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गजबः यहां दो कमरों में चलती है नर्सरी से 10वीं तक की क्लास, शिक्षक खुद हैं छात्र - उत्तराखंड शिक्षा व्यवस्था

प्रदेश में कुछ स्कूल संचालक पैसों के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. काशीपुर के गिरीताल में भी दो कमरों में नर्सरी से लेकर 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं. इस स्कूल में मात्र 2 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य हैं. इनमें एक शिक्षक 10वीं पास तो दूसरी शिक्षिका बीएससी की छात्रा है.

kashipur private school
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Published : Sep 9, 2019, 9:51 PM IST

Updated : Sep 9, 2019, 11:07 PM IST

काशीपुरः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन नीजि स्कूल भी कम नहीं हैं. आलम ये है कि पैसों के लालच में निजी स्कूल के प्रबंधक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं कतरा रहे हैं. इसकी बानगी काशीपुर में देखने को मिल रही है. यहां पर दो कमरों में नर्सरी से लेकर 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं.

काशीपुर में संचालित स्कूल.

भले ही प्रदेश सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. कई निजी स्कूल के प्रबंधकों ने स्कूल खोलकर इसे धंधा बना दिया है. जिसके नतीजन कुछ स्कूल संचालक पैसों के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रहे है.

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दरअसल, मामला काशीपुर के गिरीताल का है. यहां पर आनंद पब्लिक हाई स्कूल नाम से एक स्कूल संचालित किया जा रहा है. आलम तो ये है कि स्कूल एक दुकान और एक कमरे में संचालित हो रही है. जिसमें कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं. एक कमरे में नर्सरी से कक्षा 9 तक के बच्चे और दुकान में कक्षा 10, 11 और 12वीं के बच्चे पढ़ते हैं.

इतना ही नहीं, इस स्कूल में मात्र 2 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य हैं. इनमें एक शिक्षक 12वीं पास तो दूसरी शिक्षिका बीएससी की छात्रा है. जो यहां बच्चों को पढ़ाते हैं. जबकि, शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट विद्यालय के अध्यापकों को डीएलएड करवाकर योग्य शिक्षक बनवाने का काम किया है. इतना ही नहीं बच्चों के बैठने और पढ़ने की उचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है.

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उधर, मीडिया की टीम स्कूल की जानकारी लेने के लिए पहुंची, लेकिन इससे पहले ही प्रधानाचार्य मौके से फरार हो गए. टीम को देखकर स्कूल के शिक्षक के हाथ-पांव फूल गए. इतना ही नहीं आनन-फानन में स्कूल की छुट्टी भी कर दी गई.

मामले पर उपखंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी का कहना है कि इससे पहले भी स्कूल का निरीक्षण किया गया है. स्कूल के प्रबंधक से बात करने की कोशिश की जा रही है. मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही इसे बंद कराया जाएगा.

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वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार लगातार छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है. कांग्रेस की सरकार के समय में घोटाले बाजी चलती रही है. कोई भी स्कूल फर्जी तरीके से काशीपुर में संचालित किया जा रहा है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे. छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है.

काशीपुरः सूबे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन नीजि स्कूल भी कम नहीं हैं. आलम ये है कि पैसों के लालच में निजी स्कूल के प्रबंधक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं कतरा रहे हैं. इसकी बानगी काशीपुर में देखने को मिल रही है. यहां पर दो कमरों में नर्सरी से लेकर 10वीं तक की कक्षाएं संचालित हो रही हैं.

काशीपुर में संचालित स्कूल.

भले ही प्रदेश सरकार निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लाख दावे करती हो, लेकिन धरातल पर ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. कई निजी स्कूल के प्रबंधकों ने स्कूल खोलकर इसे धंधा बना दिया है. जिसके नतीजन कुछ स्कूल संचालक पैसों के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से भी पीछे नहीं हट रहे है.

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दरअसल, मामला काशीपुर के गिरीताल का है. यहां पर आनंद पब्लिक हाई स्कूल नाम से एक स्कूल संचालित किया जा रहा है. आलम तो ये है कि स्कूल एक दुकान और एक कमरे में संचालित हो रही है. जिसमें कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं. एक कमरे में नर्सरी से कक्षा 9 तक के बच्चे और दुकान में कक्षा 10, 11 और 12वीं के बच्चे पढ़ते हैं.

