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गंगोत्री धाम में व्यापारियों ने बिजली-पानी के बिल माफ करने की उठाई मांग

कोरोना की वजह से इस साल नाम मात्र के श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे थे. ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि वे पानी और बिजली का बिल देने में असमर्थ हैं.

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गंगोत्री धाम
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Published : Oct 30, 2020, 6:00 PM IST

Updated : Oct 30, 2020, 9:13 PM IST

उत्तरकाशी: आगामी 15 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल में छह महीने के लिए बंद होने जा रहे हैं. वहीं, इससे पहले जल संस्थान और विद्युत विभाग ने गंगोत्री धाम के पुरोहितों सहित व्यापारियों और होटल कारोबारियों को 6 महीने के बिजली और पानी की बिल थाम दिया है. जिस पर गंगोत्री मन्दिर समिति सहित व्यपारियों और होटल व्यवसायियों ने नाराजगी व्यक्त की है.

बिजली-पानी के बिल माफ करने की उठाई मांग.

उनका कहना है कि जब यात्रा ही नहीं चली तो बिलों को भुगतान किस प्रकार हो पायेगा? कोरोना काल में यात्रा पूरी तर बंद थी. अनलॉक में थोड़े बहुत यात्री गंगोत्री धाम आए भी थे, लेकिन उन्हें धाम में रुकने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में कई व्यापारियों ने तो होटल और दुकानों के ताले तक नहीं खोले हैं.

पढ़ें- मसूरी: शहीद जवानों को दी गई श्रद्धांजलि, 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा राष्ट्रीय एकता दिवस

धाम के व्यापारियों का कहना है कि बावजूद इसके जल संस्थान और विद्युत विभाग ने सभी लोगों को 8 से 10 हजार के बिल थमा दिया है. जब यात्रा काल में होटल और दुकानें बंद रही है तो कैसे वे इस बिल का भुगतान करें. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में मांग की है कि इस साल कोरोना काल आपदा के तहत धाम में पानी और बिजली के बिल माफ किये जाएं.

उत्तरकाशी: आगामी 15 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल में छह महीने के लिए बंद होने जा रहे हैं. वहीं, इससे पहले जल संस्थान और विद्युत विभाग ने गंगोत्री धाम के पुरोहितों सहित व्यापारियों और होटल कारोबारियों को 6 महीने के बिजली और पानी की बिल थाम दिया है. जिस पर गंगोत्री मन्दिर समिति सहित व्यपारियों और होटल व्यवसायियों ने नाराजगी व्यक्त की है.

बिजली-पानी के बिल माफ करने की उठाई मांग.

उनका कहना है कि जब यात्रा ही नहीं चली तो बिलों को भुगतान किस प्रकार हो पायेगा? कोरोना काल में यात्रा पूरी तर बंद थी. अनलॉक में थोड़े बहुत यात्री गंगोत्री धाम आए भी थे, लेकिन उन्हें धाम में रुकने की अनुमति नहीं थी. ऐसे में कई व्यापारियों ने तो होटल और दुकानों के ताले तक नहीं खोले हैं.

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धाम के व्यापारियों का कहना है कि बावजूद इसके जल संस्थान और विद्युत विभाग ने सभी लोगों को 8 से 10 हजार के बिल थमा दिया है. जब यात्रा काल में होटल और दुकानें बंद रही है तो कैसे वे इस बिल का भुगतान करें. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने जिलाधिकारी को प्रेषित ज्ञापन में मांग की है कि इस साल कोरोना काल आपदा के तहत धाम में पानी और बिजली के बिल माफ किये जाएं.

Last Updated : Oct 30, 2020, 9:13 PM IST
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