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छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी की बड़ी कार्रवाई, अधिवक्ता समेत छह गिरफ्तार

एसआईटी ने बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. अभी तक 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.

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छात्रवृत्ति घोटाला
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Published : Feb 7, 2020, 10:14 PM IST

काशीपुर: एसआईटी ने बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का लेकर समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैकों में छापेमारी की. इस मामले में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही जिले भर में से अब तक 29 मुकदमें पंजीकृत किए गए हैं. जिसमें 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्थित 15 शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में हैं.

अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय काशीपुर में जिले के एसआईटी सह प्रभारी देवेन्द्र पिंचा ने घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में सर्वाधिक 15 मुकदमें जसपुर पुलिस थाने में दर्ज कराए गए. जिसमें जांच के दौरान एसआईटी टीम ने थाना जसपुर के नत्था सिंह निवासी सतेन्द्र कुमार, नगर पंचायत महुआ डाबरा निवासी महिलाल और निवारमुण्डी निवासी प्रमोद सैनी समेत छह को गिरफ्तार किया गया.

एसआईटी सह प्रभारी पिंचा ने बताया कि पूछताछ के दौरान उक्त लोगों ने टीम को बताया कि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों के शैक्षिक और अन्य दस्तावेज पिछली क्लास की स्कॉलरशिप दिलाने, बीएड और अन्य कोर्स करवाने, सरकारी योजना, गरीबी योजना जैसे प्रलोभन दिए. फिर उन दस्तावेजों को एकत्र कर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में छात्रों के फर्जी एडमिशन कराए. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कई मामलों में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी ओबीसी वर्ग में दर्शाकर स्कॉलरशिप ली गई. कुछ मामलों में कक्षा 6 और 12वीं तक के छात्रों को भी बीएड में प्रवेश दिखाया गया.

ये भी पढ़ें: पिछले तीन वर्षों में बालगृहों में यौन उत्पीड़न की 49 शिकायतें मिलीं

उन्होंने बताया कि पूछताछ में कई अन्य एजेंटों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले से संबंधित समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैंकों की भूमिका के संबंध में भी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस घोटाले से संबंधित एक आरोपी थाना जसपुर ग्राम भगवंतपुर निवासी कमलजीत फरार है.

काशीपुर: एसआईटी ने बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच का लेकर समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैकों में छापेमारी की. इस मामले में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही जिले भर में से अब तक 29 मुकदमें पंजीकृत किए गए हैं. जिसमें 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में स्थित 15 शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में हैं.

अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय काशीपुर में जिले के एसआईटी सह प्रभारी देवेन्द्र पिंचा ने घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में सर्वाधिक 15 मुकदमें जसपुर पुलिस थाने में दर्ज कराए गए. जिसमें जांच के दौरान एसआईटी टीम ने थाना जसपुर के नत्था सिंह निवासी सतेन्द्र कुमार, नगर पंचायत महुआ डाबरा निवासी महिलाल और निवारमुण्डी निवासी प्रमोद सैनी समेत छह को गिरफ्तार किया गया.

एसआईटी सह प्रभारी पिंचा ने बताया कि पूछताछ के दौरान उक्त लोगों ने टीम को बताया कि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों के शैक्षिक और अन्य दस्तावेज पिछली क्लास की स्कॉलरशिप दिलाने, बीएड और अन्य कोर्स करवाने, सरकारी योजना, गरीबी योजना जैसे प्रलोभन दिए. फिर उन दस्तावेजों को एकत्र कर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में छात्रों के फर्जी एडमिशन कराए. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कई मामलों में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी ओबीसी वर्ग में दर्शाकर स्कॉलरशिप ली गई. कुछ मामलों में कक्षा 6 और 12वीं तक के छात्रों को भी बीएड में प्रवेश दिखाया गया.

