गदरपुर: सुंदरपुर गांव के सबसे पुराने निजी स्कूल और मुख्य मार्ग के समीप तालाब में मिट्टी खुदान को लेकर ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन का विरोध किया. साथ ही ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन से तालाब के सौन्दर्यीकरण की मांग की. वहीं, खुदान के लिए पहुंचे तहसील प्रशासन को विरोध के चलते मौके से बैरंग लौटना पड़ा.
गदरपुर के सुंदरपुर गांव में उस वक्त गांव वाले भड़क उठे जब तहसील प्रशासन की ओर से गांव में बने एक निजी स्कूल और मुख्य सड़क के समीप तालाब में मिट्टी खुदान का कार्य किया जा रहा था. जिसे देखकर ग्रामीणों ने जमकर तहसील प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वहीं ,ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए तहसील प्रशासन बैरंग लौट गए. मौके पर मौजूद किसी भी प्रशासनिक अधिकारियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
आपको बता दें कि उत्तराखंड के कई स्थानों व सरकारी तालाबों को भूमाफिया द्वारा कब्जा कर लिया गया है. जिसे खाली कराने के लिए हाई कोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है. जिसके चलते तहसील प्रशासन द्वारा सरकारी तालाब व जमीन को अपने कब्जे में लेकर उसका सौंदर्यीकरण या ठेके में देने का अभियान चला रखा है. उसी कड़ी में आज तहसील प्रशासन द्वारा ग्रामीणों के कब्जे से तालाब को अपने कब्जे में लेकर उसका खुदान का कार्य कर रहे थे. जिसे देख कर ग्रामीण इकट्ठा होकर तहसील प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया.
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ग्रामीणों ने कहा कि पहले के नक्शे में कुछ और था और आज के नक्शे में कुछ और है. हमें इसमें धांधली नजर आ रहा है. पिछले 50 सालों से यहां पर स्कूल के पास तालाब है और सुंदरपुर गांव के मुख्य मार्ग के साथ लगा हुआ है. अगर इस तालाब में मिट्टी खुदान किया जाता है तो आने वाले बरसात में गांव का मुख्य सड़क टूट जाएगा. जिससे ग्रामीणों को आने जाने में परेशानियो का सामना करना पड़ेगा. इसलिए हम तहसील प्रशासन द्वारा खुदान कार्य का पुरजोर विरोध करते हैं और प्रशासन से मांग करते हैं कि इस तालाब का खुदान ना किया जाए बल्कि, इस तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाए.