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खटीमा में लग रहा स्वच्छ भारत मिशन को पतीला, खुले में शौच करने पर मजबूर 100 परिवार

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Published : Aug 29, 2022, 5:31 PM IST

खटीमा के हल्दी घेरा गांव के गुर्जर समाज के लोग खुले में शौच को मजबूर हैं. 50 सालों से बसे लगभग 100 गुर्जर परिवार शौचालय के अभाव में आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

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खटीमाः दुनियाभर में संपूर्ण स्वच्छता प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इन्ही प्रयासों में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत, देश में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वयं को 'खुले में शौच से मुक्त' (ओडीएफ) घोषित किया. लेकिन उत्तराखंड के खटीमा में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं.

उधमसिंह नगर जिले के विधानसभा खटीमा के यूपी सीमा से सटे हल्दी घेरा गांव के गुर्जर समाज के 100 परिवार खुले में शौच जाने के लिए (Lack of toilets in Haldi Ghera village) मजबूर हैं. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन योजना को पलीता लग रहा है. खटीमा के हल्दी घेरा ग्राम सभा में 50 सालों से बसे लगभग 100 गुर्जर परिवार शौचालय के अभाव में आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा समाज को स्वच्छ बनाने और घरों में शौचालयों का निर्माण करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री शौचालय योजना को लागू किया गया.
ये भी पढ़ेंः फेसबुक पर हुआ प्यार, परिवार छोड़ बच्चे के साथ मुंबई से रुड़की पहुंची महिला, हुआ हंगामा

इससे जरिए देश के उन नागरिकों के घरों में शौचालय बनाए जाएंगे, जो आर्थिक तंगी का शिकार हैं. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि दो वर्ष पूर्व गुर्जर समाज के लोगों ने शौचालय के लिए आवेदन किया लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण आज भी लगभग 100 परिवार कुल आबादी लगभग तीन सौ से अधिक लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के चलते खुले में शौच जाने से जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है.

खटीमाः दुनियाभर में संपूर्ण स्वच्छता प्राप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. इन्ही प्रयासों में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. इसके तहत, देश में सभी गांवों, ग्राम पंचायतों, जिलों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर, 2019 को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक स्वयं को 'खुले में शौच से मुक्त' (ओडीएफ) घोषित किया. लेकिन उत्तराखंड के खटीमा में आज भी लोग खुले में शौच के लिए मजबूर हैं.

उधमसिंह नगर जिले के विधानसभा खटीमा के यूपी सीमा से सटे हल्दी घेरा गांव के गुर्जर समाज के 100 परिवार खुले में शौच जाने के लिए (Lack of toilets in Haldi Ghera village) मजबूर हैं. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन योजना को पलीता लग रहा है. खटीमा के हल्दी घेरा ग्राम सभा में 50 सालों से बसे लगभग 100 गुर्जर परिवार शौचालय के अभाव में आज भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं. स्वच्छ भारत मिशन के द्वारा समाज को स्वच्छ बनाने और घरों में शौचालयों का निर्माण करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रधानमंत्री शौचालय योजना को लागू किया गया.
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इससे जरिए देश के उन नागरिकों के घरों में शौचालय बनाए जाएंगे, जो आर्थिक तंगी का शिकार हैं. लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि दो वर्ष पूर्व गुर्जर समाज के लोगों ने शौचालय के लिए आवेदन किया लेकिन सुनवाई नहीं होने के कारण आज भी लगभग 100 परिवार कुल आबादी लगभग तीन सौ से अधिक लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के चलते खुले में शौच जाने से जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है.

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