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मजदूरों के लिए 'देवदूत' बने आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत - लॉकडाउन

लॉकडाउन के बीच आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत बीमार मजदूरों को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत
राजेश रावत
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Published : Apr 22, 2020, 10:32 AM IST

Updated : May 25, 2020, 7:35 PM IST

उत्तरकाशीः लॉकडाउन के बीच कई लोग निस्वार्थ भाव से लगातार समाज सेवा कर अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं. इनमें गंगनानी का एक युवा आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत भी शामिल है. राजेश बीते कई सालों से आपदा हो या अन्य मुसीबत निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद कर रहे हैं. इन दिनों लॉकडाउन के बीच राजेश मजदूरों के लिए देवदूत बने हुए हैं. वो बीमार मजदूरों को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

बीती सोमवार देर रात को भी गंगोत्री हाईवे पर सुनगर के पास रह रहे मजदूर नीम बहादुर के पेट में दर्द के साथ अचनाक तबीयत बिगड़ गई. मजदूरों ने इसकी सूचना आपदा प्रबंधन को दी. सूचना मिलते ही आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत मौके पर पहुंचे और बीमार मजदूर को जिला अस्पताल पहुंचाया. मंगलवार को इलाज के बाद मजदूर को छुट्टी दे दी गई. राजेश ने मजदूर को पीठ पर उठाकर अस्पताल से गाड़ी तक पहुंचाया और उसे वापस भी लाए.

ये भी पढ़ेंः 180 किमी दूर पहुंचाई दवा, अल्मोड़ा पुलिस को मिला आशीर्वाद

यह पहला मौका नहीं है, जब इस लॉकडाउन के दौरान आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत ने किसी मजदूर का जीवन बचाया हो. इससे पहले भी लॉकडाउन के बीच राजेश रावत ने दो बीमार मजदूरों को समय से अस्पताल पहुंचाकर उनकी जिंदगी बचाई है. आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत साल 2013 की आपदा से एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं. राजेश किसी भी प्रकार की आपदा, मुसीबत और दुर्घटना में सबसे पहले पहुंचकर मदद करते हैं.

उत्तरकाशीः लॉकडाउन के बीच कई लोग निस्वार्थ भाव से लगातार समाज सेवा कर अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं. इनमें गंगनानी का एक युवा आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत भी शामिल है. राजेश बीते कई सालों से आपदा हो या अन्य मुसीबत निस्वार्थ भाव से लोगों की मदद कर रहे हैं. इन दिनों लॉकडाउन के बीच राजेश मजदूरों के लिए देवदूत बने हुए हैं. वो बीमार मजदूरों को अपनी पीठ पर उठाकर अस्पताल पहुंचा रहे हैं.

बीती सोमवार देर रात को भी गंगोत्री हाईवे पर सुनगर के पास रह रहे मजदूर नीम बहादुर के पेट में दर्द के साथ अचनाक तबीयत बिगड़ गई. मजदूरों ने इसकी सूचना आपदा प्रबंधन को दी. सूचना मिलते ही आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत मौके पर पहुंचे और बीमार मजदूर को जिला अस्पताल पहुंचाया. मंगलवार को इलाज के बाद मजदूर को छुट्टी दे दी गई. राजेश ने मजदूर को पीठ पर उठाकर अस्पताल से गाड़ी तक पहुंचाया और उसे वापस भी लाए.

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यह पहला मौका नहीं है, जब इस लॉकडाउन के दौरान आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत ने किसी मजदूर का जीवन बचाया हो. इससे पहले भी लॉकडाउन के बीच राजेश रावत ने दो बीमार मजदूरों को समय से अस्पताल पहुंचाकर उनकी जिंदगी बचाई है. आपदा स्वयंसेवी राजेश रावत साल 2013 की आपदा से एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर रेस्क्यू में मदद कर रहे हैं. राजेश किसी भी प्रकार की आपदा, मुसीबत और दुर्घटना में सबसे पहले पहुंचकर मदद करते हैं.

Last Updated : May 25, 2020, 7:35 PM IST
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