उत्तरकाशी: थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत अपने नानी के गांव उत्तरकाशी पहुंचे हुए हैं. जहां ग्रामीणों ने उनका फूल-मालाओं के साथ स्वागत किया. इस मौके पर सेनाध्यक्ष ने बचपन से जुड़ी कुछ यादें ताजा की. साथ ही पहाड़ से पलायन रोकने को लेकर भी चिंता जताई.
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि जिस प्रकार का सौंदर्य और शालीनता इन पहाड़ों में है, वैसा कहीं भी नहीं है. उन्होंने कहा कि आज युवा पीढ़ी पहाड़ों से पलायन कर रही है. जिसे रोकने के लिए विशेष नीतियों के तहत कार्य करना होगा. जिनमें शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे अहम है, जिससे पहाड़ों की धरोहरों को संजोकर रखा जा सके. उन्होंने कहा कि वे पहाड़ के विकास को लेकर मुख्यमंत्री से बात करते रहते हैं. पहाड़ में जब अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और रोजगार मिलेगा तो लोग वापस लौट कर गांव आएंगे.
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वहीं सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने अपने ननिहाल से जुड़ी यादों को याद करते हुए बताया कि वह उनकी मां का जन्म इस गांव में हुआ था और उनका देहरादून में. उन्होंने कहा कि पहली बार जब वे इस गांव में आये थे तो वह मां की गोद में थे, जिसकी तस्वीर आज भी उनके पास है. जिसके बाद उन्होंने बताया कि साल 2004 में वे अपने मामा वकील ठाकुर वीरेंद्रपाल सिंह के साथ ननिहाल और उत्तरकाशी आये थे.
बिपिन रावत का कहना है कि वे बहुत समय से गांव आना चाह रहे थे, लेकिन समय नहीं मिल पाया. लेकिन अब वे जल्द ही सेवानिवृत होने वाले हैं, इससे पहले वे मां गंगा के आशीर्वाद और गांव के लोगों से मिलने आए हैं.