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मानसून सीजन में भी धधक रहे उत्तरकाशी के जंगल, वन विभाग के छूटे पसीने

उत्तरकाशी के मुखेम रेंज के जगलों में मानसून सीजन में भी भीषण आग लगी हुई है. यहां पर डांग, कोटियाल समेत बोंगा गांव के जंगलों में आग फैली हुई है. जिससे लाखों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो गई.

मानसून सीजन में भी धू-धू कर जल रहे उत्तरकाशी के जंगल.
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Published : Jun 28, 2019, 11:19 PM IST

उत्तरकाशीः मानसून सीजन में भी जिले के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. जहां मानसून आते ही वन विभाग ने चैन की सांस ले ली थी, तो वहीं जून महीने के अंत में एक बार फिर जंगलों में आग भड़क उठी है. इन दिनों मुखेम रेंज के जगलों में भीषण आग फैली हुई है. जिसे बुझाने के लिए वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं. वहीं, जंगलों में आग फैलने से शहर में भी धुंआ फैला हुआ है. जिससे आम जन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला मुख्यालय के पास सटे डांग गांव के जंगलों में शुक्रवार को आग लग गई. दोपहर बाद आग ने भीषण रूप ले लिया. देखते ही देखते आसपास के कोटियाल समेत बोंगा गांव के जंगलों तक फैल गई. जिससे लाखों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो गई. आग की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जंगलो में भीषण आग फैलने के कारण वनकर्मियों के आग बुझाने में पसीने छूट रहे हैं.

मानसून सीजन में भी धू-धू कर जल रहे उत्तरकाशी के जंगल.

ये भी पढ़ेंः इटली की रूट स्टॉक तकनीक से खिलेंगे बागवानों के चेहरे, आय में होगी बढ़ोतरी

मानसून सीजन में फैली इस आग से नगर क्षेत्र में धुंध फैली हुई है. जिससे स्थानीय लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. वहीं, आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो आग आवासीय बस्तियों तक भी पहुंच सकती है. उधर, आग को बढ़ता देख वन विभाग ने एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों की मदद ली है.

उत्तरकाशीः मानसून सीजन में भी जिले के जंगल धू-धू कर जल रहे हैं. जहां मानसून आते ही वन विभाग ने चैन की सांस ले ली थी, तो वहीं जून महीने के अंत में एक बार फिर जंगलों में आग भड़क उठी है. इन दिनों मुखेम रेंज के जगलों में भीषण आग फैली हुई है. जिसे बुझाने के लिए वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं. वहीं, जंगलों में आग फैलने से शहर में भी धुंआ फैला हुआ है. जिससे आम जन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

जिला मुख्यालय के पास सटे डांग गांव के जंगलों में शुक्रवार को आग लग गई. दोपहर बाद आग ने भीषण रूप ले लिया. देखते ही देखते आसपास के कोटियाल समेत बोंगा गांव के जंगलों तक फैल गई. जिससे लाखों रुपये की वन संपदा जलकर राख हो गई. आग की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जंगलो में भीषण आग फैलने के कारण वनकर्मियों के आग बुझाने में पसीने छूट रहे हैं.

मानसून सीजन में भी धू-धू कर जल रहे उत्तरकाशी के जंगल.

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मानसून सीजन में फैली इस आग से नगर क्षेत्र में धुंध फैली हुई है. जिससे स्थानीय लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. वहीं, आग पर जल्द काबू नहीं पाया गया, तो आग आवासीय बस्तियों तक भी पहुंच सकती है. उधर, आग को बढ़ता देख वन विभाग ने एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों की मदद ली है.

Intro:उत्तरकाशी के जंगलों में एक बार फिर भीषण आग फैल गई है। आवासीय बस्ती तक पहुंच सकती है आग। मानसून के बाद भी सीमान्त जनपद में जंगलो की आग नहीं बुझ रही है। जहाँ मानसून आते ही वन विभाग ने चैन की सांस ले ली थी। तो वहीं जून माह के अंत मे एक बार फिर उत्तरकाशी के जंगलों में आग भड़क उठी है। मुखेम रेंज के जंगलों में शुक्रवार सुबह से ही भीषण आग फैली हुई है। जिसे बुझाने में वन विभाग के पसीने छूट रहे हैं। वहीं यह आग जनपद मुख्यालय के आसपास के जंगलों में फैलने के कारण पूरे नगर क्षेत्र में धुंध फैली हुई है। जिससे आम जन परेशान हो रहा है।




Body:वीओ-1, शुक्रवार सुबह वन विभाग के अशिकारियो और कर्मचारियों के चेहरे पर सिकन आ गई। जब जनपद मुख्यालय के आसपास डांग गांव के जंगलों में आग फैल गई। दोपहर बाद आग इतनी भीषण फैल गई कि देखते ही देखते आग आसपास के कोटियाल गांव सहित बोंगा गांव के जंगलों में आग फैल गई। जिससे कि लाखों की वन संपदा जलकर राख हो गई है। वहीं मानसून सीजन में फैली इस आग से नगर क्षेत्र में धुंध फैली हुई है। साथ ही अगर आग पर काबू नहीं पाया गया,तो यह रात तक आवासीय बस्तियों तक भी पहुंच सकती है।


Conclusion:वीओ-2, आग की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी मोके पर पहुँच कर आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन जंगलो में भीषण आग फैलने के कारण वनकर्मियों के आग बुझाने में पसीने छूट रहे हैं। साथ ही आग को देखते हुए वन विभाग ने एसडीआरएफ और आपदा प्रबंधन विभाग के कर्मचारियों की मदद ली है।
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