तरह से वीरान पड़ी है. इसका खामियाजा हजारों ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. स्थिति यह है कि ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है. जब कि न्याय पंचायत में कई सरकारी भवन जर्जर हो चुके हैं.
जानकारी के अनुसार भटवाड़ी ब्लॉक की न्याय पंचायत साल्ड जोकि करीब 10 से 12 गांव का एक केंद्र बिंदु है. यहां पर सरकार की ओर से करोड़ों की लागत से पटवारी चौकी सहित कृषि निवेश भंडार और मातृ शिशु भवन सहित अन्य जैसे भवनों का निर्माण किया था.
शासन की यह मंशा थी कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने से ग्रामीणों को सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ मिल सकेगा, लेकिन दुर्भाग्य है कि ये भवन समय से पहले ही खस्ताहाल हो गए हैं. इन भवनों की ओर अभी तक किसी कर्मचारी और अधिकारी ने पलट कर नहीं देखा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इन भवनों का निर्माण महज सरकारी धन के दुरुपयोग के लिए किया गया था? सरकार की ओर से व्यवस्था की गई थी कि सभी जनपदों के 10 से 12 गांव के केंद्रों न्याय पंचायतों में विभिन्न विभागों के भवनों का निर्माण कर ग्रामीणों को सुविधाएं दी जाएं, ताकि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें. दुर्भाग्य है कि करोड़ों की लागत से बने ये भवन खंडहरों में तब्दील हो चुके है, जिससे ग्रामीणों को छोटे-छोटे कामों के लिए भी जिला मुख्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
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वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य साल्ड तनुजा नेगी का कहना है कि आज सभी सरकारी भवन खंडहर में तब्दील हो गए हैं, जिससे लोगों को कार्यों के लिए जिला मुख्यालय का सफर तय करना पड़ता है. जबकि जिला मुख्यालय से महज 10 किमी दूरी होने के बाद भी क्षेत्र की ओर आज तक किसी अधिकारी ने भी ध्यान नहीं दिया. उन्होंने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा दिक्कतें गांव के गरीब परिवारों को आती हैं. साथ ही उन्होंने शासन-प्रशासन से जल्द भवनों की मरम्मत करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ तो वे उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे.