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पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता, शिक्षा और रोजगार पर दिया जोर

उत्तरकाशी अपने ननिहाल पहुंचे सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने उत्तराखंड के पहाड़ों से हो रहे पलायन पर चिंता जताई है. इसे रोकने के लिए उन्होंने अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार पर जोर देने की बात कही है.

पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता.
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Published : Sep 20, 2019, 8:27 PM IST

Updated : Sep 20, 2019, 10:11 PM IST

उत्तरकाशी: थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत अपने नानी के गांव उत्तरकाशी पहुंचे हुए हैं. जहां ग्रामीणों ने उनका फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया. इस मौके पर सेनाध्यक्ष ने बचपन से जुड़ी कुछ यादें ताजा की. साथ ही पहाड़ से पलायन रोकने को लेकर भी चिंता जताई.

पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता

सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि जिस प्रकार का सौंदर्य और शालीनता इन पहाड़ों में है, वैसा कहीं भी नहीं है. उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी पहाड़ों से पलायन कर रही है. जिसे रोकने के लिए विशेष नीतियों के तहत कार्य करना होगा. जिनमें शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे अहम है, जिससे पहाड़ों की धरोहरों को संजोकर रखा जा सके. उन्होंने कहा कि वे पहाड़ के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से बात करते रहते हैं. पहाड़ में जब अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार मिलेगा तो लोग वापस लौट कर गांव आएंगे.

पढे़ं- UPCL ने कैशलेस पेमेंट्स की तरफ बढ़ाया कदम, कलेक्शन सेंटरों में जल्द होंगी स्वाइपिंग मशीन

वहीं सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने अपने ननिहाल से जुड़ी यादों को याद करते हुए बताया कि वह उनकी मां का जन्म इस गांव में हुआ था और उनका देहरादून में. उन्होंने कहा कि पहली बार जब वे इस गांव में आये थे तो वह मां की गोद में थे, जिसकी तस्वीर आज भी उनके पास है. जिसके बाद उन्होंने बताया कि साल 2004 में वे अपने मामा वकील ठाकुर वीरेंद्रपाल सिंह के साथ ननिहाल और उत्तरकाशी आये थे.

बिपिन रावत का कहना है कि वे बहुत समय से गांव आना चाह रहे थे, लेकिन समय नहीं मिल पाया. लेकिन अब वे जल्द ही सेवानिवृत होने वाले हैं, इससे पहले वे मां गंगा के आशीर्वाद और गांव के लोगों से मिलने आए हैं.

उत्तरकाशी: थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत अपने नानी के गांव उत्तरकाशी पहुंचे हुए हैं. जहां ग्रामीणों ने उनका फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया. इस मौके पर सेनाध्यक्ष ने बचपन से जुड़ी कुछ यादें ताजा की. साथ ही पहाड़ से पलायन रोकने को लेकर भी चिंता जताई.

पलायन पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने जताई चिंता

सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि जिस प्रकार का सौंदर्य और शालीनता इन पहाड़ों में है, वैसा कहीं भी नहीं है. उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी पहाड़ों से पलायन कर रही है. जिसे रोकने के लिए विशेष नीतियों के तहत कार्य करना होगा. जिनमें शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे अहम है, जिससे पहाड़ों की धरोहरों को संजोकर रखा जा सके. उन्होंने कहा कि वे पहाड़ के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से बात करते रहते हैं. पहाड़ में जब अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार मिलेगा तो लोग वापस लौट कर गांव आएंगे.

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वहीं सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने अपने ननिहाल से जुड़ी यादों को याद करते हुए बताया कि वह उनकी मां का जन्म इस गांव में हुआ था और उनका देहरादून में. उन्होंने कहा कि पहली बार जब वे इस गांव में आये थे तो वह मां की गोद में थे, जिसकी तस्वीर आज भी उनके पास है. जिसके बाद उन्होंने बताया कि साल 2004 में वे अपने मामा वकील ठाकुर वीरेंद्रपाल सिंह के साथ ननिहाल और उत्तरकाशी आये थे.

बिपिन रावत का कहना है कि वे बहुत समय से गांव आना चाह रहे थे, लेकिन समय नहीं मिल पाया. लेकिन अब वे जल्द ही सेवानिवृत होने वाले हैं, इससे पहले वे मां गंगा के आशीर्वाद और गांव के लोगों से मिलने आए हैं.

Intro:उत्तरकाशी। अपने ननिहाल धनारी थाती गांव पहुंचे सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने भी पहाड़ के पलायन पर चिंता जाहिर की। रावत ने कहा कि अगर पहाड़ से पलायन को रोकना है,तो पहाड़ में शिक्षा के स्तर और स्वास्थ्य सविधाओं को लेकर गंभीर होना पड़ेगा। साथ ही हर व्यक्ति को अपने स्तर से इसमें सहयोग करना पड़ेगा। रावत ने कहा कि पलायन के मुद्दे पर उनकी मुख्यमंत्री से भी चर्चा समय-समय पर हुई है। साथ ही कहा कि अब पहाड़ो में सड़के भी बन रही हैं। जिससे कि उम्मीद है कि पलायन रुकेगा। Body:वीओ-1, सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि जिस प्रकार का सौंदर्य और शालीनता हमारे पहाड़ो में है । उस प्रकार की कहीं भी नहीं है। बस हमें इन पहाड़ो में सविधाओं को बढ़ाना होगा। जिससे की जो युवा आज पहाड़ो से बाहर जा रहा है। वह अपने स्वरोजगार से पहाड़ों के सौंदर्य को बढ़ा सके। रावत ने कहा कि पहाड़ से पलायन रोकने के लिए विशेष नीतियों के तहत कार्य करना होगा। जिससे कि यहां की धरोहरों को हम संजो कर रख सकें। Conclusion:वीओ-2, वहीं सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने अपने ननिहाल से जुड़ी यादों को ताजा करते हुए कहा कि जब वह पहली बार ननिहाल आये थे। तो वह मां की गोद मे थे। वह यादें तस्वीरों से मिलती हैं। उसके बाद वर्ष 2004 में अपने मामा वकील ठाकुर वीरेंद्रपाल सिंह परमार के साथ ननिहाल और उत्तरकाशी आये थे। कहा कि अब रिटायरमेंट से पहले माँ गंगा के आशीर्वाद के बाद ननिहाल आने का मौका मिला। बाइट- बिपिन रावत,थल सेनाध्यक्ष।
Last Updated : Sep 20, 2019, 10:11 PM IST
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