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देश ने खोए अपने दो जांबाज, अंतिम विदाई में फूट-फूटकर रोये खटीमा के लोग - two-soldiers-of indian army died

खटीमा की धरती ने सेना में रहकर देश सेवा कर रहे अपने दो लाल एक साथ खो दिए हैं. तीन कुमाऊं रेजिमेंट के चंद्रशेखर पाठक का ड्यूटी के दौरान असम में आकस्मिक निधन हो गया. वहीं तीन कुमाऊं रेजिमेंट के ही विनोद चंद ने कमांड हॉस्पिटल लखनऊ में बीमारी के चलते अंतिम सांस ली है.

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जवान
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Published : Sep 17, 2020, 7:25 AM IST

खटीमा: तीन कुमाऊं रेजिमेंट के कुटरा निवासी जवान चंद्रशेखर पाठक असम में तैनात थे. उनका आकस्मिक निधन हो गया. चंद्रशेखर अपने पीछे अपनी धर्म पत्नी जानकी देवी, पुत्र पीयूष व माताजी को छोड़ दुनिया से विदा हो गए. उनका पार्थिव शरीर जब खटीमा उनके आवास लाया गया तो पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया.

उधर तीन कुमाऊं रेजीमेंट के ही सेना के जवान विनोद चंद ट्यूमर की वजह से लखनऊ के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती थे. छह महीने से उनका इलाज चल रहा था. विनोद वर्तमान में 15 कुमाऊं रेजिमेंट में अटैच थे. डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. विनोद अपने पीछे पत्नी बबीता, पुत्र नितिन व जितेंद्र को छोड़ गए हैं.

पढ़ें: पिथौरागढ़: सेना और ग्रामीणों में विवाद के बाद रिपोर्ट दर्ज, जानें वजह

दोनों जवानों के शव जब उनके घर लाए गए तो माहौल गमगीन हो गया. श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया. भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन गंभीर सिंह धामी ने पुष्पचक्र अर्पित कर दोनों जवानों को श्रद्धांजलि दी. दोनों जवानों के अंतिम संस्कार के समय सेना के जवानों और अफसरों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. सेना ने सम्मान के साथ मां भारती के दोनों लालों को बनबसा में शारदा नदी के घाट पर अंत्येष्टि कर अंतिम विदाई दी.

खटीमा: तीन कुमाऊं रेजिमेंट के कुटरा निवासी जवान चंद्रशेखर पाठक असम में तैनात थे. उनका आकस्मिक निधन हो गया. चंद्रशेखर अपने पीछे अपनी धर्म पत्नी जानकी देवी, पुत्र पीयूष व माताजी को छोड़ दुनिया से विदा हो गए. उनका पार्थिव शरीर जब खटीमा उनके आवास लाया गया तो पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया.

उधर तीन कुमाऊं रेजीमेंट के ही सेना के जवान विनोद चंद ट्यूमर की वजह से लखनऊ के कमांड हॉस्पिटल में भर्ती थे. छह महीने से उनका इलाज चल रहा था. विनोद वर्तमान में 15 कुमाऊं रेजिमेंट में अटैच थे. डॉक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका. विनोद अपने पीछे पत्नी बबीता, पुत्र नितिन व जितेंद्र को छोड़ गए हैं.

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दोनों जवानों के शव जब उनके घर लाए गए तो माहौल गमगीन हो गया. श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया. भूतपूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन गंभीर सिंह धामी ने पुष्पचक्र अर्पित कर दोनों जवानों को श्रद्धांजलि दी. दोनों जवानों के अंतिम संस्कार के समय सेना के जवानों और अफसरों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. सेना ने सम्मान के साथ मां भारती के दोनों लालों को बनबसा में शारदा नदी के घाट पर अंत्येष्टि कर अंतिम विदाई दी.

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