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रुद्रपुर में अवैध संबंध में बाधक बने पति का प्रेमी के साथ मिलकर किया मर्डर, अब जिंदगी भर की जेल

जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Rudrapur District and Sessions Judge) रजनी शुक्ला ने पति की हत्या में दोषी पत्नी, उसके प्रेमी व प्रेमी की पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. मारे गए शख्स की पत्नी अल्पना सिंह ने गिरफ्तारी के बाद पूरे राज से पर्दा उठाया था.

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रुद्रपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश
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Published : Jun 11, 2022, 7:01 AM IST

रुद्रपुर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Rudrapur District and Sessions Judge) रजनी शुक्ला ने पति की हत्या में दोषी पत्नी, उसके प्रेमी व प्रेमी की पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा 13 गवाह पेश किए गए. जिसके बाद कोर्ट ने अनिल कुमार सिंह को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा, पति की हत्या की आरोपी पत्नी अल्पना सिंह व प्रेमी अनिल की पत्नी रुक्मणी देवी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

प्लास्टिक के कट्टे में मिली थी लाश: 4 अप्रैल 2019 की प्रातः 6.40 बजे ट्राजिंट कैंप पुलिस को सूचना मिली की गंगापुर रोड स्थित श्मशान घाट के पास किसी की लाश पड़ी है. जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां एक स्कूटी खड़ी थी. पास में एक युवक की लाश प्लास्टिक के कट्टे से ढकी हुई थी. पुलिस ने पूछताछ की तो लाश राणा प्रताप सिंह की निकली. उसके भाई शिवाजी सिंह ने शव की शिनाख्त की. वहीं ट्राजिंट कैंप थाने में रिपोर्ट लिखाई कि 3 अप्रैल की शाम करीब 7 बजे भाई के मोबाइल पर अनिल कुमार सिंह का फोन आया था कि आज उसने मछली बनायी है. तुम मेरे घर आ जाओ मिलकर खाएंगे. जिसके बाद भाई अपनी स्कूटी से चला गया और अगले दिन प्रातः उसकी लाश मिली.

कॉल डिटेल से पुलिस को हुआ शक: पुलिस ने राणा प्रताप सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो शाम को 6.55 बजे अनिल कुमार सिंह का फोन आया था. जिसके बाद पुलिस ने अनिल की तलाश शुरू कर दी. 5 अप्रैल को अनिल कुमार सिंह व उसकी पत्नी रुक्मणी देवी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अनिल के राणा प्रताप की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे जिसमें राणा प्रताप सिंह बाधक बन रहा था. यह पता चला कि हत्या के दिन अनिल व अल्पना के बीच 15 बार बातें हुई थी.

पढ़ें-हरिद्वार लाइब्रेरी घोटाले में BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को बड़ी राहत, HC में याचिका निस्तारित

जिसमें उन्होंने हत्या की पूरी साजिश रची थी. पुलिस को अनिल ने पूछताछ के दौरान बताया कि शाम को राणा प्रताप को उसने अपने घर बुलाया और साथ में खाया पिया. जब राणा प्रताप नशे में घुत हो गया तो फावड़े के डंडे से उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी. लाश को कट्टे में डालकर स्कूटी पर रखकर श्मशान घाट के पास फेंक दिया. इधर अनिल कुमार सिंह की पत्नी भी इस हत्या की घटना में शामिल थी. उसने हत्या के समय फर्श पर गिरे व दीवार पर लगे खून को साफ किया था. पुलिस ने अनिल के घर पर फोरेंसिक टीम बुलायी जिसमें दीवार पर लगे खून व मृतक के सिर के टूटे बाल जांच में मैच कर गए.

