उत्तरकाशी: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण गंगोत्री हाईवे पर करीब दो दशक से लटके सुक्की बाईपास निर्माण पर छाए बादल छंटते नजर आ रहे हैं. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) यहां चारधाम सड़क परियोजना में सुक्की बाईपास का निर्माण करने जा रहा है. जिससे दस किमी की अतिरिक्त दूरी तय करने में लगने वाला करीब एक घंटे का समय कुछ ही मिनटों में पूरा हो जाएगा. इससे चारधाम यात्रियों के साथ सेना को भी लाभ मिलेगा. बीआरओ ने बाईपास निर्माण के लिए दोबारा सर्वे पूरा करने के बाद डीपीआर (विस्तृत कार्य योजना) निर्माण की तैयारी शुरू कर दी है.
दरअसल, साल 1999 में सुक्की क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी. सुक्की नाले के उफान पर आने से गंगोत्री हाईवे पर भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर आ गए थे. जिसके चलते हाईवे पर आवाजाही बहाल करने में करीब 15 से 20 दिन लग गए. उस समय यहां बाईपास निर्माण की जरूरत महसूस हुई थी. तभी पहली बार बाईपास निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया था. लेकिन क्षेत्र के ग्रामीणों के विरोध के चलते यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया.
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लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की चारधाम सड़क परियोजना में यहां दोबारा बाईपास निर्माण की कवायद तेज हुई है. इसके लिए बीआरओ ने हाल में दोबारा सर्वे किया है. जिसके पूरा होने के बाद बाईपास निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है. जिसके अनुसार बाईपास बनने के बाद चारधाम यात्रियों व सेना को सुक्की टॉप के घुमावदार छह बैंड चढ़ने से मुक्ति मिलेगी. वहीं करीब एक घंटे की दूरी को कुछ ही मिनटों में पूरा कर लिया जाएगा. जिसका लाभ सेना और स्थानीय लोगों को मिलेगा.
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भूगर्भीय सर्वेक्षण में सुरंग निर्माण का प्रस्ताव हुआ रद्द: पूर्व में यहां बाईपास के लिए सुरंग निर्माण भी प्रस्तावित की गई थी. जिसका निर्माण सुक्की के नीचे से होना था और जो सीधे झाला की ओर निकलती. लेकिन भूगर्भीय सर्वेक्षण में क्षेत्र कमजोर मिलने और धंसाव का पता चलने पर सुरंग के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया. अब सुक्की के नीचे से सीधे पार सड़क पहुंचाई जाएगी, जो सीधे आगे गंगोत्री हाईवे से जुड़ेगी.
क्या कह रहे बीआरओ के अधिकारी: बीआरओ के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि भूगर्भीय सर्वेक्षण में सुरंग के लिए जगह उपयुक्त नहीं मिली. बाईपास का ही निर्माण होगा. जो कि भागीरथी नदी के पार से होकर जाएगा. दोबारा सर्वे के लिए कहा गया था. जिसे पूरा कर लिया गया है. अब बाईपास निर्माण के लिए डीपीआर बनाई जा रही है.