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बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते खालसी गांव के लोग, पैदल नाप रहे कई किलोमीटर दूरी

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Published : Jul 30, 2020, 4:53 PM IST

Updated : Jul 30, 2020, 5:14 PM IST

नई खालसी ग्राम सभा के तीन तोकों मनगाड़, डिब्बापानी और माड़ में करीब 60 से 70 परिवार निवास करते है, लेकिन यहां के ग्रामीण पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. ग्रामीण 3 से 4 किमी की पैदल दूरी तय कर पानी धोने को मजबूर हैं.

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पानी की समस्या

उत्तरकाशीः मॉनसून सीजन में जहां पहाड़ों में बारिश त्राहि-त्राहि मच रही है तो वहीं, दूसरी ओर उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के नई खालसी गांव में लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में यहां ग्रामीण पेयजल के लिए 3 से 4 किमी की पैदल दूरी नाप रहे हैं. इतना ही नहीं ग्रामीणों को पानी के स्रोत पर भी 2 से 3 घंटे लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि ये समस्या आज ही नहीं बल्कि कई सालों से बनी हुई है, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली है.

पेयजल समस्या से जूझते ग्रामीण.

नई खालसी 'माड़' के ग्रामीण कुलवीर कंडियाल का कहना है कि ग्राम सभा के अंतर्गत तीन तोकों मनगाड़, डिब्बापानी और माड़ में करीब 60 से 70 परिवार निवास करते हैं. जिन्हें कई सालों से पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. वो डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. पेयजल निगम और जल संस्थान की ओर से भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः पेयजल निगम के एमडी भजन सिंह के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज, शासन ने बैठाई जांच

बुजुर्ग ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि साल 1991 के भूकंप के बाद से उन्होंने पानी की आपूर्ति के लिए हमेशा परेशानी झेली है. अब वो बुजुर्ग हो गए हैं, लेकिन पानी के इंतजार में आंखे पथरा गई है. साथ ही उनका कहना है कि कई बार बच्चों को ही पानी के लिए भेजना पड़ता है. जिस कारण उनके स्कूल जाने में देरी हो जाती है. जिस स्रोत पर भी पानी आता है, वहां पर पानी काफी कम आता है. ऐसे में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है.

उत्तरकाशीः मॉनसून सीजन में जहां पहाड़ों में बारिश त्राहि-त्राहि मच रही है तो वहीं, दूसरी ओर उत्तरकाशी जिले के चिन्यालीसौड़ ब्लॉक के नई खालसी गांव में लोग पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं. ऐसे में यहां ग्रामीण पेयजल के लिए 3 से 4 किमी की पैदल दूरी नाप रहे हैं. इतना ही नहीं ग्रामीणों को पानी के स्रोत पर भी 2 से 3 घंटे लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि ये समस्या आज ही नहीं बल्कि कई सालों से बनी हुई है, लेकिन किसी ने उनकी सुध नहीं ली है.

पेयजल समस्या से जूझते ग्रामीण.

नई खालसी 'माड़' के ग्रामीण कुलवीर कंडियाल का कहना है कि ग्राम सभा के अंतर्गत तीन तोकों मनगाड़, डिब्बापानी और माड़ में करीब 60 से 70 परिवार निवास करते हैं. जिन्हें कई सालों से पानी की बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है. वो डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन आज तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. पेयजल निगम और जल संस्थान की ओर से भी कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

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बुजुर्ग ग्रामीण महिलाओं का कहना है कि साल 1991 के भूकंप के बाद से उन्होंने पानी की आपूर्ति के लिए हमेशा परेशानी झेली है. अब वो बुजुर्ग हो गए हैं, लेकिन पानी के इंतजार में आंखे पथरा गई है. साथ ही उनका कहना है कि कई बार बच्चों को ही पानी के लिए भेजना पड़ता है. जिस कारण उनके स्कूल जाने में देरी हो जाती है. जिस स्रोत पर भी पानी आता है, वहां पर पानी काफी कम आता है. ऐसे में उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है.

Last Updated : Jul 30, 2020, 5:14 PM IST
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