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उत्तरकाशी आपदा: 24 घंटे बाद भी पटवारी तक गांव में नहीं पहुंचा, DM को 2 किमी पहुंचने में 12 घंटे लगे - निराकोट गांव में नहीं पहुंचा प्रशासनिक अधिकारी

उत्तरकाशी में प्राकृतिक आपदा के बाद भी प्रशासनिक सहायता नहीं पहुंच पाई है. निराकोट गांव में 24 घंटे बाद भी पटवारी या अन्य कर्मचारी ने गांव का दौरा नहीं किया है. वहीं डीएम भी अन्य आपदा प्रभावित इलाकों का 12 घंटे बाद दौरा कर रहे हैं.

Uttarkashi
उत्तरकाशी
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Published : Jul 19, 2021, 10:57 PM IST

उत्तरकाशीः मांडो, कंकराड़ी और निराकोट गांव में प्राकृतिक आपदा की घटना को 24 घंटे से अधिक का समय हो चुका है. उसके बावजूद भी निराकोट गांव में ग्रामीणों की सुध लेने के लिए एक पटवारी तक नहीं पहुंचा है. वहीं ग्राम प्रधान के सोशल मीडिया पर नाराजगी जताने के बाद तहसीलदार व पटवारी ने मंगलवार को गांव में आने की बात कही है. इसके अवाला सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व विधायक ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

रविवार रात बादल फटने से मांडो और कंकराड़ी गांव के साथ निराकोट गांव को भी काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, निराकोट में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है. लेकिन ग्रामीणों के खेत सहित घरों को नुकसान पहुंचा है. ग्रामीण गदेरे के उफान से डरे हुए हैं.

निराकोट ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं का कहना है कि आपदा के बाद से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. यहां तक कि पटवारी या ब्लॉक के कर्मचारी ने भी गांववासियों की सूध नहीं ली है. ग्राम प्रधान ने बताया कि गदेरे के उफान पर आने के बाद बड़े-बड़े पेड़ और बोल्डर बहकर गांव के मार्ग पर आ गए हैं. इसके मद्देनजर एक शौचालय टूटने की कगार पर है. कुछ मकानों व एक सरकारी स्कूल के भवन में दरार आ गई है.

ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि गांव के सभी संपर्क मार्ग सहित पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसकी सूचना समय पर जिला प्रशासन को दी गई थी. लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. हालांकि इस बात की नाराजगी जब ग्राम प्रधान ने सोशल मीडिया के जरिए जताई तो उसके बाद तहसीलदार और पटवारी ने मंगलवार को गांव में आने की बात कही है.

ये भी पढ़ेंः तीन जिलों में रेड अलर्ट, उत्तरकाशी के लिए सड़क मार्ग से रेस्क्यू टीम रवाना, कैसे वक्त से पहुंचेगी राहत?

वहीं रविवार देर रात मांडो और कंकराड़ी और निराकोट में आई आपदा के बाद सोमवार को तमाम राजनीतिक दल और जिले के जनप्रतिनिधि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों से मिलते नजर आए. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण सहित पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने जिला प्रशासन की आपदा के दौरान कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला मुख्यालय घटना स्थल से महज 2 किमी की दूरी पर है. इसके बाद भी डीएम 12 घंटे बाद मौके पर पहुंचे. साथ ही घटना के समय डीएम का सरकारी नंबर भी बंद आ रहा था.

हालांकि, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने मांडो में मृतकों के परिवारों को 50 हजार और कंकराड़ी में लापता युवक के परिजनों को 20 हजार की धनराशि मदद के तौर पर दी. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी.

उत्तरकाशीः मांडो, कंकराड़ी और निराकोट गांव में प्राकृतिक आपदा की घटना को 24 घंटे से अधिक का समय हो चुका है. उसके बावजूद भी निराकोट गांव में ग्रामीणों की सुध लेने के लिए एक पटवारी तक नहीं पहुंचा है. वहीं ग्राम प्रधान के सोशल मीडिया पर नाराजगी जताने के बाद तहसीलदार व पटवारी ने मंगलवार को गांव में आने की बात कही है. इसके अवाला सोमवार को जिला पंचायत अध्यक्ष व पूर्व विधायक ने आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

रविवार रात बादल फटने से मांडो और कंकराड़ी गांव के साथ निराकोट गांव को भी काफी नुकसान पहुंचा है. हालांकि, निराकोट में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है. लेकिन ग्रामीणों के खेत सहित घरों को नुकसान पहुंचा है. ग्रामीण गदेरे के उफान से डरे हुए हैं.

निराकोट ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं का कहना है कि आपदा के बाद से कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. यहां तक कि पटवारी या ब्लॉक के कर्मचारी ने भी गांववासियों की सूध नहीं ली है. ग्राम प्रधान ने बताया कि गदेरे के उफान पर आने के बाद बड़े-बड़े पेड़ और बोल्डर बहकर गांव के मार्ग पर आ गए हैं. इसके मद्देनजर एक शौचालय टूटने की कगार पर है. कुछ मकानों व एक सरकारी स्कूल के भवन में दरार आ गई है.

ग्राम प्रधान जितेंद्र सिंह गुसाईं ने बताया कि गांव के सभी संपर्क मार्ग सहित पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो गई है. जिसकी सूचना समय पर जिला प्रशासन को दी गई थी. लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. हालांकि इस बात की नाराजगी जब ग्राम प्रधान ने सोशल मीडिया के जरिए जताई तो उसके बाद तहसीलदार और पटवारी ने मंगलवार को गांव में आने की बात कही है.

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वहीं रविवार देर रात मांडो और कंकराड़ी और निराकोट में आई आपदा के बाद सोमवार को तमाम राजनीतिक दल और जिले के जनप्रतिनिधि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावित लोगों से मिलते नजर आए. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण सहित पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण ने जिला प्रशासन की आपदा के दौरान कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला मुख्यालय घटना स्थल से महज 2 किमी की दूरी पर है. इसके बाद भी डीएम 12 घंटे बाद मौके पर पहुंचे. साथ ही घटना के समय डीएम का सरकारी नंबर भी बंद आ रहा था.

हालांकि, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने मांडो में मृतकों के परिवारों को 50 हजार और कंकराड़ी में लापता युवक के परिजनों को 20 हजार की धनराशि मदद के तौर पर दी. जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने कहा कि आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद की जाएगी.

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