उत्तरकाशी: पहाड़ों में लगातार हो रही ओलावृष्टि और अतिवृष्टि से जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो चुका है. कोरोना काल में जहां जीवन बचाने की जद्दोजहद चल रही है, वहीं मौसम की नाराजगी ने अब अन्नदाताओं के चेहरे पर मायूसी ला दी है. ओलावृष्टि के कारण काश्तकारों की खड़ी फसल नष्ट हो रही है, जिस कारण उनके सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है. किसान प्रदेश सरकार से नुकसान की भरपाई की मांग कर रहे हैं.
जनपद की सभी 6 तहसीलों के काश्तकारों पर पिछले 10 दिन से मौसम की मार पड़ रही है. हर दिन बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने गेहूं की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचाया है. इसके साथ ही नकदी फसलों को भी अत्यधिक नुकसान पहुंचा है. आराकोट बंगाण क्षेत्र में सेब के पौधों और पेड़ों को भी ओलावृष्टि के कारण नुकसान हुआ है, जिससे अब बागवान भी चिंतित नजर आ रहे हैं.
पढ़ें- स्वास्थ्य सेवाएं हुईं मजबूत, CM ने दी 73 ICU और 46 वेंटिलेटर की सौगात
ब्लॉक प्रमुख भटवाड़ी विनीता रावत का कहना है कि उनके विकासखण्ड की सभी पट्टियों में ओलावृष्टि के कारण काश्तकारों पर दोहरी मार पड़ी है. उन्होंने मुख्यमंत्री से काश्तकारों के नुकसान की भरपाई की मांग की है. बंगाण क्षेत्र के सेब बागवान मनमोहन सिंह चौहान का कहना है कि गत वर्ष आपदा ने सेब के उत्पादन को नुकसान पहुंचाया. इस वर्ष अब ओलावृष्टि सेब की पैदावार को नुकसान पहुंचा रही है.