इतना ही नहीं, इस स्कूल में मात्र 2 अध्यापक और एक प्रधानाचार्य हैं. इनमें एक शिक्षक 12वीं पास तो दूसरी शिक्षिका बीएससी की छात्रा है. जो यहां बच्चों को पढ़ाते हैं. जबकि, शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट विद्यालय के अध्यापकों को डीएलएड करवाकर योग्य शिक्षक बनवाने का काम किया है. इतना ही नहीं बच्चों के बैठने और पढ़ने की उचित व्यवस्था भी उपलब्ध नहीं है.

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उधर, मीडिया की टीम स्कूल की जानकारी लेने के लिए पहुंची, लेकिन इससे पहले ही प्रधानाचार्य मौके से फरार हो गए. टीम को देखकर स्कूल के शिक्षक के हाथ-पांव फूल गए. इतना ही नहीं आनन-फानन में स्कूल की छुट्टी भी कर दी गई.

मामले पर उपखंड शिक्षा अधिकारी गीतिका जोशी का कहना है कि इससे पहले भी स्कूल का निरीक्षण किया गया है. स्कूल के प्रबंधक से बात करने की कोशिश की जा रही है. मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही इसे बंद कराया जाएगा.

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वहीं, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि प्रदेश सरकार लगातार छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है. कांग्रेस की सरकार के समय में घोटाले बाजी चलती रही है. कोई भी स्कूल फर्जी तरीके से काशीपुर में संचालित किया जा रहा है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे. छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है.

Intro:उधम सिंह नगर काशीपुर ।

स्लग : शिक्षा बनी मजाक
रिपोर्टर : राजेन्द्र चन्द्रा
स्टेशन : काशीपुर

एंकर : भले ही प्रदेश सरकार निजी और सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के दावे करती है लेकिन काशीपुर में कुछ स्कूल प्रबंधकों ने शिक्षा को मजाक बनाकर रख दिया है। जिसका नतीजा है स्कूल प्रबंधक पैसों के लालच के चलते छात्रों के भविष्य के साथ खेलने से भी नहीं चूक रहे हैं। आलम यह है किस देश का भविष्य कहे जाने वाले मासूमों की जिंदगी के साथ शिक्षा के मंदिर में खिलवाड़ किया जा रहा है। पेश है रिपोर्ट ............

Body:वीओ 1 : हर माता और पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे अच्छे स्कूलों में जाकर बेहतर शिक्षा ग्रहण करें और देश की तरक्की नहीं योगदान दें। लेकिन वर्तमान समय में कुछ लोगो ने शिक्षा को अपना धंधा बनाकर रख दिया है। जिसका नतीजा है कि कुछ स्कूल संचालक पैसों के लालच में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नही हट रहे है। मामला काशीपुर के गिरीताल का है, जहा आनंद पब्लिक हाई स्कूल नाम से एक विद्यालय संचालित किया जा रहा है। इस विद्यालय की खासियत यह है कि यह विद्यालय एक दुकान ओर एक कमरे में संचालित किया जा रहा है। जिसमे कक्षा नर्सरी से 11वी तक के छात्र छात्राए शिक्षा ग्रहण करते है। एक कमरे में नर्सरी से कक्षा 9 तक के बच्चे और दुकान में कक्षा 10 ओर 11 के बच्चे पढ़ते है। यही नही इस विद्यालय में मात्र 2 अध्यापक ओर एक प्रधानाचार्य है जो इस विद्यालय के बच्चों को शिक्षा देते है। जहा बच्चों के बैठने ओर पढ़ने की उचित व्यवस्था भी नही है। शिक्षकों की खासियत यह है कि एक शिक्षक 12वी पास तो दूसरी शिक्षक बीएससी की छात्रा है। जबकि शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट विद्यालय के अध्यापकों को डीएलएड भी करवाकर योग्य शिक्षक बनवाने का काम किया है। जब मीडिया विद्यालय की जानकारी लेने के लिए पहुची तो पहले स्कूल के प्रधानाचार्य ही मौके से फरार हो गए और स्कूल के शिक्षक हैरान हो गए। यही नही कुछ ही समय से विद्यालय की छुट्टी भी कर दी गई।

बाइट : स्कूली छात्र
बाइट : स्कूली शिक्षक - 1
बाइट : स्कूली शिक्षक - 2

वीओ 2 : काशीपुर में शिक्षा के नाम पर चल रहे काले धंधे को लेकर जब प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार लगातार छात्रों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि पूर्व की सरकार के समय में घोटालेबाजी चलती रही है, लेकिन अगर कोई विद्यालय फर्जी तरीके से काशीपुर में संचालित किया जा रहा है तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है।

बाइट : अरविंद पांडेय ............. शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकारConclusion:
Last Updated : Sep 9, 2019, 11:07 PM IST
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