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कोश्यारी के गांव वाले बोले- क्या उन्हें वोट देने का ही है अधिकार है या मिलेगी सुविधा भी?

कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के गृह क्षेत्र गूलरभोज के 8 गांव के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है.

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान.
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Published : Mar 31, 2019, 9:56 PM IST

Updated : Apr 1, 2019, 9:22 PM IST

उधम सिंह नगर: कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के गृह क्षेत्र गूलरभोज के 8 गांव के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया. साथ ही किसी भी नेता को गांव में न घुसने की चेतावनी दी.

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान.

बता दें कि नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा के सांसद भगत सिंह कोश्यारी के परिवार वाले भी देश आजाद होने से पहले गूलरभोज गांव में रहते थे. भगत सिंह कोश्यारी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में इसी क्षेत्र के सांसद है. उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाला गूलरभोज गांव में सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है. जिसके चलते आज भी लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

पढ़ें:लोकसभा चुनाव के सियासी रंग, कहीं हुए भावुक तो कहीं थिरकते दिखे प्रत्याशी

ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नेता चुनाव के समय सिर्फ कोरा आश्वासन देकर चले जाते हैं. जिसके बाद 5 साल तक मुंह मोड़ लेते हैं. गुस्साए ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधि से सवाल किया कि क्या उन्हें सिर्फ वोट देने का ही अधिकार है. इसके अलावा मूलभूत सुविधा का कोई अधिकार नहीं. ग्रामीणों ने कहा कि 71 सालों में किसी भी नेता ने हमारी समस्या को नहीं सुना. जिसके चलते आज तक यहां सड़क नहीं पहुंची और नाव के सहारे ही आना-जाना पड़ता है.

ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को अपने वाहन भी नाव पर रखकर आना पड़ता है. जिससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं. आवागमन के साधन न होने के कारण स्कूल जाने में भी परेशानी होती है. जिस कारण बच्चे आगे नहीं पढ़ पाते. कई बार नाव के पलटने की घटनाएं भी हो चुकी हैं. जिसमें स्कूल बैग समेत किताब पानी में बह जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस बार किसी ने लिखित में आश्वासन नहीं दिया तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

उधम सिंह नगर: कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के गृह क्षेत्र गूलरभोज के 8 गांव के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन कर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है. प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाया. साथ ही किसी भी नेता को गांव में न घुसने की चेतावनी दी.

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान.

बता दें कि नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा के सांसद भगत सिंह कोश्यारी के परिवार वाले भी देश आजाद होने से पहले गूलरभोज गांव में रहते थे. भगत सिंह कोश्यारी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में इसी क्षेत्र के सांसद है. उधम सिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाला गूलरभोज गांव में सड़क जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है. जिसके चलते आज भी लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है.

पढ़ें:लोकसभा चुनाव के सियासी रंग, कहीं हुए भावुक तो कहीं थिरकते दिखे प्रत्याशी

ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नेता चुनाव के समय सिर्फ कोरा आश्वासन देकर चले जाते हैं. जिसके बाद 5 साल तक मुंह मोड़ लेते हैं. गुस्साए ग्रामीणों ने अपने जनप्रतिनिधि से सवाल किया कि क्या उन्हें सिर्फ वोट देने का ही अधिकार है. इसके अलावा मूलभूत सुविधा का कोई अधिकार नहीं. ग्रामीणों ने कहा कि 71 सालों में किसी भी नेता ने हमारी समस्या को नहीं सुना. जिसके चलते आज तक यहां सड़क नहीं पहुंची और नाव के सहारे ही आना-जाना पड़ता है.

ग्रामीणों ने बताया कि लोगों को अपने वाहन भी नाव पर रखकर आना पड़ता है. जिससे कई बार हादसे भी हो चुके हैं. आवागमन के साधन न होने के कारण स्कूल जाने में भी परेशानी होती है. जिस कारण बच्चे आगे नहीं पढ़ पाते. कई बार नाव के पलटने की घटनाएं भी हो चुकी हैं. जिसमें स्कूल बैग समेत किताब पानी में बह जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि अगर इस बार किसी ने लिखित में आश्वासन नहीं दिया तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

