उत्तरकाशी: राज्य आंदोलनकारी चिन्हित करने की मांग को लेकर मंगलवार को बाजगी समुदाय के लोगों ने उत्तरकाशी कलेक्ट्रेट परिसर में अनोखा प्रदर्शन किया. अपनी मांगों को लेकर 10 से 12 लोगों ने कलेक्ट्रेट परिसर में ढोल-दमाऊ एक साथ बजने लगे. इस दौरान उन्होंने नारेबाजी भी की.
बाजगी समुदाय के लोगों का कहना है कि उन्होंने राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन आज भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है. मंगलवार दोपहर को जनपद के दर्जनों बाजगी समुदाय के लोग अपने ढोल दमाऊ के साथ कलक्ट्रेट परिसर में पहुंचे, जहां पर उन्होंने ढोल दमाऊ बजाकर बाजगी समुदाय को राज्य आंदोलनकारी चिन्हित करने की मांग को लेकर नारेबाजी की.
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बाजगी समुदाय के लोगों का कहना है कि आज तक पहाड़ में कोई भी धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक या जीवन-मरण के कार्यक्रम होते हैं. वह बिना बाजगी समुदाय के पूरे नहीं होते हैं. राज्य आंदोलन के दौरान कोई भी रैली हो या जुलूस प्रदर्शन, हर जगह राज्य निर्माण की अवधारणा लेकर उन्होंने ढोल दमाऊ के साथ अगुवाई की. लेकिन आज तक उन्हें राज्य आंदोलनकारी घोषित नहीं किया गया है. जबकि बाजगी समुदाय में आज भी गरीबी में जीवनयापन कर रहा है, लेकिन आज तक सरकार ने उनके योगदान को हमेशा नकारा है.