खटीमा: नगर पालिका खटीमा में एक विधवा बीते चार दिनों से अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ धरने पर बैठी है. महिला एक सफाई कर्मचारी है, जो अपनी 2 महीने की तनख्वाह और नौकरी पर रखे जाने की मांग कर रही है. महिला का कहना है कि तनख्वाह न मिलने के कारण उसके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है.
सीमांत तहसील खटीमा विवादों का अड्डा बनता जा रहा है. जहां एक बार फिर एक विधवा महिला जीत देवी अपने दो नाबालिग बच्चों के साथ धरने पर बैठी हैं. धरने पर बैठी विधवा महिला का कहना है कि उसके पति संजय बाल्मीकि नगर पालिका में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे. जिसकी मौत के बाद उन्हें मोहल्ला स्वच्छता समिति के तहत सफाई कर्मचारी के पद पर रखा गया था.
महिला ने बताया कि दो महीने तक उससे सफाई कर्मचारी के तौर पर काम कराया गया, उसके बाद उसे हटा दिया गया. महिला का आरोप है कि नगर पालिका परिषद ना तो उसे फिर से नौकरी पर रखा रहा है और ना ही उन्हें दो महीने की तनख्वाह दी जा रही है. जबकि, उसके 5 बच्चे हैं. तीन लड़की बालिग हैं और दो लड़के नाबालिग हैं.
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इस लॉकडाउन के चलते उन्हें कहीं और काम नहीं मिलने से वह भुखमरी की कगार पर आ गए हैं. मोहल्ले वाले उसे तरस खाकर भोजन दे रहे हैं. वहीं, महिला की मांग है कि नगर पालिका प्रशासन उसे जल्द से जल्द नौकरी पर रखे और तनख्वाह भी दे.
वहीं, नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी धर्मानंद शर्मा का कहना है कि धरने पर बैठी विधवा महिला जीत देवी की मांगों के संबंध में उनकी तरफ से कार्रवाई पूरी कर ली गई है. जिसकी रिपोर्ट नगर पालिका अध्यक्षा सोनी राणा को भेजी गई है.