खटीमा: उधम सिंह नगर की सीमांत तहसील में भारत नेपाल बॉर्डर पर बहने वाली शारदा नदी में तटबंध काटते हुए नियमों के विपरीत खनन किए जाने से शारदा नदी किनारे ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जिससे ग्रामीणों ने प्रदर्शन करके कंपनी का खनन कार्य रुकवा दिया है. चंपावत के बनबसा में बनाए जा रहे सूखा बंदरगाह के निर्माण के लिए शारदा नदी से खनन करने की अनुमति उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को मिली है. उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से शारदा नदी में खनन किया जा रहा है.
भारत नेपाल सीमा पर बनाए जा रहे व्यापारिक केंद्र सूखा बंदरगाह के निर्माण हेतु उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा शारदा नदी से प्राइवेट कंपनी को मिट्टी निकालने का कार्य दिया गया था. शारदा नदी से खनन कर रही प्राइवेट कंपनी द्वारा पोकलैंड मशीनों से खनन करते हुए मानकों को ताक पर रखकर नदी के बांध को काटकर मिट्टी निकाली जा रही है. शारदा नदी के तटबंध को काटकर निकाली जा रही मिट्टी के चलते शारदा नदी के किनारे बसी बस्ती पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैंं. शारदा नदी में मानकों के विपरीत किए जा रहे खनन से नाराज शारदा नदी के किनारे बसी बस्तियों के ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए खनन कर रही कंपनी का खनन कार्य रोक दिया है.
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आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह शारदा नदी में तटबंध को काटते हुए खनन किया गया है. उससे अगर नदी का बांध टूट गया तो आसपास के ग्रामीण इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाएगी. साथ ही प्राइवेट कंपनी द्वारा खनन करते हुए बिजली के खंभों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. वहीं, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मोहम्मद उमर खान ने बताया कि शारदा नदी के बांध कटाव मामले में कंपनी को निर्देशित किया है कि जल्द बांध को ठीक नहीं कराया गया, तो विभाग प्राइवेट कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करेगा.
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