पढ़ें-देहरादून में शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज

कोर्ट में 13 गवाह हुए पेश: पुलिस ने राणा प्रताप की पत्नी अल्पना सिंह को काफी तलाश करने के बाद 11 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया. उसने पूछताछ के दौरान अपने व अनिल के बीच अवैध संबंध व बाधक बन रहे अपने पति राणा प्रताप सिंह की हत्या की साजिश का खुलासा किया था. यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रजनी शुक्ला की कोर्ट में चला, जिसमें अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने 13 गवाह पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने अनिल कुमार सिंह को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा, पति की हत्या की आरोपी पत्नी अल्पना सिंह व प्रेमी अनिल की पत्नी रुक्मणी देवी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

रुद्रपुर: जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Rudrapur District and Sessions Judge) रजनी शुक्ला ने पति की हत्या में दोषी पत्नी, उसके प्रेमी व प्रेमी की पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा 13 गवाह पेश किए गए. जिसके बाद कोर्ट ने अनिल कुमार सिंह को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा, पति की हत्या की आरोपी पत्नी अल्पना सिंह व प्रेमी अनिल की पत्नी रुक्मणी देवी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई.

प्लास्टिक के कट्टे में मिली थी लाश: 4 अप्रैल 2019 की प्रातः 6.40 बजे ट्राजिंट कैंप पुलिस को सूचना मिली की गंगापुर रोड स्थित श्मशान घाट के पास किसी की लाश पड़ी है. जिस पर पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां एक स्कूटी खड़ी थी. पास में एक युवक की लाश प्लास्टिक के कट्टे से ढकी हुई थी. पुलिस ने पूछताछ की तो लाश राणा प्रताप सिंह की निकली. उसके भाई शिवाजी सिंह ने शव की शिनाख्त की. वहीं ट्राजिंट कैंप थाने में रिपोर्ट लिखाई कि 3 अप्रैल की शाम करीब 7 बजे भाई के मोबाइल पर अनिल कुमार सिंह का फोन आया था कि आज उसने मछली बनायी है. तुम मेरे घर आ जाओ मिलकर खाएंगे. जिसके बाद भाई अपनी स्कूटी से चला गया और अगले दिन प्रातः उसकी लाश मिली.

कॉल डिटेल से पुलिस को हुआ शक: पुलिस ने राणा प्रताप सिंह के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो शाम को 6.55 बजे अनिल कुमार सिंह का फोन आया था. जिसके बाद पुलिस ने अनिल की तलाश शुरू कर दी. 5 अप्रैल को अनिल कुमार सिंह व उसकी पत्नी रुक्मणी देवी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अनिल के राणा प्रताप की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे जिसमें राणा प्रताप सिंह बाधक बन रहा था. यह पता चला कि हत्या के दिन अनिल व अल्पना के बीच 15 बार बातें हुई थी.

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जिसमें उन्होंने हत्या की पूरी साजिश रची थी. पुलिस को अनिल ने पूछताछ के दौरान बताया कि शाम को राणा प्रताप को उसने अपने घर बुलाया और साथ में खाया पिया. जब राणा प्रताप नशे में घुत हो गया तो फावड़े के डंडे से उसके सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी. लाश को कट्टे में डालकर स्कूटी पर रखकर श्मशान घाट के पास फेंक दिया. इधर अनिल कुमार सिंह की पत्नी भी इस हत्या की घटना में शामिल थी. उसने हत्या के समय फर्श पर गिरे व दीवार पर लगे खून को साफ किया था. पुलिस ने अनिल के घर पर फोरेंसिक टीम बुलायी जिसमें दीवार पर लगे खून व मृतक के सिर के टूटे बाल जांच में मैच कर गए.

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कोर्ट में 13 गवाह हुए पेश: पुलिस ने राणा प्रताप की पत्नी अल्पना सिंह को काफी तलाश करने के बाद 11 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया. उसने पूछताछ के दौरान अपने व अनिल के बीच अवैध संबंध व बाधक बन रहे अपने पति राणा प्रताप सिंह की हत्या की साजिश का खुलासा किया था. यह मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय रजनी शुक्ला की कोर्ट में चला, जिसमें अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने 13 गवाह पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने अनिल कुमार सिंह को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा, पति की हत्या की आरोपी पत्नी अल्पना सिंह व प्रेमी अनिल की पत्नी रुक्मणी देवी को आजीवन कारावास व 20-20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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