रुद्रपुर: नाबालिग को प्यार के जाल में फंसा कर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले के मामले में हल्द्वानी की पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही आरोपी पर 46 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से सात गवाह पेश किए गए थे.
इस मामले में 30 सितम्बर 2017 को बाजपुर थाने में पीड़िता के पिता ने तहरीर दी थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि दसवीं क्लॉस में पढ़ने वाली उनकी दस साल की नाबालिग बेटे है. जिसे स्कूल आते-जाते समय इस्लाम नगर निवासी अजय तंग करता था. अजय नाबालिग को पत्र देकर कहता है कि वो उससे प्यार करता है. अजय ने उनकी नाबालिग बेटी का बहला फुसला कर अपहरण कर लिया था और बाद में उसे व पिता को जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुराचार किया.
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इस दौरान अजय ने नाबालिग अश्लील वीडियो भी बना लिया था, जिसके बाद उसने लड़की को ब्लैकमेल कर कई बार दुष्कर्म किया. अजय से परेशान होकर नाबालिग ने एक दिन जहरील पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की. आनन फानन में परिजन उसे अस्पताल लेकर गए, जहां पर होश आने पर नाबालिग ने परिजनों को पूरी बात बताई. पिता ने पुलिस की तहरीर पर अजय के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था.
नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट में भी दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी. इसके बाद पुलिस 1 अक्टूबर को अजय को गिरफ्तार कर लिया था. तब से ही ये मामला रुद्रपुर के पॉक्सो कोर्ट में चल रहा था. सोमवार को इस मामले में पॉक्सो कोर्ट की जज विजय लक्ष्मी विहान ने अजय को दोषी मानते हुए 7 साल के कठोर कारावास और 46 हजार के अंर्थदंड की सजा सुनाई है.