काशीपुर: एसआईटी ने बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का लेकर समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैकों में छापेमारी की. इस मामले में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही जिले भर में से अब तक 29 मुकदमें पंजीकृत किए गए हैं. जिसमें 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्थित 15 शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में हैं.
अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय काशीपुर में जिले के एसआईटी सह प्रभारी देवेन्द्र पिंचा ने घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में सर्वाधिक 15 मुकदमें जसपुर पुलिस थाने में दर्ज कराए गए. जिसमें जांच के दौरान एसआईटी टीम ने थाना जसपुर के नत्था सिंह निवासी सतेन्द्र कुमार, नगर पंचायत महुआ डाबरा निवासी महिलाल और निवारमुण्डी निवासी प्रमोद सैनी समेत छह को गिरफ्तार किया गया.
एसआईटी सह प्रभारी पिंचा ने बताया कि पूछताछ के दौरान उक्त लोगों ने टीम को बताया कि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों के शैक्षिक और अन्य दस्तावेज पिछली क्लास की स्कॉलरशिप दिलाने, बीएड और अन्य कोर्स करवाने, सरकारी योजना, गरीबी योजना जैसे प्रलोभन दिए. फिर उन दस्तावेजों को एकत्र कर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में छात्रों के फर्जी एडमिशन कराए. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कई मामलों में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी ओबीसी वर्ग में दर्शाकर स्कॉलरशिप ली गई. कुछ मामलों में कक्षा 6 और 12वीं तक के छात्रों को भी बीएड में प्रवेश दिखाया गया.
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उन्होंने बताया कि पूछताछ में कई अन्य एजेंटों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले से संबंधित समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैंकों की भूमिका के संबंध में भी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस घोटाले से संबंधित एक आरोपी थाना जसपुर ग्राम भगवंतपुर निवासी कमलजीत फरार है.