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रुद्रपुर: नागरिकता संशोधन बिल का विरोध, मुस्लिम संगठनों ने किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भारत सरकार इस बिल के जरिए भेदभाव कर रही है. सरकार मुसलमानों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है.

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रुद्रपुर
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Published : Dec 16, 2019, 10:32 PM IST

रुद्रपुर: नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर पूरे भारत में घमासान मचा हुआ है. सोमवार को रुद्रपुर में भी मुस्लिम समाज के लोगों ने बिल का विरोध किया. उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपा. जिसमें इस बिल को गैर कानूनी करार देने की मांग की गई.

सीएबी बिल के विरोध में मस्जिदों के इमाम, हजरात और कमेटियों के अध्यक्षों ने डीएम ऑफिस के बाहर हाथों में तख्ती लेकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन में माध्यम से मांग की है कि वे सभी लोगों को नागरिक संशोधन बिल में शामिल किया जाए.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

पढ़ें- पांच दिनों से बंद पड़ा पिथौरागढ़-चंपावत हाईवे, लोगों को करना पड़ा रहा भारी मुश्किलों का सामना

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भारत सरकार इस बिल के जरिए भेदभाव कर रही है. सरकार मुसलमानों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है. सरकार ने पहले तीन तलाक और अब नागरिक संशोधन 2019 बिल लाकर मुस्लिमों को परेशान किया है. भारत हर धर्म को मानने वालों का देश है, लेकिन नागरिक संशोधन बिल एकता, धर्मनिरपेक्षता और आपसी भाई-चारे को खत्म करने वाला है.

रुद्रपुर: नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर पूरे भारत में घमासान मचा हुआ है. सोमवार को रुद्रपुर में भी मुस्लिम समाज के लोगों ने बिल का विरोध किया. उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौपा. जिसमें इस बिल को गैर कानूनी करार देने की मांग की गई.

सीएबी बिल के विरोध में मस्जिदों के इमाम, हजरात और कमेटियों के अध्यक्षों ने डीएम ऑफिस के बाहर हाथों में तख्ती लेकर विरोध किया. इस दौरान उन्होंने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया. प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन में माध्यम से मांग की है कि वे सभी लोगों को नागरिक संशोधन बिल में शामिल किया जाए.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

पढ़ें- पांच दिनों से बंद पड़ा पिथौरागढ़-चंपावत हाईवे, लोगों को करना पड़ा रहा भारी मुश्किलों का सामना

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भारत सरकार इस बिल के जरिए भेदभाव कर रही है. सरकार मुसलमानों के अधिकारों को छीनने की कोशिश कर रही है. सरकार ने पहले तीन तलाक और अब नागरिक संशोधन 2019 बिल लाकर मुस्लिमों को परेशान किया है. भारत हर धर्म को मानने वालों का देश है, लेकिन नागरिक संशोधन बिल एकता, धर्मनिरपेक्षता और आपसी भाई-चारे को खत्म करने वाला है.

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कम्पलीट खबर

Summry - एनआरसी बिल के विरोध में आज मुस्लिम समाज के लोग जिला मुख्यालय रुद्रपुर पहुचे जहा पर उनके द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देते हुए इस बिल को गैर कानूनी करार देने की मांग की है।

एंकर - एनआरसी ओर सीएबी बिल के विरोध में आज मुस्लिम समुदाय के मस्जिदों के इमाम, हजरात ओर कमेटियों के अध्यक्षो द्वारा डीएम दफ्तर के बाहर हाथों में तख्ती लेते हुए विरोध किया। इस दौरान उन्होंने डीएम के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भी प्रस्तुत किया गया। उन्होंने बताया कि नागरिक संशोधन बिल में सभी को शामिल किया गया है लेकिन इस्लाम को मानने वालों के साथ भारत सरकार भेद भाव कर रही है। उन्होंने राष्ट्रपति से ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए कहा कि इस बिल को खारिज कर दिया जाए।

Body:वीओ - नागरिक संशोधन बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद कुछ संगठनों द्वारा देश भर में इसका विरोध किया जा रहा है आज जिला मुख्यालय रुद्रपुर डीएम दफ्तर के बाहर शहर की तमाम मस्जिदों के इमाम, हजरत वह कमेटियों के अध्यक्षों द्वारा हाथ में तख्ती लेकर बिल का विरोध करते हुए महामहिम राष्ट्रपति को डीएम के माध्यम से एक ज्ञापन प्रस्तुत किया इस दौरान प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस बिल में सभी लोगो को जोड़ा गया है लेकिन इस्लाम से जुड़े लोगों को नही जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों से मुसलमानों के अधिकारों को छीनने की कोशिश की जा रही है और उन्हें परेशान करने का प्रयास किया जा रहा है पहले तीन तलाक का कानून का बिल सरकार द्वारा पास करा दिया गया अब भारत सरकार ने नागरिक संशोधन 2019 बिल कानून बनाया है।उन्होंने कहा कि भारत हर धर्म को मानने वाला देश है लेकिन नागरिक संशोधन बिल एकता, धर्मनिरपेक्षता ओर आपसी भाई चारे को खत्म करने वाला है। उन्होंने कहा कि यह मसला मुल्क के मुसलमानों का नही बल्कि हर उस सख्स का है जो भारत के सविधान में विश्वास रखता है। उन्होंने कहा कि यह अपमान सविधान निर्माता का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह कानून देश मे सेक्यूलर, मजहब के लिए नुकशान दायक हो सकता है। इस्लाम को मानने वालों को नागरिकता से वंचित रखना सरासर द्वारा मुसलमानों पर जुल्म ओर ना इंसाफि कर रही है। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन देने हुए कहा कि इस बिल को गैर कानूनी करार देते हुए भारत सरकार से खत्म कराए।

बाइट - मौलाना इमामुद्दीन रजवी, शहर इमाम जामा मस्जिद। Conclusion:
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