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उत्तरकाशी कोषागार में 3 कर्मियों ने किया ₹42 लाख का गबन, खुलासा होते ही लौटाई राशि - Uttarkashi Treasury

उत्तरकाशी कोषागार में 42 लाख का गबन मामले पर तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. आरोप है कि तीनों कोषागार कर्मियों ने मृतक पेंशनर्स की राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कराया. हालांकि, मामले का खुलासा होने के बाद तीनों ने राशि जमा करा दी है.

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Published : Jan 9, 2022, 1:22 PM IST

उत्तरकाशीः नई टिहरी कोषागार में गबन के बाद अब उत्तरकाशी में भी करीब 42 लाख की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. उत्तरकाशी कोषागार के सहायक कोषाधिकारी ने तीन लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. जिसपर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, मामला दर्ज होने के बाद तीनों आरोपियों ने मृतक पेंशनरों की राशि गबन की गई रकम जमा करा दी है.

कोतवाल राजीव रौथाण ने बताया कि सहायक कोषाधिकारी बृजेंद्र लाल ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी धन का गबन करने के संबंध में लिखित तहरीर दी. जिसके आधार पर पूर्व पीआरडी कार्मिक सदर कोषागार आरती निवासी ल्वारखा कमांद टिहरी, सहायक लेखाकार महावीर नेगी, उप कोषागार डुंडा में तैनात सहायक कोषाधिकारी धर्मेंद्र शाह के खिलाफ गबन व धोखाधड़ी से संबंधित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. राजीव रौथाण के मुताबिक गबन के मामले में आरती के खाते में लगभग 25 लाख, महावीर नेगी के 5.80 लाख और धर्मेंद्र शाह के खाते में 12.70 लाख जमा हुए थे, जो कि मृतक पेंशनरों के थे.

ये भी पढ़ेंः टिहरी ट्रेजरी गबन मामला: पुलिस ने सात आरोपियों को किया गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर

ऐसे करते थे गबनः आरोपी ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे. मामले का खुलासा होने पर तीनों आरोपियों ने गबन की धनराशि जमा करा दी है.

नरेंद्र नगर कोषागार गबनः 6 जनवरी को वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह ने थाना नरेंद्रनगर में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि नरेंद्रनगर कोषागार से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी और पीआरडी सोहबत सिंह पडियार बीते कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों की जगह स्वयं और अपने परिचितों के बैंक खातों में पेंशन व एरियर का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है. तहरीर पर थाना नरेंद्रनगर ने 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 829 रुपये का का गबन पाया गया. मामले पर पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

ये भी पढ़ेंः नरेंद्रनगर ट्रेजरी से ₹2.48 करोड़ गबन के पांचों आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, ऐसे हड़पते थे मृतक पेंशनर्स के पैसे

टिहरी कोषागार गबनः नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपये डालकर गबन किया. मामले पर पुलिस 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

उत्तरकाशीः नई टिहरी कोषागार में गबन के बाद अब उत्तरकाशी में भी करीब 42 लाख की धनराशि के गबन का मामला सामने आया है. उत्तरकाशी कोषागार के सहायक कोषाधिकारी ने तीन लोगों के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. जिसपर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. हालांकि, मामला दर्ज होने के बाद तीनों आरोपियों ने मृतक पेंशनरों की राशि गबन की गई रकम जमा करा दी है.

कोतवाल राजीव रौथाण ने बताया कि सहायक कोषाधिकारी बृजेंद्र लाल ने तीन कर्मचारियों के खिलाफ सरकारी धन का गबन करने के संबंध में लिखित तहरीर दी. जिसके आधार पर पूर्व पीआरडी कार्मिक सदर कोषागार आरती निवासी ल्वारखा कमांद टिहरी, सहायक लेखाकार महावीर नेगी, उप कोषागार डुंडा में तैनात सहायक कोषाधिकारी धर्मेंद्र शाह के खिलाफ गबन व धोखाधड़ी से संबंधित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. राजीव रौथाण के मुताबिक गबन के मामले में आरती के खाते में लगभग 25 लाख, महावीर नेगी के 5.80 लाख और धर्मेंद्र शाह के खाते में 12.70 लाख जमा हुए थे, जो कि मृतक पेंशनरों के थे.

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ऐसे करते थे गबनः आरोपी ज्यादातर उन पेंशन फाइलों को छांटते थे, जिन पेंशनर्स की मृत्यु हो चुकी है. फिर ई-पोर्टल में उनके जीआरडी नंबर पर उन्हें जीवित दर्शा कर उनके खातों और नाम पर अपने परिचितों का खाता नंबर व नाम आदि डाल देते थे. जिसके बाद पेंशनर्स का रुपया उनके परिचितों के खाते में आ जाता था. इसके बाद वो अपने परिचितों को कमीशन के रूप में कुछ रुपये देकर बाकी सारे रुपये वापस ले लेते थे. इस प्रकार धोखाधड़ी के कार्य को अंजाम देते थे. मामले का खुलासा होने पर तीनों आरोपियों ने गबन की धनराशि जमा करा दी है.

नरेंद्र नगर कोषागार गबनः 6 जनवरी को वरिष्ठ कोषाधिकारी नमिता सिंह ने थाना नरेंद्रनगर में तहरीर दी थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि नरेंद्रनगर कोषागार से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोषाधिकारी जगदीश चंद्र, लेखाकार विनय कुमार चौधरी और पीआरडी सोहबत सिंह पडियार बीते कुछ वर्षों से कोषागार के ई-पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों की जगह स्वयं और अपने परिचितों के बैंक खातों में पेंशन व एरियर का भुगतान कर रहे हैं. उन्होंने सरकारी धन का गबन किया है. तहरीर पर थाना नरेंद्रनगर ने 2 करोड़ 48 लाख 46 हजार 829 रुपये का का गबन पाया गया. मामले पर पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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टिहरी कोषागार गबनः नई टिहरी कोषागार में कार्यरत लेखाकार कोषागार जयप्रकाश शाह, यशपाल सिंह नेगी ने खाता धारकों के साथ मिलकर पिछले कुछ सालों से कोषागार के ई-कोष पोर्टल पर लॉगिन कर पेंशनर्स के डाटा में छेड़छाड़ कर पेंशनर्स के बैंक खातों के स्थान पर स्वयं अपने तथा अपने परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से पेंशन व एरियर का भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया.

इस मामले पर कोतवाली नई टिहरी में मुकदमा दर्ज किया गया था. प्रथम जांच में घोटाला 2 करोड़ 21 लाख 23 हजार 150 रुपये का पाया गया. जांच के दौरान सोम प्रकाश पुत्र पदम लाल, सागर पुत्र राजकुमार, दीपक पुत्र सूरज सैनी के नाम सबसे पहले प्रकाश में आए. आरोप है कि कोषागार के कर्मचारियों ने इन तीनों खाताधारकों के खाते में रुपये डालकर गबन किया. मामले पर पुलिस 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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