रुद्रपुर: देश को हरित क्रांति देने वाला कृषि विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. केंद्रीय विश्विद्यालय बनाने को लेकर शिक्षक संघ और कर्मचारी यूनियन ने भी मोर्चा खोल दिया है. इसके लिए पंतनगर शिक्षक संघ और कर्मचारी यूनियन द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. शिक्षक संघ और कर्मचारी यूनियन दस हजार हस्ताक्षरों की यह प्रति राज्य एंव केंद्र सरकार को भेजेगी.
विश्विद्यालय के शिक्षक एसोसिएशन व कर्मचारी ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार कृषि विश्वविद्यालय को सही ढंग से संचालित नहीं कर रही है. आलम ये है कि विश्वविद्यालय की साख नीचे गिर रही है. सरकार से बजट न मिलने के चलते शोध कार्यों में भी काफी परेशानी हो रही है.
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बजट के आभाव के चलते विश्वविद्यालय में नया निर्माण या शोध कार्यों में जरूरत के यंत्र नही खरीदा जा रहा है. जिस कारण वैज्ञानिकों के साथ- साथ छात्रों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि कृषि विश्व विद्यालय के वार्षिक बजट 240 करोड़ है, लेकिन राज्य द्वारा इसके एवज में 180 करोड़ का ही बजट विश्वविद्यालय को दिया जा रहा है. जिस कारण विश्वविद्यालय सिमट कर 13 जिलों तक ही रह गया है.
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गौरतलब है कि पूर्व में भी पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय की मांग उठ चुकी है. कर्मचारी ट्रेड यूनियन सयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए शिक्षकगण और कर्मचारी हस्ताक्षर अभियान चल रहे हैं. वह राज्य व केंद्र के 10 हजार गणमान्य लोगों के हस्ताक्षर कर भारत सरकार और राज्य सरकार को उसकी प्रतिलिपि सौंपकर केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग करेंगे.