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खतरे में बच्चों का भविष्य, एक शिक्षक के भरोसे तीन-तीन क्लास

उत्तराखंड में स्कूलों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है. उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के दरसों गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विगत दो वर्षों से एक शिक्षक के भरोसे तीन कक्षाएं चल रहीं है.

उत्तराखंड बना वर्चुअल शिक्षा पाने वाला पहला राज्य
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Published : Nov 18, 2019, 11:02 PM IST

उत्तरकाशी: एक ओर उत्तराखंड के स्कूलों में वर्चुअल शिक्षा शुरू हो गई है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई सरकारी स्कूल बदहाली के आंसू रो रहे हैं. प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल जनपद के सरकारी स्कूलों की अव्यवस्थाएं बयां कर रही हैं. जनपद के नौगांव ब्लॉक के दरसों गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विगत दो वर्षों से एक शिक्षक के भरोसे तीन कक्षाएं चल रही हैं. जिस कारण अब स्कूल में छात्रों की संख्या घटती जा रही है.

ग्रामीण अरविंद थपलियाल का कहना है कि विगत दो वर्षों से गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षक के भरोसे 6 से 8 तक कक्षायें चल रही हैं. इस सम्बंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया. लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है. जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

उत्तराखंड बना वर्चुअल शिक्षा पाने वाला पहला राज्य

ये भी पढ़ें: भारत का ही रहेगा कालापानी, नेपाल को CM त्रिवेंद्र की दो टूक

वहीं, अरविंद थपलियाल का कहना है कि गत वर्ष स्कूल में 28 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. इस वर्ष उनमें से 8 बच्चों को अभिभावकों ने अन्य स्कूलों में भर्ती करा दिया, लेकिन कई ग्रामीण ऐसे भी हैं जिनके बच्चों के लिए इस स्कूल के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है. बता दें कि अगर एक मात्र शिक्षक को सरकारी कार्य से ब्लॉक या जनपद मुख्यालय जाना हो, तो उस दिन स्कूल में अवकाश कर दिया जाता है.

उत्तरकाशी: एक ओर उत्तराखंड के स्कूलों में वर्चुअल शिक्षा शुरू हो गई है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के कई सरकारी स्कूल बदहाली के आंसू रो रहे हैं. प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल जनपद के सरकारी स्कूलों की अव्यवस्थाएं बयां कर रही हैं. जनपद के नौगांव ब्लॉक के दरसों गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विगत दो वर्षों से एक शिक्षक के भरोसे तीन कक्षाएं चल रही हैं. जिस कारण अब स्कूल में छात्रों की संख्या घटती जा रही है.

ग्रामीण अरविंद थपलियाल का कहना है कि विगत दो वर्षों से गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षक के भरोसे 6 से 8 तक कक्षायें चल रही हैं. इस सम्बंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया. लेकिन कोई भी कार्रवाई नहीं हो रही है. जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

उत्तराखंड बना वर्चुअल शिक्षा पाने वाला पहला राज्य

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वहीं, अरविंद थपलियाल का कहना है कि गत वर्ष स्कूल में 28 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. इस वर्ष उनमें से 8 बच्चों को अभिभावकों ने अन्य स्कूलों में भर्ती करा दिया, लेकिन कई ग्रामीण ऐसे भी हैं जिनके बच्चों के लिए इस स्कूल के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है. बता दें कि अगर एक मात्र शिक्षक को सरकारी कार्य से ब्लॉक या जनपद मुख्यालय जाना हो, तो उस दिन स्कूल में अवकाश कर दिया जाता है.

Intro:उत्तरकाशी। एक और उत्तराखंड प्रदेश वर्चुअल शिक्षा शुरू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। तो वहीं दूसरी और प्रदेश के सरकारी स्कूलों की स्थिति अपनी बदहाली का आंशू रो रहे हैं। प्रदेश सरकार के बड़े-बड़े दावों की पोल जनपद के सरकारी स्कूलों की अव्यवस्थाएं खोल रही है। जनपद के नौगांव ब्लॉक के दरसों गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विगत दो वर्षों से एक शिक्षक के भरोसे तीन कक्षाएं चल रहीं है। जिस कारण अब स्कूल में छात्र संख्या घट रही है। Body:वीओ-1, प्रदेश की डबल इंजन सरकार अपने नोनिहालों को अच्छी शिक्षा देने के दावे ठोक रही है। तो साथ ही अब ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की बात कही जा रही है। लेकिन पहले जो स्कूल बनाए हुए हैं। उनकी स्थिति को सुधारने के लिए किसी का ध्यान नहीं जा है। नौगांव ब्लॉक के दरसों गांव के ग्रामीण अरविंद थपलियाल का कहना है कि विगत दो वर्षों से गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक शिक्षक के भरोसे कक्षा 6 से 8 तक चल रहा है। इस सम्बंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अवगत करवाया गया। लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं हो रहा है। जिससे बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। Conclusion:वीओ-2, अरविंद थपलियाल का कहना है कि गत वर्ष स्कूल में 28 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे। इस वर्ष उनमें से 8 बच्चों को अभिभावकों ने अन्यत्र स्कूलों में भर्ती कर दिया है। लेकिन कई गांव के ऐसे ग्रामीण ऐसे भी हैं। जिनके बच्चों के लिए इस स्कूल के अलावा कोई भी विकल्प नहीं है। बताया कि अगर एक मात्र शिक्षक को सरकारी कार्यो से ब्लॉक या जनपद मुख्यालय जाना हो,तो उस दिन स्कूल में अवकाश कर दिया जाता है। बाईट- अरविंद थपलियाल,ग्रामीण दरसों।
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