काशीपुरः जसपुर शुगर मिल स्थित श्री शानदार इंडस्ट्रीज में बीती रात एलपीजी रिसाव के कारण भीषण अग्निकांड की घटना हुई थी. इस अग्निकांड के बाद उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्राधिकारी नरेश गोस्वामी ने घटनास्थल पर पहुंचकर फैक्ट्री का मुआयना किया. इस दौरान उन्होंने फैक्ट्री से संबंधित कई अहम खुलासे भी किए. जिसके तहत इस फैक्ट्री में इससे पहले प्रतिबंधित प्रोडक्ट बनाने के दोष में जुर्माने की कार्रवाई की गई थी. इसके अलावा बंदी की कार्रवाई के लिए भी संस्तुति विभाग से की जा चुकी है.
गौर हो कि बीती 23 नवंबर की रात को जसपुर में नादेही रोड पर सिडकुल में स्थित श्री शानदार फाइबर इंडस्ट्रीज नामक फैक्ट्री में एलपीजी गैस के रिसाव से अचानक आग लग गई थी. अग्निकांड में फैक्ट्री में मौजूद कई श्रमिक आग की चपेट में आ गए थे. जिनमें से अभयराजपुर निवासी 29 वर्षीय अर्जुन त्यागी की मौके पर मौत हो गई. जबकि जसपुर के पास ग्राम मंडुआखेडा निवासी संजय कुमार और यूपी के सीमावर्ती ग्राम अभयराजपुर के रहने वाले राहुल कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए. जिन्हें उपचार के लिए काशीपुर भेजा गया. जहां से दोनों को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया.
वहीं, दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बरेली के एक अस्पताल में ले जाया गया. जहां दोनों का इलाज चल रहा है. देर रात्रि लगी आग बुझाने में दमकल विभाग के जसपुर, काशीपुर और बाजपुर की 6 गाड़ियां और 3 गाड़ियां निजी फैक्ट्री से बुलवाई गईं. फैक्ट्री में आग से लाखों रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है. फायर ब्रिगेड की टीम ने करीब 8 से 9 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
संबंधित खबर पढ़ेंः जसपुर की श्री शानदार इंडस्ट्रीज में लगी भीषण आग, एक की मौत, दो झुलसे, 9 घंटे बाद पाया काबू
उधर, घटना के बाद आज शाम उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttarakhand Pollution Control Board) के क्षेत्राधिकारी नरेश गोस्वामी ने घटनास्थल पर पहुंचे और जानकारी जुटाई. इस दौरान नरेश गोस्वामी ने बताया कि श्री शानदार इंडस्ट्रीज नामक यह फैक्ट्री थर्माकोल के कप, प्लेट आदि प्रोडक्ट बनाने की फैक्ट्री थी. उन्होंने कहा कि पूर्व में उनकी ओर से इस फैक्ट्री में प्रतिबंधित प्रोडक्ट बनाने की वजह से जुर्माने की कार्रवाई भी की गई थी.
उन्होंने अपने मुख्य कार्यालय को फैक्ट्री बंदी की कार्रवाई के लिए भी संस्तुति की थी. उन्होंने कहा कि पिछले महीने 4 अक्टूबर को इसी फैक्ट्री में प्रतिबंधित थर्माकोल की कप प्लेट आदि प्रोडक्ट बनाने के जुर्म में 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था. साथ ही इस फैक्ट्री की बंदी (Shree Shandar Industries Fire broke out) के लिए भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य कार्यालय को संस्तुति भेजी गई थी.
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जिस फैक्ट्री पर थर्माकोल के प्रतिबंधित प्रोडक्ट को बनाने के मामले में ₹5 लाख जुर्माने और बंदी की संस्तुति शासन को की गई. ऐसे में सवाल उठता रहा है कि यह फैक्ट्री आखिर किसकी शह पर चल रही थी. वहीं, अब इस फैक्ट्री में अग्निकांड के बाद शासन-प्रशासन अब किस तरह की कार्रवाई अमल में लाता है, यह भी देखने वाली बात होगी.