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हर्षिल की खूबसूरत वादियों में विवेक ओबेरॉय बने साधु, ग्रामीणों से मांगा देशी घी

फिल्म निर्देशक ओमंग कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हर्षिल में शूटिंग का अनुभव अलग ही है और हर्षिल में जो सीन फिल्माए गए हैं, उससे फिल्म में जान आ गई है.

हर्षिल में फिल्म की शूटिंग
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Published : Mar 11, 2019, 5:45 PM IST

Updated : Mar 11, 2019, 8:25 PM IST

उत्तरकाशी: फ़िल्म निर्देशक ओमंग कुमार सहित सिने अभिनेता विवेक ओबेरॉय और उनके पिता ने तीन दिन तक हर्षिल सहित झाला और धराली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली बायोपिक फ़िल्म की शूटिंग की. धराली हर्षिल को पूरी तरह कश्मीर के रूप में परिवर्तित किया गया है. इसी के साथ झाला में विवेक ओबेरॉय साधु के वेश में दिखाई दिए. हालांकि इस दौरान विवेक ओबेरॉय ने मीडिया से दूरी बनाए रखी. फिल्म निर्देशक ओमंग कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हर्षिल में शूटिंग का अनुभव अलग ही है और हर्षिल में जो सीन फिल्माए गए हैं, उससे फिल्म में जान आ गई है.

हर्षिल में फिल्म की शूटिंग

पढ़ें-गजबः पर्यटन को लेकर सरकार कर रही बड़े-बड़े दावे और यहां की हकीकत तो देखो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बन रही बायोपिक की तीन दिन शूटिंग हर्षिल, धराली और झाला में की गई. तीन दिन की शूटिंग पूरी होने के बाद विवेक ओबेरॉय ने रविवार शाम को स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की. विवेक ने ग्रामीणों से उनके रोजगार की जानकारी ली. साथ ही ग्रामीणों से वादा किया कि वह दोबारा हर्षिल शूटिंग के लिए आएंगे. साथ ही ग्रामीणों से देशी घी की मांग भी की. वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने विवेक ओबेरॉय के साथ फोटोशूट भी किया. विवेक ओबेरॉय ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान हर्षिल घाटी की जमकर तारीफ की.

फ़िल्म के निर्देशक ओमंग कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हर्षिल में फ़िल्म के जो भी सीन शूट किए गए हैं, उनमें चार चांद लग गए हैं. उन्होंने कहा कि हर्षिल जैसी खूबसूरत जगह अभी तक नहीं देखी थी. साथ ही हर्षिल के मुख्य चौक को कश्मीर के लाल चौक के रूप में पूरी तरह बदल दिया गया था. साथ ही लाल चौक के कुछ शॉट धराली पुल के समीप भी फिल्माए गए. झाला में विवेक ने साधु के रूप में तपस्या भी की.

उत्तरकाशी: फ़िल्म निर्देशक ओमंग कुमार सहित सिने अभिनेता विवेक ओबेरॉय और उनके पिता ने तीन दिन तक हर्षिल सहित झाला और धराली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली बायोपिक फ़िल्म की शूटिंग की. धराली हर्षिल को पूरी तरह कश्मीर के रूप में परिवर्तित किया गया है. इसी के साथ झाला में विवेक ओबेरॉय साधु के वेश में दिखाई दिए. हालांकि इस दौरान विवेक ओबेरॉय ने मीडिया से दूरी बनाए रखी. फिल्म निर्देशक ओमंग कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हर्षिल में शूटिंग का अनुभव अलग ही है और हर्षिल में जो सीन फिल्माए गए हैं, उससे फिल्म में जान आ गई है.

हर्षिल में फिल्म की शूटिंग

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बन रही बायोपिक की तीन दिन शूटिंग हर्षिल, धराली और झाला में की गई. तीन दिन की शूटिंग पूरी होने के बाद विवेक ओबेरॉय ने रविवार शाम को स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की. विवेक ने ग्रामीणों से उनके रोजगार की जानकारी ली. साथ ही ग्रामीणों से वादा किया कि वह दोबारा हर्षिल शूटिंग के लिए आएंगे. साथ ही ग्रामीणों से देशी घी की मांग भी की. वहीं स्थानीय ग्रामीणों ने विवेक ओबेरॉय के साथ फोटोशूट भी किया. विवेक ओबेरॉय ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान हर्षिल घाटी की जमकर तारीफ की.

फ़िल्म के निर्देशक ओमंग कुमार ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि हर्षिल में फ़िल्म के जो भी सीन शूट किए गए हैं, उनमें चार चांद लग गए हैं. उन्होंने कहा कि हर्षिल जैसी खूबसूरत जगह अभी तक नहीं देखी थी. साथ ही हर्षिल के मुख्य चौक को कश्मीर के लाल चौक के रूप में पूरी तरह बदल दिया गया था. साथ ही लाल चौक के कुछ शॉट धराली पुल के समीप भी फिल्माए गए. झाला में विवेक ने साधु के रूप में तपस्या भी की.

Intro:उत्तरकाशी। फ़िल्म निर्देशक उमंग कुमार सहित सिने अभिनेता विवेक ओबरॉय और उनके पिता ने तीन दिन तक हर्षिल सहित झाला और धराली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली बायोपिक फ़िल्म की शूटिंग गयी। धराली हर्षिल को पूरी तरह कश्मीर के रूप में परिवर्तित किया गया। तो साथ झाला में विवेक ओबरॉय साधु वेश में दिखाई दिए। हालांकि विवेक ओबरॉय ने मीडिया से दूरी बनाई रखी। फ़िल्म निर्देशक उमंग कुमार ने etv bharat से बातचीत में बताया कि हर्षिल में शूटिंग का अनुभव अलग ही है और हर्षिल में जो सीन फिल्माए गए हैं । उन्होंने फिल्म में जान ला दी।


Body:वीओ-1, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनने वाली बायोपिक फ़िल्म की तीन दिन शूटिंग हर्षिल और धराली और झाला में की गई। तीन दिन की शूटिंग पूरी होने के बाद विवेक ओबरॉय ने रविवार शाम को स्थानीय ग्रामीणों से मुलाकात की। विवेक ने ग्रामीणों से उनके रोजगार की जानकारी ली। साथ ही ग्रामीणों से वादा किया कि वह दोबारा हर्षिल शूटिंग के लिए आएंगे। साथ ही ग्रामीणों से देशी घी की मांग भी रखी। वही स्थानीय ग्रामीणों ने विवेक ओबरॉय के साथ फोटोशूट भी किया। विवेक ओबरॉय ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान हर्षिल घाटी की जमकर तारीफ की।


Conclusion:वीओ- 2, फ़िल्म के निर्देशक उमंग कुमार ने etv bharat से की बातचीत में बताया कि हर्षिल में फ़िल्म के जो भी सीन शूट किए गए हैं। उनमें चार चांद लग गए हैं । उमंग कुमार ने कहा कि उन्होंने हर्षिल जैसी खूबसूरत जगह अभी तक नहीं देखी थी। साथ ही हर्षिल के मुख्य चौक को कश्मीर के लाल चौक के रूप में पूरी तरह बदल दिया गया था। साथ ही लाल चौक के कुछ शॉट धराली पुल के समीप भी फिल्माए गए। झाला में विवेक ने साधु के रूप में तपस्या भी की। बाईट- उमंग कुमार,निर्देशक। पीटीसी- विपिन नेगी।
Last Updated : Mar 11, 2019, 8:25 PM IST
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