रुद्रप्रयाग: 2013 की केदारनाथ आपदा में अपना बहुत कुछ गंवा चुके तीर्थ पुरोहितों को अबतक उनका हक नहीं मिला है. तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि न तो अभीतक उन्हें भूमि का हक दिया गया और न ही आपदा के बाद बने भवनों को उनके हवाले न किया गया है. इसको लेकर उन्होंने आपत्ति जताई है और 15 सितंबर तक मांग पूरी न होने पर 16 सितंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है.
केदारसभा के पदाधिकारियों ने कहा कि बीते कई सालों से धाम में मास्टर प्लान के तहत कार्य चल रहे हैं, लेकिन प्रशासन पुरोहितों से किसी भी प्रकार की राय नहीं ले रहा है. कई भवनों पर खाली करने के नोटिस लगा दिए हैं. सरकार और प्रशासन अपनी नीतियां भी स्पष्ट नहीं कर रहा है कि आखिर धाम में होना क्या है?
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आरोप है कि 2013 की आपदा के बाद से लगभग 75 लोग बिना भवनों के हैं. केदारनाथ के लोगों को पूर्व की भांति अभी तक भूमि का अधिकार नहीं मिल पाया है. उन्होंने यह भी कहा कि आपदा में ध्वस्त भवनों का सही मूल्यांकन नहीं हो पाया है और उन्हें कम मुआवजा मिला है. आज कई लोग अपने भवनों से वंचित हैं, जिस कारण उनके सामने रोजी रोटी का भी अभाव बना हुआ है.
केदारसभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि उनकी मुख्य मांग यही है कि उन्हें भूमि का अधिकार दिया जाये. साथ ही जिनके भवन बन गए हैं, उन्हें भवन दिए जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन की नीति स्पष्ट नहीं है, जिस कारण वह असमंजस की स्थिति में हैं.
उन्होंने कहा कि लगभग 75 लोगों को आपदा के बाद से भवन नहीं मिल पाए हैं, जिस कारण इन लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट बना हुआ है. यदि 15 सितंबर तक तीर्थ पुरोहितों की मांगों पर अमल नहीं होता है, तो 16 सितंबर से वह आंदोलन शुरू कर देंगे.