उत्तरकाशी: बैसाखी के पावन पर्व पर यमुना के शीतकालीन प्रवास खरसाली गांव स्थित उनके भाई शनि महाराज के मंदिर के कपाट विधि विधान के साथ श्रद्धालुओं के दर्शन के लिये खोल दिये गये हैं. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने मंदिर के भीतर रखी शनि महाराज की प्रतीक सिरोही के दर्शन कर सुख, समृद्धि एवं शांति की कामना की. देवता के पश्वा से आशीर्वाद ग्रहण किया.
दर्शन मात्र से दूर होता है शनि दोष यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल तीर्थ पुरोहितों के गांव खरसाली में मां यमुना के भाई शनि महाराज का पांच मंजिला प्राचीन मंदिर है. ग्रामीण शनि महाराज को समेश्वर देवता के नाम से पुकारते हैं. मान्यता है कि मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना से शनि के दोष से मुक्ति मिल जाती है. हर वर्ष शीतकाल में इस मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं, जो बैसाखी के पावन पर्व पर खोले जाते हैं. शुक्रवार को बैसाखी के पावन पर्व पर तय मुहूर्त के अनुसार प्रात: 5 बजे शनि मंदिर के कपाट खोले गए.
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आज खोले गये कपाट: यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित पवन उनियाल ने बताया कि मंदिर के कपाट पुजारी ने खोल कर भीतर रखी शनि देवता की प्रतीक सिरोही को बाहर निकाला. श्रद्धालुओं ने इसके दर्शन कर मनौतियां मांगी. उन्होंने बताया कि सर्दियों में कपाट बंद होने के दौरान यहां मंदिर के बाहर से ही शनि महाराज की पूजा-अर्चना की जाती है. अब कपाट खुलने पर मंदिर के भीतर दर्शन और पूजा-अर्चना की व्यवस्था रहेगी. शनि महाराज की डोली यमुनोत्री के कपाट खुलने वाले दिन अपनी बहन यमुना को धाम तक विदा करने जाएगी.