Intro:एंकर - जहां एक और पूरे भारतवर्ष में लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व मनाया जा रहा है वही कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे के गृह क्षेत्र गूलरभोज के 8 गांव के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन करते हुए लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार और किसी भी नेता को गांव में घुसने से किया मना
आपको बता दे कि नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा में एक ऐसा भी गांव है जो लगभग पिछले 71 सालों से बदहाली की आंसू वहा रहे हैं गांव से बाहर जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है जो कि नाव के सहारे जाना पड़ता है
नैनीताल उधम सिंह नगर लोकसभा के सांसद भगत सिंह कोश्यारी के परिवार बाले भी देश आजाद होने से पहले इसी गावो में रह रहे है भगत सिंह कोश्यारी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं वर्तमान में सांसद हैBody:वही ग्रामीणों का कहना है कि हम वोट क्यों दें हमें क्या फायदा हर साल नेता चुनाव के समय गांव में सिर्फ कोरा आश्वासन देकर चले जाते है उसके बाद 5 साल तक मुंह मोड़ लेते हैं क्या हमे सिर्फ वोट देने का अधिकार है इसके अलावा कोई मूलभूत अधिकार नहीं है क्या दिया आज तक जो मांग रहे हैं वोट हो गई जिंदगी नरक हमारी मांगते मांगते रोड लेकिन 71 सालों में अभी तक कोई भी नेता ने हमारी समस्या को नहीं सुना तो हम क्यों दे वोट जब हमें रोड मिलेगा तब भी हम बोल देंगे वरना हम किसी भी चुनाव में मतदान नहीं करेंगे
71 वर्ष हो गए देश को आजाद हुए उसके बाद कई नेता चुनाव के समय झूठे वादे करके चले जाते है गांव में कोई बीमार पड़ जाए या महिला को डिलीवरी के लिए डॉक्टर के पास जाना पड़े तो कोई रास्ता नहीं गांव में ही दम तोड़ देते हैं डॉक्टर के पास जाने के लिए स्कूल जाने के लिए कोई भी रोट नही है सिर्फ नाव के सहारे ही जा सकते हैं इसलिए गांव के कई सारे बच्चे पढ़ाई से हो रहे हैं वंचित

वीओ 1
एक और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हाईटेक का सपना दिखा रहे हैं और
21वीं सदी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है पूरे भारतवर्ष में कही पर किसी भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां पर रोड नही है परंतु अभी भी उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के गूलरभोज में रोड के लिए तरस रहे है गांव बाले


वीओ 2 आज गांव के सैकड़ों लोगों ने धरना प्रदर्शन करते हुए हंगामा किया की रोड नहीं तो वोट नहीं और 2019 लोकसभा का चुनाव में किसी भी नेता को गांव में घुसने नहीं देंगे ग्रामीणों का कहना है हमें केवल वोट के लिए प्रयोग करते हैं हम लोगों को कोई भी सरकारी सुविधा आजतक नहीं मिल पा रहा है इसीलिए पहले गांव में रोड उसके बाद हम मतदान करेंगे गांव के लोगों में काफी नाराजगी है उनका सीधा कहना है कि सबसे पहले गांव में रोड की व्यवस्था करें फिर जाके वोट मांगने आए

वीओ 3
गांव में पहुंचने के लिए किस सिर्फ नाम का ही एक मात्र नाव का सहारा है वह लोग अपने वाहन नाव के ऊपर रखकर डैम पार करते हैं विभिन्न सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया स्थानीय ग्रामीण की माने तब आवागमन के साधन ना होने के कारण हमें स्कूल जाने में बहुत परेशानी होती है जिस कारण बच्चे आगे नहीं पढ़ पाते कई बार नाव की पलटने की भी घटनाएं हो चुकी है जिसमें स्कूल बैग बसते भी जाते हैं हम लोग रास्ते से ही वापस आ जाते हैं अगर इस बार किसी ने भी लिखित आश्वासन नहीं दिया तो हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे बुक्सा जनजाति के लोगों की जमीन सन 72 में जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने डैम का उद्घाटन किया था तब हमें जमीन के बदले जमीन देने का आश्वासन दिया गया था जो कि आज तक पूरा नहीं हुआ है जो जमीन किसी किसान को मिली भी है तो वह सिर्फ पट्टे वाली है पक्की जमी ने हमें कहीं नहीं अलॉट की गई तथा इस गांव में हम मूल निवासी हैं था लगभग ढाई 100 वर्ष से हमारे बाप दादा के बाद हम लोग रह रहे हैं लेकिन आने जाने की सुविधा आज तक प्राप्त नहीं हो सकी है। आवागमन की सुविधा ना होने के कारण एक व्यक्ति को सांप ने काट लिया था तथा उसकी हॉस्पिटल पहुंचने से पूर्व ही मृत्यु हो गई थी ऐसी कई 1 घटनाएं हो चुकी हैं तथा गर्भवती तथा बीमार व्यक्तियों को ले जाने में बहुत परेशानी होती है पांडे जी मंत्री तो बन गए लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं कियाConclusion:बाइट - ग्रामीण
बाइट - ग्रामीण
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Last Updated : Apr 1, 2019, 9:22 PM IST
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