ये भी पढ़ें: पिछले तीन वर्षों में बालगृहों में यौन उत्पीड़न की 49 शिकायतें मिलीं

उन्होंने बताया कि पूछताछ में कई अन्य एजेंटों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस घोटाले से संबंधित समाज कल्याण विभाग और विभिन्न बैंकों की भूमिका के संबंध में भी जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस घोटाले से संबंधित एक आरोपी थाना जसपुर ग्राम भगवंतपुर निवासी कमलजीत फरार है.

Intro:Summary- प्रदेश के बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की आंच अब समाज कल्याण विभाग व विभिन्न बैंकों तक पहुंच गयी। एसआईटी टीम ने इस मामले में एक अधिवक्ता समेत 6 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जिलेभर में अब तक 29 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं। जिनमें जनपद भर में अब तक कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में स्थित 15 शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में हैं।

एंकर- प्रदेश के बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच की आंच अब समाज कल्याण विभाग व विभिन्न बैंकों तक पहुंच गयी। एसआईटी टीम ने इस मामले में एक अधिवक्ता समेत 6 और लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में जिलेभर में अब तक 29 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं। जिनमें जनपद भर में अब तक कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में स्थित 15 शिक्षण संस्थान जांच के दायरे में हैं।
Body:वीओ- आज शाम काशीपुर के अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय काशीपुर में जिले के एसआईटी सह प्रभारी देवेन्द्र पिंचा ने घोटाले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में सर्वाधिक 15 अभियोग जसपुर पुलिस में दर्ज कराये गये। जिनकी जांच के दौरान एसआईटी टीम ने थाना जसपुर के मोहल्ला नत्था सिंह निवासी सतेन्द्र कुमार एडवोकेट पुत्र उमादत्त, नगर पंचायत महुआडाबरा निवासी महिलाल पुत्र बाल किशन, निवारमुण्डी निवासी प्रमोद सैनी पुत्र सुखलाल सिंह, ग्राम मेघावाला निवासी चट्टान सिंह पुत्र चौखेे सिंह, मोहल्ला पट्टी चौहान निवासी चन्द्र प्रकाश पुत्र सौनाथ सिंह, ग्राम अंगदपुर निवासी तेजपाल पुत्र ओम प्रकाश को विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार किया गया है। एसआईटी सह प्रभारी पिंचा ने बताया कि पूछताछ के दौरान उक्त लोगों ने टीम को बताया कि विभिन्न क्षेत्रों से छात्रों के शैक्षिक व अन्य दस्तावेज पिछली क्लास की स्काॅलरशिप दिलाने, बीएड व अन्य कोर्स करवाने, सरकारी योजना, गरीबी योजना आदि विभिन्न प्रलोभनों से दस्तावेजों को एकत्र कर उनके आधार पर विभिन्न शिक्षण संस्थानों में छात्रों के फर्जी प्रवेश दर्शाकर समाज कल्याण विभाग से स्काॅलरशिप आहरित करवायी गई। पूछताछ में पकड़े गये लोगों ने बताया कि कई मामलों में सामान्य वर्ग के छात्रों को भी ओबीसी वर्ग में दर्शाकर स्काॅलरशिप ली गयी तथा कुछ मामलों में कक्षा 6 व 12वीं तक के छात्रों को भी बीएड में प्रवेश दिखाया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ में कई अन्य एजेंटों के नाम भी प्रकाश में आये हैं जिन्हें चिन्हित किया जा रहा है। एसआईटी सह प्रभारी पिंचा ने बताया कि इस घोटाले से संबंधित समाज कल्याण विभाग व विभिन्न बैंकों की भूमिका के संबंध में भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले से संबंधित एक आरोपी थाना जसपुर ग्राम भगवंतपुर निवासी कमलजीत पुत्र नरेन्द्र सिंह फरार है। जिसकी कुर्की वारंट की कार्यवाही की जा रही है।

बाइट- देवेंद्र पींचा, एसआईटी सह-प्रभारीConclusion:
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